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SEBA Class 9 Hindi MIL Chapter 13 अंधविश्वास की छोटें
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अंधविश्वास की छोटें
गद्य खंड |
अभ्यास -माला
बोध एवं विचार:
1. सही विकल्प का चयन कीजिए:
(क) ‘अंधविश्वास या कुसंस्कार पूरे संसार के समक्ष एक बहुत बड़ी समस्या है।’ यह उक्ति किसकी है?
(i) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की।
(ii) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की।
(iii) महात्मा गाँधी की।
(iv) नरेंद्र मोदी की।
उत्तर: (i) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की।
(ख) अंधविश्वास या कुसंस्कार का तात्पर्थ क्या है?
(i) अंधों की तरह विश्वास कर लेना।
(ii) दूसरे विश्वास करते है, इसलिए विश्वास कर लेना।
(iii) विषय को जाने-समझे बिना ही विश्वास कर लेना।
(iv) समाज के सबी विश्वास करते हैं इसलिए विश्वास कर लेना।
उत्तरः (i) अंधों की तरह विश्वास कर लेना।
(ग) अंधविश्वास हमारे समाज को:
(i) धीरे-धीरे आगे बढ़ते देते हैं।
(ii) ज्यो-का-त्यों रखना चाहते हैं।
(iii) तेजी से विकसित होने में मदद करते हैं।
(iv) आगे बढ़ने में बाधा पहुँचाते हैं।
उत्तर: (iv) आगे बढ़ने में बाधा पहुँचाते हैं।
(घ) पूराने जमाने से हमारे समाज में अंधविश्वास के उदाहरणः
(i) बहुत कम मिलते हैं।
(ii) एकदम नहीं मिलते हैं।
(iii) अनेक उदाहरण मिलते हैं।
(iv) बहुत ढूँढ़ने पर ही मिलते हैं।
उत्तर: (iii) अनेक उदाहरण मिलते हैं।
(ङ) हमें अंधविश्वास का उन्मूलन करना चाहिए, क्योंकि-
(i) इसके कारण समाज की हानि होती है।
(ii) इसके कारण समाज के लोग शांति से रह सकते है।
(iii) इसके कारण समाज की प्रगति होती है।
(iv) इसके कारण केवल कुछ लोगों की भलाई होती है।
उत्तरः (i) इसके कारण समाज की हानि होती है।
2. नीचे दिए वाक्यों को कोष्ठक में दिए गए शब्दों में से उचित शब्द द्वारा पूरा कीजिए।
(क) दरसल ‘डायन’ का अंधविश्वास एक ______________ आतंक है। (काल्पनिक, आधुनिक, वास्तविक, नागरिक)
उत्तरः काल्पनिक।
(ख) किसी अंचल में ‘बच्चाचोर’ दिखाई पड़ना ______________ का उदाहरण है। (वास्तविक घटना, अंधविश्वास, झूठे समाचार, सामाजिक आतंक)
उत्तरः अंधविश्वास।
(ग) कुछ असत प्रकृति के लोग समाज को _______________ बनाये रखने के लिए भी अफवाहें फैलाते हैं। (प्रगतिशील, भीतिग्रस्त और अस्थिर, पिछड़ा हुआ, आदिम अवस्था के)
उत्तरः पिछड़ा हुआ।
(घ) जो व्यक्ति विस्तृत अध्ययन तथा यथार्थ अनुभवों से समृद्ध होता है वह _______________ से प्रभावित नहीं होता। (डायन तथा भूतों, शातिर तथा बच्चाचोर, अफवाहों तथा अंधविश्वासों, ओझा तथा ऐश्वरिक व्यक्ति)
उत्तरः अफवाहों तथा अंधविश्वासों।
(ङ) अंधविश्वासों तथा अफवाहों को मानव सभ्यता के लिए अभिशाप ______________ कहना उचित ही है। (अभिशाप, वरदान, प्रगति का कारण, अशांति का कारण)
उत्तरः अफवाहों तथा अंधविश्वासों।
S.L No. | CONTENTS |
(GROUP – A) काव्य खंड | |
Chapter – 1 | पद |
Chapter – 2 | भजन |
Chapter – 3 | ब्रज की संध्या |
Chapter – 4 | पथ की पहचान |
Chapter – 5 | शक्ति और क्षमा |
Chapter – 6 | गांधीजी के जन्मदिन |
Chapter – 7 | ओ गंगा बहती हो क्यों |
गद्य खंड | |
Chapter – 8 | पंच परमेश्वर |
Chapter – 9 | खाने-खिलाने का राष्ट्रीय शाोक |
Chapter – 10 | गिल्लू |
Chapter – 11 | दुख |
Chapter – 12 | जीवन-संग्राम |
Chapter – 13 | अंधविश्वास की छोटें |
Chapter – 14 | पर्वी का देश भारत |
(GROUP – B) काव्य खंड | |
Chapter – 15 | बरगीत |
Chapter – 16 | मुक्ति की आकांक्षा |
गद्य खंड | |
Chapter – 17 | वे भूले नहीं जा सकते |
Chapter – 18 | पिंपलांत्रीः एक आदर्श गाँव |
3. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दजिए:
(क) अंधविश्वास किसे कहते हैं?
उत्तरः जो विश्वास या धारणा तर्क-आधारित नहीं है, विज्ञान जिन विश्वासों या धारणाओं को असत्य प्रमाणित कर चुका है वे अंधविश्वास कहलाते हैं।
(ख) क्या ‘भूत’ या ‘डायन’ सचमुच होते हैं?
उत्तरः वास्तविक रूप से ‘भूत’ या ‘डायन’ नहीं होते। यह केवल हमारे मन का भ्रम-मात्र है और इस सत्य को विज्ञान ने भी स्वीकारा है।
(ग) बीमार होने से डॉक्टर की दवा खाना उचित है या ओझा से झाड़-फूंक करवाना?
उत्तरः बीमार होने से हमें डॉक्टर द्बारा ही गई दवाईयाँ ही खानी चाहिए। आज हम विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में इतना विकास कर लिए है कि कल्पना से भी परे हैं। इसलिए आज के इस आधुनिक समय में यदि कोई इंसान डॉक्टरी इलाज छोड़ ओझा से जाड़-फूंक करवाना चाहे तो उसके जैसा निरामुर्ख दुनिया में कोई नहीं।
(घ) क्या बच्चाचोर की अफवाह पर तुरंत विश्वास कर लेना चाहिए?
उत्तरः नहीं, बच्चाचोर की अफवाह का तुरंत विश्वास हमें नहीं करना चाहिए। कभी-कभी लोग अफवाह के जरिए लोगों में दहशत फैला देते है और स्वयं बच्चों को अगवाह कर फिरौती या बाल मजदूरी कराने जैसी कानूनी जूर्म अफवाहों के माध्यम से करते हैं।
(ङ) कैसे लोग समाज में अफवाह फैलाते हैं?
उत्तरः अशिक्षित तथा तंत्र-मंत्र की व्यर्थ सिद्धि प्राप्ती में डूबे लोग आदि समाज में अफवाह फैलाते हैं।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के सम्यक उत्तर दीजिए:
(क) अंधविश्वास या कुसंस्कार किसे कहते हैं, अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः जो विश्वास या धारणा तर्क आधारित नहीं है, विज्ञान जिन विश्वासों या धारणाओं को असत्य प्रमाणित कर चुका है वे अंधविश्वास कहलाता है और समाज में प्रचलित कुछ रीति रिवाज, परंपरा व्यवस्था आदि समाज के प्रगति में बाँधा बन जाती है तो उसे कुसंस्कार कहते हैं।
(ख) हमारे समाज में प्रचलित कुछ अंधविश्वासों का उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तरः हमारे समाज में उनेकों अंधविश्वास कचड़े की तरह फैले हुए है, जिनकों हम निम्नलिखित उदाहरणों के मध्यम से देख सकते हैं—
(i) हमारे समाज में भूत-प्रेत डाइन आदि को लेकर अनेक अंधविश्वास प्रचलित है। लोगों का मानना है कि रात के समय भूत-प्रेत डाइन निकलती है, तो दोपहर में किसी वट-वृक्ष या पेड़ पर इनका साया मँडराती है, जबकि विज्ञान ने इसे सीधे रूप से नकारा है।
(ii) पुराने समय में असम के लोग भी हैजा के फैले प्रभाव से बचने के लिए इसाई धर्म के लोगों द्बारा इस बीमारी के लिए दवा देने पर भी लोगों ने साफ इनकार कर दिया, क्योंकि उनका मानना था कि हैजा जैसे बीमारी का उपचार झाड़-फूक या तंत्र-मंत्र द्बारा ही ठीक हो जाएगा।
(ग) कैसे लोग अफवाह फैलाते हैं और क्यों?
उत्तर: अशिक्षित, चिन्तनशक्ति से रहित एवं विवेकहीन लोग अफवाह को फैलाते हैं, क्योंकि उनके ऊपर कुसंस्कार हावी होता है। अज्ञान एवं लोगों में उत्तेजना उत्पन्न करने के उद्देश्य से ऐसे लोग जान बूझकर अफवाह फैलाते हैं।
(घ) अंधविश्वास के उन्मुलन के लिए क्या-क्या किए जा सकते हैं?
उत्तरः अंधविश्वास अथवा कुसंस्कार के मूल में है हमारे मन की प्रकृति और स्वरूप। अंधविश्वासों से मुक्त रहने के लिए एक तर्क-पूर्ण, वैज्ञानिक भावना-संपन्न मन चाहिए। हम साधारण विज्ञान को एक कठिन विषय समझते हैं। यह भी सोचते हैं कि विज्ञान सिर्फ कक्षा में पढ़ाया जाने वाला एक विषय है। इसलिए विज्ञान हमारे लिए कठिन प्रतीत होता है। विज्ञान का नाम सुनते ही डर लगता है। दरअसल विज्ञान केवल एक विषय नहीं है। विज्ञान संस्कृति का ही एक अंग है, सभ्यता का उत्कर्ष है विज्ञान सर्वव्यापक है। यह जीवन-धारण की एक प्रणाली है। केवल कक्षा के अंदर ही नहीं, कक्षा के बाहर, जीवन के हर कदम में हमें विज्ञान की जरूरत पड़ती है। ऐसा नहीं है कि सामान्य लोग विज्ञान नहीं सकते। सभी इसे समझ सकते हैं और अनजाने में ही सभी वैज्ञानिक अवधारणाओं को दैनिक जीवन में प्रयोग भी कर रहे हैं। जब लोगों की मानसिक प्रवृत्ति वैज्ञानिक रीति और मान्यताओं पर आधारित होगी तभी उनके मन से अंधविश्वास या कुसंस्कार का उन्मूलन हो सकेगा।
(ङ) अनेक शिक्षित लोग भी अंधविश्वास के शिकार होते हैं क्यों?
उत्तरः अपनी स्वार्थ-सिद्धि के लिए शातिर और अपराधी प्रकृति के कुछ लोग समाज में अंधविश्वास कायम रखने की कोशिश करते हैं। वे समाज में अफवाहें फैलाकर लोगों को भड़काते हैं। वे इतनी चालाकी से अंधविश्वासों को प्रसारित करते हैं कि केवल अशिक्षित वर्ग के ही नहीं बल्कि शिक्षित वर्ग भी उनसे प्रभावित होकर उनकी बातों में आ जाते हैं। कुछ असत प्रकृति के लोग समाज को भीतिग्रस्त और अस्थिर बनाये रखने के लिए भी अफवाहें फैलाते हैं। जिस व्यक्ति में तर्कशक्ति होगी, जो सभी बातों को युक्तिपूर्ण तरीके से तौल कर उस पर विश्वास करना सही है या नहीं विचार करेगा, वैसा व्यक्ति अफवाहों से प्रभावित नहीं होता। जो व्यक्ति विस्तृत अध्ययन तथा यथार्थ अनुभवों से समृद्ध होता है उसमें मानसिक शक्ति प्रबल होती है और वह अफवाहों तथा अंधविश्वासों से प्रभावित नहीं होता।
(च) अंधविश्वास तथा अफवाहों से जनता प्रभावित न हो, उसके लिए क्या-क्या व्यवस्था करनी चाहिए?
उत्तरः जिस प्रकार से आज हम विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं तो हमें उसका फायदा उठाते हुए लोगों के बीच फैल रहे अंधविश्वास को दूर भगाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से ढोंगी बाबा, पुजारी ढोंगी, साधु संत आदि का पदार्फाश टेलीविजन के माध्यम से सीधा प्रसारण करना चाहिए या उनका समर्थन नहीं करना चाहिए।
5. आशय स्पष्ट कीजिए:
(क) समाज में पनप रहे ‘डायन’ अथवा ‘बच्चाचोर’ जैसे अंधविश्वासों की आड़ में कुछ शातिर और चालाक लोग अनेक अमानविक कार्य भी संबंधित करते रहे हैं।
उत्तरः प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से लेखक समाज के शिक्षित वर्गों को सचेत करते हुए कहना चाहते है कि कुछ शिक्षित लोग भी एवं सम्पूर्ण रूप से अशिक्षित समाज के लोग भूत-प्रेत, डायन तथा बच्चाचोर जैसी अंधविश्वास वाली बातों पर आसानी से विश्वास कर लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना विवेकहीनता एवं चिन्तनविमुक्त लोगों की पहचान इसी का लाभ उठाकर असामाजिक लोग अपनी गलत मानस को सिद्ध करने में सफल होते हैं।
(ख) समाज में होते रहे विविध प्रकार के संघर्ष, भड़कते गिरोह के हमले आदि असामाजिक तथा अमानविक कार्यों को रोकने के कानून बनाना अब जरूरी हो गया है।
उत्तरः प्रस्तुत पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए लेखक यह कहना चाहते है कि अंधविश्वास, कुसंस्कार, भूत-प्रेत, डायन आदि जैसे अंधविश्वास लोगों में एक दहशत एवं उत्तेजना उत्पन्न करती है जो लोगों को भड़काने के समान है और भड़कायी गई अनियंत्रित भीड़ का हमला एक अपराध है। समाज में होते रहे विविध प्रकार के संघर्ष गिरोह के हमले आदि असामाजिक तथा अमानविक कार्यों को रोकने के लिए कानून बनना अति आवश्यक है।
6. सप्रसंग व्याख्या कीजिए:
(क) विज्ञान और प्रोद्योगिकी की प्रगति के इस युग में अंधविश्वास सचमुच मानव समाज के लिए अभिशाप है।
उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ अंधविश्वास की छोटें प्रेरणात्मक निबंध से ली गई हैं। इसके लेखक जयंत माधव बरा हैं। इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक ने विज्ञान की प्रगति के इस युग में भी अनेक कुसंस्कार विद्यमान है इसको बताने का प्रयास किया हैं।
व्याख्या: अंधविश्वास या कुसंस्कार पूरे संसार के सामने एक बहुत बड़ी समस्या है। आज मानव समाज में अनेक परंपरागत अंधविश्वास या कुसंस्कार इस प्रकार हावी होते जा रहे हैं कि वे प्रेम, ममत्व, पारस्परिक भ्रातृत्वबोध को धीरे-धीरे विलुप्त कर मानव सभ्यता को कलुषित करने के कार्य में जी-जान से जुट गए हैं। अंधविश्वास तथा इसके साथ-साथ अफवाहों का सृजन भी मनुष्य ही करते हैं और ये परंपरागत अंधविश्वास या कुसंस्कार तथा इनके साथ ही फैलने लगी अफवाहें हमारी समाज-व्यवस्था को प्रदूषित भी करते हैं। इससे समाज को बारी नुकसान पहुँचता है। भाइचारे को भूलकर लोग एक शत्रु के शत्रु बनने लगे है। अतः अंधविश्वास या कुसंस्कार निःसंदेह हमारे सामने एक बहुत बड़ी समस्या है। विज्ञान और प्रोद्योगिकी की प्रगति के इस युग में यह सचमुच मानव समाज के लिए अभिशाप हैं।
(ख) समाज में उश्रृंखल, अबांछनीय परिवेश का अमानवीय कार्यकलापों की वृद्धि होने का मुख्य कारण है वर्तमान समय के लोगें में आवेस के नियंत्रण की अक्षमता।
उत्तर: प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ अंधविश्वास की छीटें प्रेरणात्मक निबंध से ली गई हैं। इसके लेखक जयंत माधव बरा हैं। इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक ने शिक्षा के अभाव के कारण नहीं बल्कि ज्ञान के अभाव के कारण ही लोग अंधविश्वासी होते हैं। बताने का प्रयास किया हैं।
व्याख्या: शिक्षा के अभाव के कारण नहीं बल्कि ज्ञान के अभाव के कारण ही लोग अंधविश्वासी होते हैं। ज्ञान के अभाव के कारण लोग अपने आवेश को नियंत्रण में रख नहीं सकते। औपचारिक शिक्षा प्राप्त होने पर लोगों को हम ज्ञानी नहीं कह सकते बल्कि आज से कई सालों पहले जब यहाँ के समाज में औपचारिक शिक्षा प्राप्त लोगों की संख्या बहुत ही कम भी तब भी उनके चिन्तन इतने आधुनिक वैज्ञानिक और क्रान्तिकारी थे कि आज के जमाने में भी वे प्रासंगिक तथा समाज के हितकारक साबित होते हैं। महापुरुष शंकरदेव के वैष्णव दर्शन के मूल में मानवता के कल्याण की जो भावना है वह आज भी वन्दनीय है और भविष्य में भी रहेगी। वर्तमान समय के उन्मादी भोगवादी दर्शन के मूल कारण शिक्षा अर्जन करना नहीं, बल्कि नौकरी प्राप्त करने का साधन बन चुकी है। ज्ञान की साधना ही सर्वश्रेष्ठ साधना है। लेकिन भोग-विलास और सस्ते सुख के साधनों को प्राप्त करने की कामना के कारण लोग ज्ञान की साधना से विमुख होने लगे है। आवेग के नियंत्रण की इस अक्षमता का कारण है अद्ययन का अभाव। लोग शिक्षित जरूर हुए हैं, परंतु उनमें अध्ययन की स्पृहा नहीं रही है।
भाषा एवं व्याकारण:
1. ‘विश्वास’ शब्द के पूर्व ‘अंध’ शब्द जोड़कर ‘अंधविश्वास’ शब्द बनाया जाता है। ऐसे ही निम्नोक्त पदों के साथ ‘अंध’ शब्द जोड़कर नए शब्द जनाइए-भक्ति, अनुकरण, परंपरा, अनुसरण।
उत्तरः अंधभक्ति, अंधानुकरण, अंध-परंपरा, अधानुसरण।
2. निम्नलिखित उपसर्गों से नए शब्द बनाइएः
कु, सु, परि, उप, निर, अधि, अभि, परा, वि, प्र
उत्तरः कुसंस्कार, सुविचार, परियोजना, उपकार, निर्दोष, अधिनायक, अभिमान, परातंत्र, विचार, प्रसिद्ध।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर:
1. जयंत माधव बरा का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तरः जयंत माधव बरा का जन्म देरगाँव में हुआ था।
2. जयंत माधव बरा ने कहाँ और किस विषय में एम.एस.सी की है?
उत्तरः जयंत माधव बरा ने डिब्रुगढ़ विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में एम.एस.सी की है।
3. वर्तमान वे किस विभाग के एक अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं?
उत्तरः वर्तमान वे असम सरकार के सचिवालय में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।
4. जयंत माधव बरा द्बारा लिखित कहानी-संकलन में कौन-कौन से नाम आते हैं?
उत्तरः जयंत माधव बरा द्बारा लिखित कहानी संकलन में क्रमशः युद्धभूमि, बर भय लागिछे, अनुन देओलगा समय, जाकैया छोवाली, कालबेलार कथकता।
5. अब तक उनके कितने उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं?
उत्तरः अब तक उनके बारह उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं।
6. उनके द्वारा लिखित उपन्यासां का नाम लिखिए।
उत्तरः उनके द्वारा लिखित उपन्यासों का नाम हैं – अमृत, मरिया होला, आजान फकीर, मायंग: जादुर देशर गोपन गाथा।
7. उन्हें किन उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी का पुरस्कार प्रदान किया गया?
उत्तर: उन्हें सन 2017 में मरिया होला उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी का पुरस्कार प्रदान किया गया।
8. उन्हें सन 2014 में कौन सा पुरस्कार प्रदान किया गया?
उत्तर: उन्हें सन 2014 में गोलाघाट जिला साहित्य सभा ने चैयद आब्दुल मालिक पुरस्कार प्रदान किया था।
9. उन्हें सन १९८७ में किस उपन्यास के लिए असम साहित्य सभा की ओर गिरिधर शर्मा पुरस्कार प्राप्त हुआ था?
उत्तरः उन्हें सन १९८७ में उनके अमृत उपन्यास के लिए असम साहित्य सभा की ओर से गिरिधर शर्मा पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
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