SEBA Class 8 Hindi Chapter 4 जलाशय के किनारे कुहरी थीं

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SEBA Class 8 Hindi Chapter 4 जलाशय के किनारे कुहरी थीं

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जलाशय के किनारे कुहरी थीं

अभ्यास – माला

पाठ से

1. कविता को ध्यान से पढ़ी और उसमें चित्रित जलाशय के सौन्दर्य का वर्णन करो।

उत्तरः इस जलाशय में जब कुहरो से घेरा हुआ था, तो उस के पास रहनेवाला हर चीज नहीं दिखाई पड़ा, आमों की झूकी डालियों से जलाशय घेरा हुआ; जुगनूँ के दम-दमके यहाँ-वहाँ चमकना, नारियल के क्रम से हिंले का दृश्य, पपीहा का मीठी-मीठी बोली, आकाश के तारे उजाला और छिपा हुआ दृश्य।

2 ‘जलाशय के किनारे कुहरी थी’- कविता का भावार्थ अपने शब्दो में लिखो।

उत्तरः ‘जलाशय के किनारे कुहरी थी’ नामक कविता में कवि निरालाजी ने एक प्राकृतिक सौन्दर्य सुन्दर रूप से वर्णन किया है, इस कविता में उल्लेख करनेवाला सौन्दर्य किसी मनुष्य को नहीं भूला सकता। कारण इस जलाशय को कुहरी से घेरा हुआ हैं। और ऐसा लगता है कि जलाशय में कुदरत को चादर ओढ़ दिया।

3. संक्षेप में उत्तर दो।

(क) जलाशय के किनारे घना अंधकार क्यों छाया हुआ था?

उत्तरः जलाशय के किनारे कुहरी से घेरा हुआ हैं; आम की डाल पानी पर आई है। इस कारण, जलाशय घन अंधकार और छाया हुआ है।

(ख) सुबह प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?

उत्तरः सुबह होते ही पूर्व में सूरज उगा होता है और प्रकृति की गोद में उजाला फेलाता है। पशु-पक्षियों अपना-अपना कर्तव्य पर व्यस्त होते हैं। नद, नदियाँ और समुद्रह में भी लहरी से प्रकृति में आमूल परिवर्तन होते हैं।

(ग) कविता में वर्णित पशु-पक्षियों के नाम और उनके कार्यकलापों का उल्लेख करो।

उत्तरः पपीहा, सियार।

पपीहा – यह चिड़िया को मीठी-मीठी वोली से सभी मन (दिल) को भूला देता हो। डालियों पर गाना गाकर प्रकृति को खुश रखता है।

सियार – सियार एक जगली जानवर है। वह एक मासंभोजी जानवर है। वह सब से दुस्त जानवर है। बह बिल के अन्दर रहता है। वे साल में दो-तीन बच्चें पैदा करते हैं। 

(घ) कविता में कुछ वृक्षों का उल्लेख है। उनके नाम और उपयोगिता बताओ।

उत्तर: कविता में उल्लेखित वृक्षों का नाम है-आम, नारियल, ताड़ आदि हैं।

आम फलों में से एक है। आम को फलों का राजा होता है। आम खाने से शरीर को मजबूत बनाता है। आम खाने से शरीर में भिन्न-भिन्न स्थानें पर अनेक उपयोगिताँए हैं।

4. नीचे दिए गए उत्तरों में से एक सही उत्तर चूनों।

(क) आम की डाल कहाँ आई हुई थी?

1. जलाशय के किनारे।

2. पानी पर।

3. नारियल के पेड़ पर।

4. ताड़ के पेड़ पर।

उत्तरः आम की डाल पानो पर आई हुइ थी।

(ख) किसके दल यहाँ-वहाँ चमक रहे थे?

1. जुगनूँ के।

2. पपीहा के।

3. स्यार के।

4. कोयल के।

उत्तरः जुगनू के दल यहाँ-वहाँ चमक रहे थे।

(ग) लहरें कहाँ उट रही थीं?

1. नदीमे।

2. जलाशयमे।

3. आकाशमे।

4. सगरमें।

उत्तरः लहरे जलाश्यमें उठ रही थी।

5. पर्ण व मे उतर दो।

(क) कस कह-छाया हुआ था?

उत्तरः जलाशय के किनारे कुयासा से छाया हुआ है।

(ख) एक में किसकी सुगंध मिली हुई थी?

उत्तरः हवा में परिमल की सुंगध मिली हुई थी।

(ग) पेड़ी की ओट में छिपकर कौन गा रहा था?

उत्तरः पेड़ो की ओट में पपीहा गा रहा था।

(घ) तरे कब छिप गए?

उत्तरः तारे दिन में छिप गए।

(ङ) तारे कह चमकने लगा?

उत्तरः तारे आकाश में चमकने लगा। 

S.L. No.CONTENTS
1भारत हमको जान से प्यारा हौ
2कश्मीरी सेब
3मैडम मेरी क्यूरी
4जलाशय के किनारे कुहरी थीं
5उससे न कहना
6भारतीय संगीत की एक झलक
7पहली बूँद
8भारत दर्शन
9जैसे को तैसा
10गोकुल लीला
11भारत की भाषिक एकता
12बाढ़ का मुकाबला
13मेरा नया बचपन
14मैं हूँ महाबाहु ब्रह्मपुत्र

पाठ आस-पास 

1. ऋतु परिवर्तन से मानव जीवन पर गहर-असर पड़ना है- इस कथम पर पच पतय लिखो।

उत्तरः ऋतु परिवर्तन के साथ मौसम थी परिवर्तन होता है। हमारे खाना-पीना का परिवर्तन होता है। इसके कारण सदर्दी और गर्मी का प्रभाव पड़ता है। ऋतु परिवर्तन के साथ खाद्य-वस्तु आदि पर गहरें प्रभाव पड़ता है। हर प्रयोगशाली चीजें ऋतु के कारण लाया जाता है।

2. किस ऋतु में कुहासा छापा रहता है? कुहासो से मानव और प्रकृति को होनेबाले नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त करो।

उत्तरः शीत काल का ऋतु में कुहासा छाया रहता है।

3. तुम्हारे परिचित जलाशय के किनारे क्या-क्या देखने को मिलते है, पर्यवेक्षण करो और अपने अनुभव साथियों के साथ बाँटो।

उत्तरः खुद अपने करो।

4. जीव-जन्तुओं पर ऋतु परिवर्तन का कैसा प्रभाव पड़ता है, इस विषय पर पाँच पंक्तियाँ लिखो।

उत्तर: ऋतु परिवर्तन का गहरें प्रभाव जीव-जतुंओं पर पड़ता है-ऋतु परिवर्तन के साथ-साथ जीव-जंतुओं का ढहरना अलग अलग होता है। इस प्रभाव से खाना-पीना भी परिवर्तन होता है। सरदी या गर्मी में रहनेवाले हर-जंतुओं का जीना अलग है। ऋतु परिवर्तन से जीव- जंतुओं का बहुत तकलीफ होते हैं। मौसम परिवर्तन नहीं होता यो जीव-जतुंओं का मृत्यु भी हो सकता है।

भाषा-अध्ययन 

1. कविता में आए क्रियापदों में किस काल की बदलता है? उदाहरण देकर समझाओ।

उत्तर: कविता में आए क्रियापदों का प्रयोग भूतकाल में हुआ है।

उदाहरण: 1. जलाशय के किनारे कुहरी थी।

2. हरे-नीले पत्तों का घेरा था।

प्रथम वाक्य में थूतकाल को स्त्रीलिगं एक वचन में है।

द्वितीय वाक्य मे भुतकाल का पुंलिगं एक वचन में है।

2 लिम्नलिखित पंक्तियों को गद्यानुरूप क्रम दो।

(क) पपीहा पुकार रहा था छिपा।

उत्तरः छिपा पपीहा पुकार रहा था।

(ख) स्यार वि थे आराम से।

उत्तरः स्यार आराम से विचरते थे। 

ज्ञान एंव योग्यता विस्तार 

1. प्रकृति से संबंधित किसी अन्य कविता का संग्रह करो (प्रयोजन हो ती सिक्षक-शिक्षिका की मदद लो।)

उत्तरः खूद आपने करो।

2. ताड़ और नारियल के पेड़ हमारे लिए बड़े उपयोगी होते हैं। ये दोनों लग-भग एक ही प्रजाति के वृक्ष हैं। परन्तु इन में बहुत अंतर है। ये बृक्ष हमारे किस काम आते हैं और दोनों में क्या अंतर हैं-पूरी जानकारी प्राप्त करो।

उत्तर: ताड़ और नारियल के पेड़ हमारे जीवन में अनेक काम आते हैं। नारियल का फल से हमें विभिन्न-विभिन्न काम में ब्यवहार करते हैं। ताड़ का फल से हमें ज्यादा ज्योग नहीं करते हैं। फल का वकला से आजकल रस्सियाँ बनाते हैं। घरेलू जीवन में इसका प्रयोग बहुत होते हैं। आसे इसका अनेक उपयोगिताए हैं।

इन दोनों वृक्ष में अंतर है। नारियल के पड़े का पत्ता चिरा होता और ताड़ के पेड़ का पत्ता वृत्त की तरह होता है। नारियल का फल ज्यादा मिठास है। लेकिन ताड़ का फल इतना मिठास नहीं है।

2. प्रातःकालका सौन्दर्य देखो और अपनी पुस्तिका मै उस दृश्य को अंकित करो।

शब्दथ:

कुहरी – कोहरा, कुहासा।

जलाशय – जल से पूर्ण स्थान, जैसौ-तालाब, सरोवर, पोखर आदि।

डेरा – रहने का स्थान।

जुगनूँ – जुगनी, खद्योत (अपने शरीर से प्रकाश निकालने बाला एक कीड़ा)।

परिमल – सुगंध।

मलय – वायु, पवन, हवा।

दमके – चमकने लगे।

ताड़ – ताड़ के पेड़।

स्यांर – सियार, गीदड़।

विचरते थे – घुमते थे।

लहर – तरंग।

ताक रहे थे – देख रहे थे।

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