SEBA Class 9 Hindi MIL Chapter 7 ओ गंगा बहती हो क्यों

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SEBA Class 9 Hindi MIL Chapter 7 ओ गंगा बहती हो क्यों

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ओ गंगा बहती हो क्यों

पद्य खंड

अभ्यास -माला

बोध एवं विचार:

1. सही विकल्प का चयन कीजिएः

(क) प्रस्तुत गीत मूलत: किस भाषा का है?

(i) बांग्ला भाषा का।

(ii) असमीया भाषा का।

(iii) हिन्दी भाषा का।

(iv) अंग्रेजी भाषा का।

उत्तरः (ii) असमीया भाषा का।

(ख) प्रस्तुत गीत का हिंदी अनुवाद किसने किया है?

(i) पं. नरेंद्र शर्मा।

(ii) पं. नरेंद्र भट्ट।

(iii) प. सुरेद्र शर्मा।

(iv) कल्पना लाजमी।

उत्तर: (i) पं. नरेंद्र शर्मा।

(ग) प्रस्तुत गीत एक-

(i) देश भक्ति का गीत है।

(ii) राष्ट्रगीत है।

(iii) लोगगीत है।

(iv) अनुप्रेरणामूलक गीत है।

उत्तरः (iv) अनुप्रेरणामूलक गीत है।

(घ) इस गीत में किससे विनती कर रहे हैं?

(i) देवनदी गंगा से।

(ii) ब्रह्मपुत्र से।

(iii) भगवान से।

(iv) देरा के निवासिओं से।

उत्तर: (i) देवनदी गंगा से।

(ङ) प्रस्तुत गीत के मूल रूप असमीया भाषा में गंगा के बदले किस नद के नाम आता है?

(i) वोलगा।

(ii) होवांहो।

(iii) ब्रह्मपुत्र।

(iv) नर्मदा।

उत्तरः (iii) ब्रह्मपुत्र।

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(क) नैतिकता नष्ट हुई, ________________ भ्रष्ट हुई।

उत्तर: नैतिकता भ्रष्ट हुई मानवता भ्रष्ट हुई।

(ख) निर्बल जन को सबल _____________ समग्रगामी बनाती नहीं हो क्यों?

उत्तरः निर्बल जन को सबल संग्रामी समग्रगामी बनाती नहीं हो क्यों?

(ग) व्यक्ति रहे व्यक्ति केंद्रित, सकल ______________ व्यक्तित्व रहित।

उत्तरः व्यक्ति रहे व्यक्ति केंद्रित सकल समाज व्यक्तित्व रहित।

(घ) तुम निश्चय _________________ नहीं, प्राणों में प्रेरणा देती न क्यों?

उत्तरः तुम निश्चय चेतन नहीं प्राणों में प्रेरणा देती न क्यों?

(ङ) गंगे जननी नव भारत में, _______________ सुत समरजयी जनती नहीं हो क्यों?

उत्तर: गंगे जननी नव भारत में, भीष्मरूपी सुत समरजयी जनती नहीं हो क्यों?

3. पूर्ण वाक्य में अंतर दजिए:

(क) ओ गंगा बहती हो क्यों शीर्षक गीत के रचियता और अनुवादक के नाम क्या क्या है?

उत्तरः ओ गंगा बहती हो क्यों शीर्षक गीत के रचियता है असम के मशहूर गायक तथा गीतकार डॉ. भूपेन हाजरिका और इस गीत के अनुवादक है पं. नरेंद्र शर्मा जी।

(ख) गीतकार के अनुसार हमारे देश की दशा सुधारने की शक्ति किसमें निहित है?

उत्तरः गीतकार के अनुसार हमारे देश की दशा सुधारने की शक्ति देवनदी गंगा में निहित है।

(ग) गीतकार ने गंगा से समाज को बदलने के लिए कैसे पुत्र को जन्म देने का आह्वान किया है?

उत्तरः गीतकार ने गंगा से समाज को बदलने के लिए भीष्मरूपी समरजयी पुत्र को जन्म देने का आह्वान किया है।

(घ) गीतकार के अनुसार वर्तमान समाज में व्यक्ति का स्वरूप कैसा है?

उत्तरः गीतकार के अनुसार वर्तमान समाज में व्यक्ति का स्वरूप आत्मकेंद्रित है।

(ङ) गंगा के किस रूप के कारण गीतकार को उससे शिकायत है?

उत्तरः गंगा के निःशब्द चेतनहीन रूप के कारण गीतकार को उससे शिकायत है।

4. संक्षिप्त उत्तर दीजिए:

(क) प्रस्तुत गाँव में, गीतकार गंगा से क्या विनती करते हैं?

उत्तरः प्रस्तुत गीत में गीतकार ने देवनदी गंगा से अपने देश के हजारों अनपढ़, निरक्षर श्रधार्त, दलित पीड़ित लोगों की दुर्दसा निराकरण करने के लिए विनती करते हैं।

(ख) इस गीत में गीतकार ने हमारे समाज की कैसी दशा को चित्रित किया है? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तरः इस गीत में गीतकार ने हमारे समाज की अत्यंत दुःखद दशा को चित्रित किया है। आज हमारे समाज से नैतिकता विलुप्त हो चुकी है, मानवता को भावना भी नहीं के बराबर है। समाज के व्यक्ति विशेष आत्मकेंद्रित होने लगे हैं समाज व्यक्तित्व रहित हो गया है। समाज के लोग एक दुखरे के अधिकारों को छीन रहे है।

(ग) इतिहास हुंकार के साथ पुकारते हुए गंगा से क्या कहता है?

उत्तरः इतिहास हुंकार के साथ पुकारते हुए गंगा देवी को अपने देश के निर्वल जनों को सबल बनाने के लिए, उन्हें अपने अधिकारों के लिए संग्राम करने को प्रेरित करने के लिए उन्हें विकास के मार्ग पर दूसरों के समान आगे बढ़ने के लिए सक्षम बनाने हेतु आह्वान किया है।

(घ) हमारे निर्बल जनों की गीतकार कैसा बनाना चाहते हैं?

उत्तरः हमारे निर्बल जनों को गीतकार सबल, साहसी और सक्षम बनाना चाहते है।

(ङ) गीतकार हमारे निष्प्राण समाज को तोड़ना क्यों चाहते हैं?

उत्तरः गीतकार हमारे निष्प्राण समाज को, नवीन समाज निर्माण करने के लिए तोड़ना चाहते हैं।

5. सप्रसंग व्याख्या कीजिए:

(क) नैतिकता नष्ट हुई ________________ मानवता भ्रष्ट हुई

– निर्लज्ज भाव से बहती हो क्यों?

उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियों हमारी पाठ्य पुस्तक ‘अंबर भाग -१’ के अंतर्गत गीतकार, संगीतकार डॉ. भूपेन हाजरिका’ के द्बारा रचित मूल असमीया गीत, बिस्तीर्ण पररे के हिंदी अनुवाद ओ गंगा बहती हो कयों नामक गीत से लिया गया है। इस गीत का अनुवाद किया है पं. नरेंद्र शर्मा जी ने।

संदर्भ: प्रस्तुत पंक्तियों में गीतकार ने हमारे समाज के एक दुःखद दशा को चित्रित किय है।

वाख्या: गीतकार देख रहे हैं कि अब हमारे समाज से नैतिकता विलुप्त हो चुकी है, मानवता की भावना भी नहीं के बराबर है। आज हमारे समाज के एक दुसरे के जान लेने को तुले हुए है। ये सब ना इनसाफी देखकर भी देवननदी गंगा निलँज्ज नि:शब्द होकर बह रही है। गीतकार ने इसलिए गंगादेवी से इन निर्बल मनों को सबल बनाने के लिए, उन्हें अपने अधिकारों के लिए संग्राम करने को प्रेरित करने के लिए उन्हें विकास के मार्ग पर दूसरों के समान आगे बढ़ने के लिए सक्षम बनाने हेतु आह्वान किया है। अंचल में भीतकार डॉ. भूपेन हाजरिका चाहते हैं कि उनका देश फिर से विकसित हो, यहाँ के हर निवासी विद्वान, ज्ञानों, शक्तिसाली बने और इनके लिए वे पहले अपने की सुधारें, अपने अधिकारों के लिए लड़े और पारस्परिक सौहार्द से एक नवीन समाज का निर्माण करें।

(ख) व्यक्ति रहे व्यक्ति केंद्रित

सकल समाज व्यक्तित्व रहित,

– निष्प्राण समाज को तोड़ती न क्यों?

उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियों हमारी पाठ्य पुस्तक ‘अंबर भाग – १ ‘के अंतर्गत मशहूर गीतकार, संगीतकार डॉ. भूपेन हाजरिका ‘ जी के द्वारा रचित मूल असमीया गीत ‘विस्तीर्ण पाररे’ के हिन्दी अनुवाद’ ओ गंगा बहती हो क्यों’ नामक गीत से लिया गया है। इस गीत का हिन्दी में अनुवाद किया है पं. नरेंद्र शर्मा ने।

संदर्भ: प्रस्तुत पंक्तियों में गीतकार ने आज के हमारे समाज का एक क्षय दशा का चित्र प्रस्तुत किया है, जो मानवता को लज्जानत किया है।

व्याख्या: गीतकार देश रहे हैं कि अब हमारे समाज से नैतिकता बिलुप्त हो चुकी है, मानवता की भावना भी नहीं के बराबर है। आज हमारे समाज में व्यक्ति आत्मकेंद्रित होने लगे है, समाज व्यक्तित्व रहित हो गया है। ये सब देखकर गीतकार ने गंगा से इस निर्बल जनों को सबल बनाने के लिए, उन्हें अपने अधिकारों के लिए संग्राम करने को प्रेरित करने के लिए, उन्हें विकास के मार्ग पर दूसरों के समाज आगे बढ़ने के लिए सक्षम बनाने हेतु आह्वान किया है। वस्तुतः गंगा के प्रति गीतकार का प्रश्न और उनका आह्वान स्वयं गीतकार की ऐकांतिक कामना का प्रतिफलन है। गीतकार ने देवमाता गंगा को देश की दुर्दशा से अवगत करते हुए उसे फिर नए रूप में निर्माण करने के लिए उनसे भीष्म की तरह समरजयी वीर पुत्र को जन्म हेतु प्रार्थना की है।

S.L No.CONTENTS
(GROUP – A) काव्य खंड
Chapter – 1पद
Chapter – 2भजन
Chapter – 3ब्रज की संध्या
Chapter – 4पथ की पहचान
Chapter – 5शक्ति और क्षमा
Chapter – 6गांधीजी के जन्मदिन
Chapter – 7ओ गंगा बहती हो क्यों
गद्य खंड
Chapter – 8पंच परमेश्वर
Chapter – 9खाने-खिलाने का राष्ट्रीय शाोक
Chapter – 10गिल्लू
Chapter – 11दुख
Chapter – 12जीवन-संग्राम
Chapter – 13अंधविश्वास की छोटें
Chapter – 14पर्वी का देश भारत
(GROUP – B) काव्य खंड
Chapter – 15बरगीत
Chapter – 16मुक्ति की आकांक्षा
गद्य खंड
Chapter – 17वे भूले नहीं जा सकते
Chapter – 18पिंपलांत्रीः एक आदर्श गाँव

6. सम्यक उत्तर दीजिए:

(क) प्रस्तुत गीत में गीतकार ने देवनदी गंगा से क्या क्या न करने की शिकायत की है?

उत्तरः प्रस्तुत गीत में गीतकार ने देवनदी गंगा से नि:शब्द निर्लज्ज, मौन, अचेतन रहकर देश की लाखों अनपद, निरक्षर क्षुधार्त मनता की दुर्दसा की न सहने की शिकायत की है।

(ख) गीतकार हमारे समाज का कौन-सा रूप देखना चाहते हैं?

उत्तरः गीतकार हमारे समाज का एक विकसित रूप देखना चाहते है। गीतकार डॉ. भूपेन हाजरिका चाहती हैं कि उनका देश फिर से विकसित हो, यहाँ के हर निवासी विद्बान, ज्ञानी, शक्तिशाली बने और इनके लिए वे पहले अपने को सुधारें, अपने अधिकारों के लिए लड़ें और पारस्परिक सौहार्द्र से एक नवीन समाज का निर्माण करें।

(ग) हमारे वर्तमान समाज में व्याप्त कुछ बुराइयों के बारे में लिखकर उनके निशकरण के लिए संभाव्य उपाय सुझाइए।

उत्तरः वर्तमान हमारे समाज में व्याप्त कुछ बुराइयाँ है- दहेज प्रथा, अनुशासनहीनता, आतंकबाद भ्रष्टाचार आदि। ये सब बुराइयाँ हमारे समाज के विकाश के पथ पर जाने से रोक रहे हैं। इन बुराइयाँ से निपटने का एक उत्तम उपाय है शिक्षा। शिक्षा समाज को बदल सकते है। शिक्षित समाज में बुराइयों का प्रभाव कुछ कम होते है। लोगों के मन से कुसंस्कार, अंधविश्वास को मिटाकर ज्ञान का शैशनी फैलाना होगा तभी समाज में से कुछ बुराइयाँ घट सकता है। इसके अलावा उद्योगीकरण भी समाज में से अशुभ शक्ति को निपटा सकते है।

(घ) प्रस्तुत गीतकार की तरह अनेक लोग हमारे समाज को सुधारने के लिए अपने-अपने ढंग से प्रयास कर रहे हैं। ऐसे कुछ लोगों के बारे में संक्षेप में लिखिए।

उत्तरः प्रस्तुत गीतकार की तरह अनेक लोग हमारे समाज को सुधारने के लिए अपने अपने दंग से प्रयास कर रहे है, उनमें से कुछ है-

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी: सत्य और अहिंसा की बात हो या परोपकार के लिए अपना सब कुछ त्याग देने की चर्चा हो, महात्मा गाँधी का नाम लिए बिना बात पुरी नहीं हो सकती। एक महान नेता का नाम लें अथवा सफल सुधारक का, तो वह नाम अवश्य ही महात्मा गाँधी का होगा जिन्हें हम सभी प्यार से बापू और सम्मान से राष्ट्रपिता कहते हैं।

जवाहरलाल नेहरु: जवाहरलाल नेहरु का नाम हम सभी आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में जानते हैं। देश को आजादी के कुछ वर्ष पहले से भारत के भविष्य के निर्माण में लगे जवाहरलाल आजादी के बाद न केवल इस देश के प्रथम प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हुए बल्कि देश को तेजी से प्रगति के पथ पर लाने का प्रयास किया। आराम हराम है का नारा देने वाले जवाहरलाल का जीवन चरित्र हर भारतवासी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।

स्वामी विवेकानंद: स्वामी विवेकानंद ने अपने २५ वर्ष की अवस्था में गेरुवा वस्त्र धारण किया था। वे पूरे भारतवर्ष की यात्रा की। इस यात्रा में उन्होंने राजाओं की विलासिता और प्रजाओं की दरिद्रता देखी। समाज में व्याप्त अंधविश्वासों और कुसंस्कारों को भी देश और इसलिए वह देश में आधुनिक एवं वैज्ञानिक शिक्षा का अभाव महसूस किया। भारतवर्ष में वह ‘रामकृष्ण मिशन’ नामक एक कल्याणकारी संस्था की थी स्थापना की जिसकी मुख्य उद्देश्य है समस्त पृथ्वी के गरीब बेसहारे लोगों की सेवा करना। वह देश की युवा शक्ति को तनमन से स्वस्थ होकर देश के भविष्य को बदलने की दिशा में काम करने के लिए आह्वान किया था।

भाषा एवं व्याकारण:

1. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए:

विस्तार, प्रजा, गंगा, मनली, अवनी

उत्तरः विस्तार — व्यापकता, फैलाव।

प्रजा — जनता, औलाद।

गंगा — देवनदी, सुरसरि।

जननी — अम्बा, जन्मदात्री।

अवनी — पृथ्वी, मेदिनी।

2. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:

सबल, अपूर्ण, निश्चय, सदा, रहित

उत्तरः सबल — दुर्बल।

अपूर्ण — पूर्ण।

सदा — कभी-कभी।

रहित — युक्त।

निश्चय — अनिश्चय।

3. निम्नलिखित उपसगों से तीन-तीन शब्द बनाइए:

निर, अन, स, उत, सम

उत्तरः निर — निर्बल, निर्गुण, निर्दय।

अन — अनमोल, अनपढ़, अनबन।

स — सहर्ष, सजल, सपरिवार।

उत — उत्कर्ष, उत्थान, उत्कृष्ट।

सम — सम्मान, संपूर्ण, सम्मिलित।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर:

1. डॉ. भूपेन हाजरिका का जन्म कब और कहाँ हुआ था? उनके माता-पिता के नाम क्या थे?

उत्तरः डॉ. भूपेन हाजरिका का जन्म सन 1926 के 8 सितंबर को शदिया (असम) में हुआ था। उनके पिता का नाम था नीलकांत हाजरिका और माँ का नाम था शांतिप्रिया हाजरिका।

2. डॉ. भूपेन हाजरिका जी के शिक्षा जीवन के बारे में लिखो।

उत्तरः सन 1940 में तेजपुर सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की और इसके बाद कॉटन कॉलेज में आई.ए. में दखिला लिया। सन 1942 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में बी.ए में उनका दाखिला हुआ। सन 1944 में ऑनर्स सहित शिक्षा विषय में स्नातक उपाधि प्राप्त की। सन 1949 को उन्होंने पीएच. डी. हेतु अमेरिका की यात्रा की। सन 1952 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से ‘भारत की प्रोढ़ शिक्षा के क्षेत्र में जन संचार, व्यवस्था की भूमिका (Roll of Mass communication in India’s Adult Education) विषय पर किए शोध कार्य के लिए उन्हें पीएच. डी की उपाधि प्राप्त हुई।

3. डॉ. भूपेन हाजरिका की शादी कब और किसकी साथ हुई थी?

उत्तरः सन 1950 में एक अगस्त को न्यूयार्क शहर में 23 वर्ष की उम्र में ही प्रियंका पहेल के साथ भूपेन हाजरिका की शादी हुई थी। प्रियंका पटेल काम्पला युगांडा के प्रसिद्ध चिकित्सक मूलजी भाई पटेल और उनकी पत्नी मणिबेन पटेल की बेटी थी। इनका मूल

निवास स्थान गुजरात था।

4. डॉ. भूपेन हाजरिका जी को क्या-क्या पुस्कार प्राप्त हुआ था?

उत्तरः डॉ. भूपेन हजारिका को असमीया फिल्मों में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए 1992 में सिनेमा जगत का सर्वोच्च पुरस्कार ‘दादा साहव फाल्कें पुरस्कार’ से नवाजा गया था। इसके अलावा उन्हें क्षेत्रीय फिल्म में राष्ट्रीय पुरस्कार (1975), कला क्षेत्र में ‘पद्म भूषण’ (2001), ‘असम रत्न’ (2009) और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, (2009) जैसे कई प्रतिस्थित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। दो-दो बार लौटा कर तीसरी बार उन्होंने ‘पद्मश्री’ सम्मान ग्रहण किया था। सामेली ‘मेमसाहाब’ संगीत के लिए उन्हें राष्ट्रपति से सम्मान भी मिल चुका है।

5. कब और कहाँ डॉ. भूपेन हाजरिका जी का निधन हो गया था?

उत्तरः प्रख्यात गायक और संगीतकार डॉ. भूपन हाजरिका जी का 5 नवंबर, 2011 को मुंबई के कोकिलाबेन धीरुबाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया था।

6. सांस्कृतिक (संगीत) क्षेत्र में डॉ. भूपेन हाजरिका के अवदान के बारे में लिखों।

उत्तरः डॉ. भूपेन हाजरिका एक बहुमुखी प्रतिभा संपन्न कलाकार थे। उन्होंने लगातार ६० साल तक भारतीय संगीत जगत में सक्रिय योगदान दिया। उन्होंने वांगला, असमीया, और हिंदी सहित कई भारतीय भाषाओं में गीत गाए हैं। 10 वर्ष की आयु में ही उन्होंने अपना पहला गीत लिखा और उसे गाया भी था। असमीया भाषा की फिल्मों से भी उनका नाता बचपन में ही जुड़ गया था। उन्होंने सन 1939 में बारह वर्ष की आयु में असमीया भाषा में निर्मित दूसरी फिल्म ‘इंद्रमालती’ के लिए काम भी किया। सुर सम्राट हाजरिका ने संगीत को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बना लिया और करीब 70 साल तक अपनी आवाज से वे पूर्वोत्तर के साथ बॉलीवुड में भी छाए रहे। सन 1956 में हाजरिका से पहली बार एक बाटर सुर नामक फिल्म का निर्देशन किया। इसके बाद उन्होंने असमीया में ‘सिराज’ और हिंदी में ‘स्वीकृति’ जैसी फिल्में को निर्देशित कर फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उन्होंने हिंदी फिल्म ‘एक पल’ में बतैर अभिनेता के तौर पर भी काम किया। सन 1993 में वे असम साहित्य सभा के अध्यक्ष भी रहे।

7. डॉ. भूपेन हाजरिका जी के व्यक्तित्व कैसी थी?

उत्तरः गीतकार, संगीतकार डॉ. भूपेन हाजरिका एक बहु आयामी व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे। वे एक ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो सुरकार, अभिनेता, सिनेमा-निर्देशक तो थे ही साथ ही साथ एक अच्छे कवि, निबंधकार आदि भी थे। वे मानवताबादी भी थे, मानव के कल्याण के स्वप्नदष्टा थे।

8. इस कविता के जरिए डॉ. भूपेन हाजरिका जी क्या चाहते थे?

उत्तरः इस कविता के जरिए डॉ. भूपेन हाजरिका जी चाहते हैं कि उनका देश फिर से विकसित हो, यहाँ के हम निवासी विद्वान, ज्ञानी, शक्तिशाली बने और इनके लिए वे पहले अपने को सुधारें, अपने अधिकारों के लिए बेड़े और पारस्परिक सौहार्द्र से एक नवीन समाज का निर्माण करें जहाँ किसी के बींच भेदभाव नहीं हों।

9. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(क) विस्तार _______________ ओ गंगा बहती हो क्यों।

उत्तरः विस्तार है अपार।

प्रजा दोनों पार करें हाहाकार निःशब्द सदा ओ गंगा तुम ओ गंगा बहती हो क्यों?

(ख) _______________ अक्षरहीन,

अनगिन जन _______________

_______________ करे हुंकार

ओ ______________ की धार

निर्बल जन को _______________

बनाती नहं हो क्यों

उत्तरः अनपढ़ जन अक्षरहीन,

अनगिन जन खाद्य विहीन नेत्र विहीन

देख मौन हो कयों?

इतिहास की पुकार करे हुंकार

ओ गंगा की धार

निर्बल जन को सबल संग्रामी समग्रगामी बनाती नहीं हो क्यों?

10. निम्नलिखित शब्द समूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए:

(क) जिसका बल न हो।

उत्तरः निर्बल।

(ख) जो पढ़ा लिखा नहीं हो।

उत्तर: अनपढ़।

(ग) जो देख न सके।

उत्तर: अन्धा, सुरदास।

(घ) एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करने वाला।

उत्तरः अनुवादक।

(ङ) जिसे कष्ट दिया गया हो।

उत्तरः पीड़ित।

(च) जो बोल न सके।

उत्तरः मौन।

(छ) जिसकी लज्जा न आती हो।

उत्तरः निर्लज्ज।

11. निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखिए:

गंगा, मात्रि, व्यक्तिी, सहस्त्र

उत्तरः गंगा — गंगा।

मात्रि — मातृ।

व्यक्ति — व्यक्ति।

सहस्त्र — सहस्र।

12. निम्नलिखित शब्दों संधि विच्छेद कीजिए:

अनूदित, नीख, निःशब्द, निःठूर

उत्तरः अनुदित = अनु + उदित।

निःशब्द = निः + शब्द।

नीख = निर + ख।

निठूर = निः + ठुर।

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