SEBA Class 10 Hindi MIL Chapter 8 आत्म निर्भरता

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SEBA Class 10 Hindi MIL Chapter 8 आत्म निर्भरता

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आत्म निर्भरता

गद्य खंड

अम्यास-माला

बोध एवं विचार

1. सही बिकल्प का चयन कीजिए:

(क) किस राजा ने विपत्तियों में भी सत्य का सहारा नहीं छोड़ा?

(i) राजा हरिचंद्र।

(ii) महाराणा प्रताप।

(iii) पृथ्वीराज चौहान।

(iv) जयचंद्र।

उत्तर: (i) राजा हरिचंद।

(ख) कौन-से कवि जीवन भर विलासी राजाओं के हाथ की कठपुतली बने रहे?

(i) तुलसीदास।

(ii) कुंभनदास।

(iii) केशवदास।

(iv) कबीरदास।

उत्तरः (ii) कुंभनदास।

(ग) किस कवि ने अकबर के बुलाने पर फतेहपुर सीकरी जाने से इनकार कर दिया था?

(i) कबीरदास।

(ii) तुलसीदास।

(iii) केशवदास।

(iv) कुंभनदास।

उत्तर: (iv) कुंभनदास।

(घ) अमेरिका की खोज किसने की थी?

(i) वास्कों डिगामा।

(ii) कोलंबस।

(iii) हॉकिन्स।

(iv) जॉर्ज वाशिंगटन।

उत्तर: (ii) कोलंबस।

2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए:

(क) आत्म-संस्कार के लिए क्या आवश्यक माना गया है?

उत्तरः आत्म-संस्कार के लिए मानसिक स्वतंत्रता को आवश्यक माना गया है।

(ख) युवाओं को सदा क्या स्मरण रखना चाहिए?

उत्तरः युवाओं को यह स्मरण करना चाहिए कि वह बहुत कम बातें जानता है, अपने ही आदर्श से वह बहुत नीचे है और उसकी आकाक्षाएं उसकी योग्यता से कहीं बढ़ी हुई है।

(ग) लेखक ने सच्ची आत्मा किसे माना है?

उत्तरः सच्ची आत्मा वही है, जो प्रत्येक दशा में प्रत्येक स्थिति के बीच, अपनी राह अपनी आप निकालती है।

(घ) ‘मोको कहा सीकरी सों काम।’- यह किसका कथन है?

उत्तरः ‘मोको कहा सिकरी सों काम, ‘कथन को कुंभनदास ने कहे हैं।

(ङ) एकलव्य कौन था?

उत्तरः एकलव्य निषाद का पुत्र था जिसने बिना किसी गुरु या संगी-साथी के जंगल के बीच निशाने पर तीर चलाता रहा और अंत में एक बड़ा धनुर्धर बना।

(च) शिवाजी ने मराठी सिपाहियों के सहारे किसकी सेना को तितर-बितर कर दिया था?

उत्तरः शिवाजी ने मराठी सिपाहियों के सहारे औरंगजेब की सेना को तितर-बितर कर दिया था।

(छ) आत्म-मर्यादा के लिए कौन-सी बातें आवश्यक हैं?

उत्तरः आत्म-मर्यादा के लिए मानसिक स्वतंत्रता, विनम्रता, आत्म संस्कार, कर्म तथा धीरज बहुत आवश्यक है।

3. संक्षिप्त उत्तर दीजिए:

(क) ‘नम्रता से मेरा अभिप्राय दब्बूपन नहीं है।’- यहाँ लेखक ने दब्बूपन के क्या लक्षण बताए हैं?

उत्तरः ‘नम्रता से मेरा अभिप्राय दब्बूपन से नहीं है’ से लेखक ने दब्बूपन के कुछ लक्षण बताएं हैं। 

(१) इस कारण मनुष्य दूसरों का मुँह ताकता है। 

(२) इससे उसकी संकल्प क्षीण और बुद्धि मन्द हो जाती है, जिसके कारण अवसर पड़ने पर चटपट निर्णय नहीं कर सकते।

(ख) मर्यादापूर्वक जीवन बिताने के लिए कौन-से गुण आवश्यक हैं?

उत्तरः मर्यादापूर्वक जीवन बिताने के लिए दृढ़-निश्चय, आत्मनिर्भरता, स्वावलंबन, स्वतंत्रता, आत्म-संस्कार बहुत आवश्यक है।

(ग) राजा हरिचंद्र की प्रतिज्ञा क्या थी?

उत्तरः राजा हरिचंद्र की प्रतिज्ञा मरते दम तक सत्य बोलने की थी और उन्होंने आत्मा के विरुद्ध कोई काम नहीं किया।

(घ) महाराणा प्रताप ने दूसरे की अधीनता स्वीकार करने के बजाय कष्ट झेलना मुनासिब क्यों समझा?

उत्तर: महाराणा प्रताप ने दूसरे की अधीनता स्वीकार करने की बजाय कष्ट झेलना मुनासिब इसलिए समझा क्योंकि उनके अनुसार मर्यादा की जितनी अपने को हो सकती है उतनी किसी को नहीं।

(ङ) ‘अब तेरा किला कहाँ है?’- यह प्रश्न किसने किससे किया था तथा इसका उत्तर उसने क्या दिया?

उत्तरः ‘अब तेरा किला कहाँ हैं’ यह प्रश्न राजनीतिक बलवाइयों ने एक रोमन से पूछा और उसने हृदय पर हाथ रखकर कहा मेरा किला मेरे हृदय में है।

(च) किस प्रकार का व्यक्ति आत्म- संस्कार के कार्य में उन्नति नहीं कर सकता?

उत्तरः जो व्यक्ति मानसिक अस्वतंत्र हो वह आत्म-संस्कार के कार्य में उन्नति नहीं कर सकता।

(छ) लेखक तुलसीदास एवं केशवदास की तुलना द्वारा क्या साबित करना चाहते हैं?

उत्तरः तुलसीदास जी को लोक में सर्वत्रियता और कीर्ति प्राप्त हुई, उनका जीवन महत्वमय तथा शांतिमय रहा। लेकिन केशवदास जी जीवन भर विलासी राजाओं के हाथ की कठपुतली बने रहे, जिन्होंने आत्म-स्वतंत्रता की ओर कम ध्यान दिया और अंत में उनकी बुरी गति हुई।

(ज) मनुष्य और दास में क्या अंतर है? पठित पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तरः मनुष्य स्वतंत्र और आत्म-निर्भर होता है, लेकिन (गुलाम) दास आत्म निर्भर नहीं होते न ही स्वतंत्र होते है। वे अपनी इच्छानुसार कार्य नहीं कर सकते।

(झ) चित्त-वृत्ति की महत्ता को दर्शाने के लिए लेखक ने क्या-क्या उदाहरण दिए हैं?

उत्तरः चित्त-वृत्ति की महत्ता को दर्शाने के लिए लेखक ने कुंभनदास, कोलंबस, एकलव्य, शिवाजी, उपन्यासकार स्कॉट, हनुमान, रामलक्ष्मण के उदाहरण दिए हैं।

(ञ) उपन्यासकार स्कॉट किस मुसीबत में फँसे और इससे उन्हें कैसे छुटकारा मिला?

उत्तरः प्रसिद्ध उपन्यासकार स्कॉट एक बार ऋण के बोझ से दब गए। उनके मित्रों ने उनकी सहायता करनी चाही, पर उन्होंने स्वीकार नहीं किया तथा थोड़े समय के बीच अनेक उपयास लिखकर वह कर्ज चुका दिया।

4. सम्यक उत्तर दीजिए:

(क) लेखक ने महाराणा प्रताप और राजा हरिचंद्र के उदाहरणों के माध्यम से क्या समझाना चाहा है?

उत्तरः लेखक ने महाराणा प्रताप और राजा हरिशचंद्र के उदाहरणों से दृढ़ चित्त तथा मर्यादापूर्वक जीवन जीने के बारे में समझाया है।

(ख) पाठ में आए कुछ आत्मनिर्भरशील व्यक्तियों के बारे में बताइए।

उत्तरः राजा हरिशचंद्र, महाराणा प्रताप, तुलसीदास, राम-लक्ष्मण, हनुमान, कुंभनदास कोलंबस, एकलव्य, शिवाजी, उपंयासकार स्कॉट।

(ग) आत्म-निर्भरता के लिए कौन-कौन से गुण अनिवार्य हैं? पठित पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।

उत्तरः आत्म-निर्भरता के लिए मानसिक स्वतंत्रता, दृढ़ निश्चय, आत्म संस्कार, स्वावलंबन, मर्यादापूर्वक जीवन के बारे में बताया है।

5. सप्रसंग व्याख्या कीजिए:

(क) मनुष्य का बेड़ा अपने ही हाथ में है, उसे वह चाहे जिधर लगाए।

उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘अंबर भाग-2’ के अंतर्गत ‘आत्मनिर्भरता’ में से ली गई है। इस पाठ के लेखक ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल’ हैं।

व्याख्या: इस पंक्ति में लेखक जी कहना चाहते हैं कि मनुष्य का भविष्य उसके अपने हाथ में है। यह उसके ऊपर निर्भर करता है कि वह उसे सही दिशा में ले जाना चाहता है या गलत।

(ख) सच्ची आत्मा वही है, जो प्रत्येक दशा में, प्रत्येक स्थिति के बीच, अपनी राह आप निकालती है।

उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘अंबर भाग-2’ के अंतर्गत ‘आत्मनिर्भरता’ में से ली गई है। इस पाठ के लेखक ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल’ हैं।

व्याख्या: लेखक का आशय है कि सच्ची आत्मा वही है, जो हर परिस्थिति में एक जैसी रहती है और दुर्गम परिस्थिति में भी अपने लिए रास्ता ढूँढ़ लेती है।

(ग) जो मनुष्य अपना लक्ष्य जितना ही ऊपर रखता है, उतना ही उसका तीर ऊपर जाता है।

उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘अंबर भाग-2’ के अंतर्गत ‘आत्मनिर्भरता’ में से ली गई है। इस पाठ के लेखक ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल’ हैं।

व्याख्या: लेखक इस पंक्ति में कहना चाहते हैं कि जो व्यक्ति जितना ऊपर अपना उद्देश्य रखता उतना ही उसे पाने के लिए प्रयास करता है तथा दृढ़-निश्चय से अपने उद्देश्य तक पहुँचने का प्रयास करता है।

(घ) मैं राह ढूँढूँगा या राह निकालूँगा।

उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘अंबर भाग-2’ के अंतर्गत ‘आत्मनिर्भरता’ में से ली गई है। इस पाठ के लेखक ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल’ हैं।

व्याख्या: इस पंक्ति से लेखक कहना चाहते हैं कि या तो वह अपने लिए राह बनाएंगे या नई राह का निर्माण करेंगे।

S.L No.CONTENTS
(GROUP – A) काव्य खंड
Chapter – 1पद-युग्म
Chapter – 2वन – मार्ग में
Chapter – 3किरणों का खेल
Chapter – 4तोड़ती पत्थर
Chapter – 5यह दंतुरित मुसकान
Chapter – 6ऐ मेरे वतन के लोगो
Chapter – 7लोहे का स्वाद
गद्य खंड
Chapter – 8आत्म निर्भरता
Chapter – 9नमक का दारोगा
Chapter – 10अफसर
Chapter – 11न्याय
Chapter – 12वन-भ्रमण
Chapter – 13तीर्थ-यात्रा
Chapter – 14इंटरनेट की खट्टे-मीठे अनुभव
(GROUP – B) काव्य खंड
Chapter – 15बरगीत
Chapter – 16कदम मिलाकर चलना होगा
गद्य खंड
Chapter – 17अमीर खुसरु की भारत भक्ति
Chapter – 18अरुणिमा सिन्हा: साहस की मिसाल

भाषा एवं व्याकरण

1. निम्नलिखित उपसर्गों से दो-दो शब्द बनाइए:

अभि, अव, वि, सु, अप, उप, कु, प्रति, परा, परि

उत्तरः अभि: अभिमान, अभिशाप, अभिजात।

अव: अवनति, अवकाश, अवगत।

वि: विकार, विकास विकल्प।

सु: सुमति, सुकन्या, सुबोध।

अप: अपमान, अपचित, अपठित।

कु: कुप्रथ, कुकर्मी, कुख्यात।

प्रति: प्रतिकूल, प्रतिशोध, प्रतिकार।

परा: पराक्रमी, पराजय, पराधीन।

परि: परिमल, परिक्रमा, परिचय।

2. निम्नलिखित संज्ञा शब्दों के विशेषण रूप लिखिए:

मर्यादा, स्वतंत्रता, विश्वास, उत्साह, आत्मा, संस्कार, व्यवहार, पतन, प्रतिभा

उत्तरः मर्यादा: मर्यादावादी।

स्वतंत्रता: स्वतंत्र।

विश्वास: विश्वसनीय।

उत्साह: उत्साहित।

आत्मा: आत्मीय।

संस्कार: संस्कारी।

व्यवहार: व्यवहारिक।

पतन: पतनशील।

प्रतिभा: प्रतिभावान।

3. वाक्यों में प्रयुक्त शब्द ‘पद’ कहलाते हैं। इन पदों का परिचय देना, अर्थात उनकी स्थिति बताना, उनका लिंग, वचन, कारक-एक भेद तथा अन्य पदों से संबंध दर्शाना ‘पद-परिचय’ कहलाता है।

जैसे – माला पत्र लिखती है।

– इस वाक्य के सभी पदों का परिचय इस प्रकार होगा –

माला – व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक।

पत्र – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।

लिखती है – सकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, स्त्रीलिंग, सामान्य वर्तमान काल, अन्य पुरुष, एकवचन।

अब निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित पदों का परिचय दीजिए:

(क) आह, उपवन में सुंदर फूल खिले हैं।

उत्तरः उपवन: जातिवाचक संज्ञा।

में: अधिकरण कारक।

सुंदर: भाववाचक संज्ञा।

(ख) हम बाग में गए, परंतु कोई आम न मिला।

उत्तरः बाग में: जातिवाचक संज्ञा, पुलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।

परंतु: सम्मुच्चयबोधक।

आम: जातिवाचक संज्ञा, पुलिंग, एकवचन, कर्म कारक।

(ग) रमेश दसवी कक्षा में पढ़ता है।

उत्तरः रमेश: व्यक्तिवाचक संजा, पुलिंग, एकवचन, कर्ता कारक।

दसवीं: व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।

कक्षा: जातिवाचक संज्ञा, पुलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।

(घ) एवरेस्ट संसार का सबसे ऊंचा शिखर है।

उत्तरः एवरेस्ट: व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुलिंग, एकवचन, कर्ता कारक।

ऊंचा: विशेषण गुणवाचक विशेषण।

शिखर: जातिवाचक संज्ञा, विशेष्य, पुलिंग, एकवचन।

(ङ) भूषण वीर रस के कवि थे।

उत्तरः भूषण: व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुलिंग, एकवचन कर्ता कारक।

कवि: जातिवाचक संज्ञा, पुलिंग, एकवचन, कर्म कारक।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

1. रामचन्द्र शुक्ल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर: रामचन्द्र शुक्ल का जन्म बस्ती जिले के अगौना गाँव में सन 1884 में हुआ था।

2. उनकी प्रारंभिक शिक्षा कहाँ पर हुई थी और उन्होंने किसका ज्ञान प्राप्त किया?

उत्तर: उनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के पास के अंग्रेजी स्कूल में हुई थी और उन्होंने उर्दू और अंग्रेजी का ज्ञान प्राप्त किया।

3. मिर्जापुर में किसके संपर्क में आकर वे हिंदी और संस्कृत पढ़ने लगे?

उत्तर: मिर्जापुर म अपने रिश्तेदार उपाध्याय बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमधन’ के संपर्क में आकर वे हिंदी और संस्कृत पढ़ने लगे।

4. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किन-किन भाषा साहित्यों का गंभीर अध्ययन किया?

उत्तर: आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी और बंगला साहित्य का गंभीर अध्ययन किया।

5. हिन्दी साहित्य में शुक्ल जी का प्रवेश किस रूप में हुआ?

उत्तर: हिन्दी साहित्य में शुक्ल जी का प्रवेश कवि और निबंधकार के रूप में हुआ।

6. आचार्य रामचन्द्र ने किस मास्टरी का डिप्लोमा पास किया?

उत्तर: आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने ड्राइंग मास्टरी का डिप्लोमा पास किया।

7. मिर्जापुर के मिशन स्कूल में शुक्ल जी क्या पढ़ाते थे?

उत्तर: मिर्जापूर के मिशन स्कूल में शुक्ल जी ड्राइंग पढ़ाते थे।

8. शुक्ल जी की प्रारंभिक रचनाएँ किन-किन पत्रिकाओं में छपती थी?

उत्तर: शुक्ल जी की प्रारंभिक रचनाएँ ‘सरस्वती’ और ‘नागरी-प्रचौरिणी पत्रिकाओं में छपती थीं।

9. ‘नागरी प्रचारिणी सभा’ की स्थापना कब हुई थी?

उत्तर: ‘नागरी प्रचारिणी सभा’ की स्थापना सन 1893 में हुई थी।

10. ‘हिन्दी शब्द सागर’ नामक कोश के निर्माण हेतु शुक्ल जी को किस पद पर नियुक्त किया गया था?

उत्तर: ‘हिन्दी शब्द सागर’ नामक कोश के निर्माण हेतु शुक्ल जी को सहायक संपादक के पद पर नियुक्त किया गया।

11. आचार्य शुक्ल के प्रसिद्ध ग्रंथों के नाम लिखिए।

उत्तर: आचार्य शुक्ल के प्रसिद्ध ग्रंथ हैं- तुलसीदास, जयसी-ग्रंथावली की भूमिका, सूरदास, चिंतामणि, हिन्दी साहित्य का इतिहास, रस-मीमांसा आदि।

12. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की मृत्यु कब हुई?

उत्तर: आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की मृत्यु सन 1941 में हुई।

13. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल किस विश्वविद्यालय के अध्यापक थे?

उत्तर: आचार्य रामचन्द्र शुक्ल काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अध्यापक थे।

14. चिंतामणि कितने भागों में प्रकाशित है? इसमें किन-किन चीजों का अद्भुत संयोग है?

उत्तर: चिंतामणि तीन भागों में प्रकाशित है। इसमें सूक्ष्म निरीक्षण, गंभीर चिंतन और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण का अद्भुत संयोग दिखाई पड़ता है।

15. ‘आत्म-निर्भरता’ पाठ के लेखक कौन हैं?

उत्तर: ‘आत्म-निर्भरता’ पाठ के लेखक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हैं।

16. ‘चंद्र टरै, सूरज चरै, … टरै न सत्य विचार की प्रतिज्ञा किसने की थी?

उत्तर: चंद्र टरै, सूरज चैरै… टरै न सत्य विचार ‘ की प्रतिज्ञा राजा हरिचन्द्र ने की थी।

17. किसने औरंगजेब की सेना पर छापा मारा था?

उत्तर: वीर शिवाजी ने औरंगजेब की सेना पर छापा मारा था।

18. स्कॉट कौन थे आर किसकी बोझ से दब गये थे?

उत्तर: स्कॉट एक प्रसिद्ध साहित्यकार थे और एक बार वे ऋण के बोझ से दब गए थे।

19. एकलव्य जंगल में क्या करता था?

उत्तर: एकलव्य जंगल में धनुर्विद्या का अभ्यास करता था।

20. अकबर ने कुंभनदास को कहाँ बुलाया था?

उत्तर: अकबर ने कुंभनदास को फतेहपुर सीकरी बुलाया था।

21. ‘जिस पुरुष की दृष्टि सदा नीची रहती है, उसका सिर कभी ऊपर न होगा’।- का क्या आशय है?

उत्तर: इसका आशय यह है कि निम्न कोटि की सोच रखने वाला व्यक्ति कभी आगे नहीं बढ़ सकता हैं।

22. जो आवश्यकता से अधिक विनम्र होता है, उसमें कौन-सा अवगुण आ जाता है?

उत्तर: जो आवश्यकता से अधिक विनम्र होता है, उसमें दब्बूपन आ जाता है। वह बात- बात में दूसरों का मुँह ताकता है और वह झटपट किसी बात का निर्णय नहीं कर सकता हैं।

23. राम लक्ष्मण ने किन-किन पराक्रमी वीरों को हराया था?

उत्तर: राम लक्ष्मण ने खर-दूषण, मारीच, मेघनाद, अहिरावण, कुंभकरण और रावण को हराया था।

24. सच्ची आत्मा हमारी किस तरह सहायता करती है?

उत्तर: सच्ची आत्मा हमारी हिम्मत को आगे बढ़ाती है और हमें विपत्तियों से सही मार्गदर्शन करती है और जीवन में हमें सही फैसले लेने के लिए प्रेरित करती हैं।

25. आत्मा-निर्भरता से क्या लाभ है?

उत्तर: आत्म-निर्भरता से आदमी परिश्रमी बनता है और दरिद्रता से छुटकारा पाता है। आत्म-निर्भरता से व्यक्ति किसी के प्रलोभन में नहीं फंसता तथा दूसरे की गलत सलाह को नहीं मानता हैं।

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