SEBA Class 9 Hindi MIL Chapter 16 मुक्ति की आकांक्षा

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SEBA Class 9 Hindi MIL Chapter 16 मुक्ति की आकांक्षा

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मुक्ति की आकांक्षा

पद्य खंड

अभ्यास -माला

बोध एवं विचार:

1. सही विकल्प का चयन कीजिए:

(क) पिंजड़े के बाहर हवा में किसके जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी?

(i) कवि चिड़िया।

(ii) चिड़िया।

(iii) बहेलिया।

(iv) बटोही।

उत्तरः चिड़िया।

(ख) पिंजड़े से बाहर चिड़िया के पीने के लिए जलस्त्रोत हैं—

(i) समुद्र।

(ii) नदी।

(iii) झरना।

(iv) सभी।

उत्तरः सभी।

(ग) बाहर दाने का टोटा है – का आशय क्या है?

(i) बाहर चिड़िया के लिए भरपूर अनाज के दाने हैं।

(ii) बाहर चिड़िया को दाना मिलना कठिना है।

(iii) बाहर चिड़िया को दाना बिल्कुल नहीं मिल सकता।

(iv) बाहर चिड़िया को दाना मिलना असंभव है।

उत्तरः बाहर चिड़िया को दाना मिलना कठिन है।

(घ) बाहर सुख-सुविधाओं का अभाव और प्राणों तक का खतरा होने पर भी चिड़िया मुक्ति का गाना क्यों गाया चाहेगी?

(i) उसे अपने प्राणों से कोई मोह नहीं है।

(ii) वह सुख-सुविधाओं की आदी नहीं है।

(iii) उसके लिए आजादी के सामने सारी सुख-सुविधाओं तुच्छ है।

(iv) उसे गाने में आनंद मिलता है।

उत्तरः उसके लिए आजदी के सामने सारी सुख-सुविधाओं तुच्छ हैं।

2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए:

(क) पिंजड़े के बाहर की दुनिया को निर्मम क्यों बताया गया है?

उत्तरः पिंजड़े के बाहर की दुनिया को निर्मम कवि ने इसलिए बताया है क्योंकि लोग जालिम, क्रूर आदि स्वभाव के होते है। उनके अंदर ममता नहीं होती केवल वे अपनी निजी स्वार्थ को देखते हैं।

S.L No.CONTENTS
(GROUP – A) काव्य खंड
Chapter – 1पद
Chapter – 2भजन
Chapter – 3ब्रज की संध्या
Chapter – 4पथ की पहचान
Chapter – 5शक्ति और क्षमा
Chapter – 6गांधीजी के जन्मदिन
Chapter – 7ओ गंगा बहती हो क्यों
गद्य खंड
Chapter – 8पंच परमेश्वर
Chapter – 9खाने-खिलाने का राष्ट्रीय शाोक
Chapter – 10गिल्लू
Chapter – 11दुख
Chapter – 12जीवन-संग्राम
Chapter – 13अंधविश्वास की छोटें
Chapter – 14पर्वी का देश भारत
(GROUP – B) काव्य खंड
Chapter – 15बरगीत
Chapter – 16मुक्ति की आकांक्षा
गद्य खंड
Chapter – 17वे भूले नहीं जा सकते
Chapter – 18पिंपलांत्रीः एक आदर्श गाँव

(ख) ‘अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी’ – इससे कवि का क्या अभिप्राय है?

उत्तरः ‘अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी’-इस पंक्ति से कवि का अभिप्राय यह है कि यदि चिड़िया पिंजड़े के बाहर निकलकर आजाद हो जाती है तो वह बाहर की विशाल धरती पर अपनी पहचान खो देगी।

(ग) पिंजड़े के बाहर चिड़िया को किसका डर है?

उत्तरः पिंजड़े के बाहर चिड़िया को बहेलिए का डर है।

(घ) बाहर जल के अनेक स्त्रोत होते हुए भी चिड़िया को जल के लिए भटकने की बात कवि ने क्यों की है?

उत्तरः बाहर जल के अनेक स्त्रोत होते हुए भी चिड़िया को जल के लिए भटकने की बात कवि इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि उसे जल के लिए अपने प्रतिद्वंदी से लड़ना पड़े और उसे बहेलिए का डर भी खताएगा।

(ङ) ‘यहाँ चुग्गा मोटा है’ – इसका क्या अभिप्राय है?

उत्तरः प्रस्तुत पंक्ति ‘यहाँ चुग्गा मोटा है’ से कवि का अभिप्राय है कि चिड़िया यदि पिंजड़े से आजाद हो जाती है, तो उसे भोजन के लिए यहाँ-वहाँ भटकना पड़ेगा पर वही पिंजड़े में ही रही तो उसे चुगने के लिए भरपूर मात्रा में दाना मिलेगा।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए:

(क) पिंजड़े के अंदर चिड़िया को क्या-क्या सुख-सुविधाएँ उपलब्ध हैं?

उत्तरः पिंजड़े के अन्दर चिड़िया को कटोरी में भरा जल, दाने का मोटा चुग्गा एवं एकांत स्तान आदि सुख-सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

(ख) पिंजड़े से बाहर चिड़िया को किन-किन असुविधाओं का सामना करना पड़ता है?

उत्तरः पिंजड़े से बाहर चिड़िया को अनेकों असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। जैसे खुली जगह एवं नदी, समुद्र और तालाब होने के बावजूद उसे पानी के लिए भटकना पड़ता है। साथ ही बाहर बहेलिए द्वारा पकड़े या मारे जाने का डर सताते रहता है।

(ग) पिंजड़े में बंद चिड़िया को कवि बाहरी दुनिया की किन-किन वास्तविकताओं से परिचित कराना चाहता है और क्यो?

उत्तरः पिंजड़े में बंद चिड़िया को कवि बाहरी दुनिया की अनेकों वास्तविकता से परिचित करना चाहते है। वे कहते है कि चिड़िया तुम इस पिंजड़े में ही सुरक्षित हो क्योंकि अगर तुम बाहर जाओगी तो खुले आसमान में खुद की गंझ को पहचान नहीं पाओगी। पानी के लिए तुम्हें इधर-उधर भटकना पड़ेगा और साथ ही तुम्हें बहेलिए का डर सताते रहेगा। इसलिए तुम यही रहो क्योंकि ये दुनिया निर्मम हैं।

(घ) पिंजड़े के भीतर चिड़िया केनिर्निर्द्बद्ब कंठ स्वर का क्या आशय है?

उत्तरः कवि कहना चाहते है कि चिड़िया यदि खुले में गीत गाती है तो उसे हर पल बहेलिए के द्वारा पकड़े जाने या मारे जाने का डर बना रहेगा। वही दूसरी ओर अगर वह पिंजड़े में ही रहेगी तो बिना किसी रुकावट या बाधा के गति रहेगी। अर्थात कवि चिड़िया को पिंजड़े में देखना ज्यादा पसन्द करते हैं।

(ङ) कविता में चित्रित चिड़िया के स्वभाव के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?

उत्तरः कविता में चित्रित चिड़िया के स्वभाव के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहता है कि मनुष्य पशु-पक्षी सबी को स्वतंत्रता प्रिय होती हैं। कवि चिड़िया को समझाता है कि वह बंदी जीवन स्वीकार करें और पिंजड़े के बाहर जाने का विचार त्याग दे। पिंजड़े में सारी सुख-सुविधाएं थी और चिड़िया बाहर के खतरों से परिचित थी फिर भी वह निरंतर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करती है। उसके इस प्रयास से पिंजड़ा टूट जाए था खुल जाए तो चिड़िया उड़ जाएगी। पिंजड़े की लौहे की दीवार भी उसे रोक नहीं पाएगी।

कवि ने बताया है कि सुख-सुविधावली गुलामी से कष्टदायक स्वतंत्रता ही अच्छी है। स्वतंत्रता में ही जीवन का सच्चा और स्वाभाविक आनंद छिपा हुआ है।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर:

1. सर्वेश्वर दयाल सकसेना का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तरः सर्वेश्वर दयाल सकसेना का जन्म सन 1927 में जिला बस्ती उत्तर प्रदेश में हुआ था।

2. सकसेना जी की उच्च शिक्षा कहाँ पर हुई?

उत्तरः सकसेना जी की उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई।

3. सकसेना जी कहाँ के प्रोड्युसर, उपसंपादक और संपादक रहे थे?

उत्तरः सकसेना जी आकाशवाणी में सहायक प्रोड्युसर, दिनमान में उपसंपादक और पराग के संपादक रहे थे।

4. सकसेना जी का निधन कब हुआ था?

उत्तरः सकसेना जी का निधन सन 1983 में हुआ था।

5. सर्वेश्वर दयाल जी किस प्रतिभा के साहित्यकार थे?

उत्तरः सर्वेश्वर दयाल जी बहुमुखी प्रतिभा के साहित्यकार थे।

6. सर्वेश्वर दयाल सकसेना की प्रमुख कृतियाँ कौन-कौन सी है?

उत्तरः सर्वेश्वर दयाल सकसेना की प्रमुख कृतियाँ है – काठ की घंटियाँ, कुआनो नदी, जंगल का दर्द, खूंटियों पर टंगे लोग (कविता-संग्रह) पागल कुत्तों का मसीहा, सोया हुआ जल (उपन्यास), लड़ाई (कहानी-संग्रह), बकरी (नाटक), भौ भौ खौ खौं, बतूता का जूता लाख की नाक (बाल साहित्य) चरचे और चरखे उनके लेखों का संग्रह है।

7. सकसेना जी को किस पर साहित्य अकादेमी का पुरस्कार मिला?

उत्तरः सकसेना जी को खूंटियों पर टंगे लोग पर साहित्य अकादेमी का पुरस्कार मिला।

8. सर्वेश्वर जी की पहचान किस लेखक के रूप में को जाती है।

उत्तरः सर्वेश्वर जी की पहचान मध्यवर्गीय आकांक्षाओं के लेखक के रूप में की जाती है।

9. उनके साहित्य में किसका चित्रण देखने को मिलता है?

उत्तरः मध्यवर्गीय जीवन की महात्वाकांक्षाओं, सपनों, संघर्ष, शोषण, हताशा और कुंठा का चित्रण उनके साहित्य में मिलता है।

10. सर्वेश्वर जी क्या थे?

उत्तरः वे कवि, कहानीकार, उपन्यासकार, निबंधकार और नाटककार थे।

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