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SEBA Class 10 Hindi Chapter 4 भोलाराम का जीव
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भोलाराम का जीव
गद्यांश
अभ्यासमाলা
बोध एवं विचार:
प्रशन 1. सी विकप का चयन करो:
(क) भोलाराम के जीव ने कितने दिन पहले देह त्यागी थी?
(अ) तीन दिन पहले।
(आ) चार दिन पहले।
(इ) पाँच दिन पहले।
(ई) सान दिन पहল।
उतर: (इ) पाँण दिन पहले।
(ख) नारद भोलाम का घर पहचान गए।
(अ) माँ–बेटी के सन्मिलित क्रंदन सुनकर।
(आ) उसका टूटा– फूटा मकान खकर।
(इ) घर के बगल मेनश नाके को देखकर।
(ई) लोगो से घर का पता पुछकर।
उतर: (अ) माँ–बेटी के सन्मिलित क्रंदन सुनकर।
(ग) धर्मराज के अनुसार नर्क मे ईमारते बनाकर रहनेवालों में कौन शामिल है?
(अ) ठकेेदार।
(आ) इंजीनियर।
(ह) ओवरसीयर।
(ई) उपर्युक्तसभभी।
उतर: (ई) उपयुक्त सभी।
(घ) बड़े साहब ने नारद को भोलाराम के दरख्वास्तो पर वजन रहने की सलाइ दी। यहाँ ‘वजन’ का अर्थ क्या है?
(अ) पेपारवेट।
(आ) वीणा।
(इ) रिशवत।
(ई) मिठाई का डव्वा।
उतर: (इ) रिशवत।
S.L. No. | CONTENTS |
गद्यांश | |
पाठ – 1 | नींव की ईंट |
पाठ – 2 | छोटा जादूगर |
पाठ – 3 | नीलकंठ |
पाठ – 4 | भोलाराम का जीव |
पाठ – 5 | सड़क की बात |
पाठ – 6 | चिट्ठियों की अनूठी दुनिया |
पद्यांश | |
पाठ – 7 | साखी |
पाठ – 8 | पद–त्रय |
पाठ – 9 | जो बीत गयी |
पाठ – 10 | कलम और तलवार |
पाठ – 11 | कायर मत बन |
पाठ – 12 | मृत्तिका |
रचना |
प्रशन 2. पूर्ण वाक्य में उतर दो:
(क) भोलाराम का घर किस शहर मे था?
उतर: भोलाराम का घर जबलपुर शहर था।
(ख) भोलाराम को सेवानिवृत हुए कितने वर्ष हुए थे?
उतर: भोलाम का सेवानवृत हुए पाँच वर्ष हुए थे।
(ग) भोलाराम की पत्नी ने भोलाराम को किस बीमारी का शिकार बনাया?
उत्तर: भोलाराम की पत्नी ने भोलाराम को गरीबी की बीमारी का शिकार बताया था।
(घ) भोलाराम ने मकान मालिक को कितने साल किराया नही दिया था?
उत्तर: भोलाराम ने मकान मालिक को एक साल किराया नही दिया था।
(ङ) बड़े साहब ने नारद से भोलाराम की पेशंन मंजूर करने के बदले क्या माँगा?
उत्तर: बड़े साहब ने नारद से भोलाराम की पेशंन मंजुर करने के लिए बदले में वीणा माँगा था।
प्रशन 3. संक्षेप में उत्तर दो:
(क) ‘पर ऐसा कभी नहीं हुआ था’। –यहा किस घटना का संकेत मिलता?
उत्तर: धर्मराज लाखो वर्षों से असंख्य आदमियो को कर्म और सिफारिश के आधार पर स्वर्ग या नर्क में निवास–स्थान ‘अलाँट करते आ रहे थे–परन्तु ऐैसा कभी नहीं हुआ कि भोलाराम के जीवन ने पाँच दिन पहले देह त्यागी और यमदूत के साथ इस लोक के लिए रवाना होकर भी अब तक नही पहुँच।
(ख) यमदूत ने भोलाराम के जीव के लापता होने के बारे में क्या बताया?
उत्तर: यमदूत ने भोलाराम के जीवन के लापता होने के बारे में कुछ इस तरह बताया–दयानिधान! मैं कैसे बतलाऊँ कि क्या हो गया। आज तक मैने धोखा नहीं खाया था, पर इस बार भोलाराम का जीव मुझे चकमा दे गया। पाँच दिन पहले जब जीव में भोलाराम की देह त्यागी, तब मैने उसे पकड़ा और इस लोक की यात्रा आरम्भ की। नगर के बाहर ज्यों ही मैं उसे लेकर एक तीव्र वायु–तरंग पर सवार हुआ त्यो ही वह मेरे चंगुल से छुटकर न जाने कहाँ गायव हो गया। इन पाँच दिनो में मैंने सारा ब्रह्माण्ड छान डाला, पर उसका कही पता नहीं चला।)
(ग) धर्मराज ने नर्क में किन–किन लोगो के आने कि पुष्टि की? उनलोगा ने क्या क्या अनियमिततायँ की थी?) –धर्मराज
उत्तर: धर्मराज ने नर्क मे बड़े गुणी कारीगर, ठेकेदार, बड़े–बड़े ईज्जीनियर और ओवरसियर के आने कि पुष्टि की थी।
गुणी कारीगर ने पुरे पैसे हरप कर रद्दी इमारते बनायी। बड़े–बड़े इंजिनियर जिन्होंने ठेकेदारों से मिलकर भारत की पँचवर्षीय– योजनाओ का पैसा खाया। ओवरसियर, जिन्होंने मजदुरो कि हाजिरी भरकर पैसा हड़पा, यो कभि काम पर गया ही नहीं।
(घ) भोलाम की पारिवारिक स्थिति पर काश डालो?
उत्तर: भोलाराम जबलपुर शहर के घमापुर मुहल्ले में नाले के किनारे एक डेढ़ कमरे के टूटे–फूटे मकान में वह परिवार–समेत रहता था। उसकी एक स्त्री, दो लड़के और एक लड़की। उम्र लगभग पैंसठ साल सरकारी नौकर था; पाँच साल पहले रिटायर हो गया था। मकान का किराया उसने एक साल से नहीं दिया था, इसलिए मकान–मालिक उसे निकालना चाहता था।
(ङ) ‘भोलाराम ने दरख्याते तो भेजी थी, पर उन पर वजन नहीं रखा था, इसलिए कहीं उर गई होंगी।’ दफतर के बाबू के ऐसा कहने का क्या आशय था?
उत्तर: वर्तमान समय समाज व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार के वशीभूत होकर दफतर के बाबु ने ऐसा कहा। यह कहने का मूल आहाय यहि था कि आजकल रिश्वत के बिना काम नहीं होता और भोलाराम नें दरखास्ते के साथ रिशवत न भेजने के कारण उनके पैंशन कि मंजूरी नहीं मिली थी।
(च) चपरासी ने नारद को क्या सलाह दी?
उत्तर: चपराशी ने नारद को कहा–महराज, आप क्यों इस झंझट में पड़ गए! आप अगर साल–भर भी यहाँ चक्कर लगाते रहे, तो भी काम नही होगा। आप तो सिधे बड़े साहब से मिलिये, उन्हें खुश कर लिया तो अभी काम हो जायेगा।
(छ) बड़े साहब ने नारद को भोलाराम के पेशन केस के बारे में क्या बताया?
उत्तर: बड़े साहव ने नारद को भोलाराम के पेशंन केस के बारे में कुछ इस तरह बताया, आप हैं वैरागी; दफतरी के रीति–रिवाज नहीं जानते। असल में भोलाराम ने गलती की। भई, यह भी एक मंदिर है। यहाँ भी दान–पुण्य करना पड़ता है; भेंट चढ़ानी पड़ती है। आप भोताराम के आत्मीय मालुम होते है। भोलाराम की दरख्वास्ते उड़ रही है, इन पर वजन रखिए।
(ज) ‘भोलाराम का जीव’ नामक व्यंग्यात्मक कहानी समाज में फैले भ्रष्टचार एवं रिश्वतखोरी का पर्दाफाश करता है। कहानी के आधार पर पुष्टि करो?
उत्तर: ‘भोलाराम का जीव’ नामक कहानी मे हरिशंकर परसाई ने पौराणिक युग के परिपेक्ष्य में आधुनिक समाज व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार को मार्मिकता के साथ पेश किया है। आजकल के समाज मे रिशवत के बिना कोई काम नही होता, भ्रष्टाचार लग भग हर सरकारी विभाग में व्याप्त है।
पाँच वर्षो तक पेशन लिए कार्यालय का चक्कर लगाने वाले भोलाराम के परिवार का आर्थिक दयनीयता पाठको को शोचने पर विवश कर देती है। यह कहानी सिर्फ अकेले भोलाराम कि ही नहीं है; बल्कि भारत में रहनेवाले सभी आम जनता इस फैले हुए रोग के शिकार है।
प्रशन 4. आशय स्पष्ट करो:
(क) दरख्वास्ते’ पेपरवेट से नहीं दबति’?
उत्तर: आधुनिक समाज व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार के वशिभूत होकर मर्कारी अफसर ने ऐसा कहा। यह कहते का मूल आशय यही था कि रिशवत के बिना कोई काम हासिल नही होता है और भोलाराम ने पेशन मंजूरी करने के लिए दरख्वास्ते तो बहुत लिखि परन्तु उसके साथ रिशवत (वजन) नहीं दिया।
(ख) यह भी एक मंदिर है। यहाँ भी दान–पुण्य करना पड़ता है?
उत्तर: जैसे मंदिर में हम फुल–फल, पुजा आदि करके भगवान को प्रसन्न करते है, ठिक इसि प्रकार सर्कारी अफसर के कहने का आशय यहीं बनता है कि काम हासिल करने के लिए रिशवत् देना पड़ता है।
1. नीचे दिए गए समासो के भेद लिखकर उन्हे वाक्यों में प्रयोग करो:
(i) खाना–पीना?
खाना और पीना–समाहार द्वंद्व।
उत्तर: सेहत ठिक रखने के लिए अच्छे से खाना–पीना जरुरी है।
(ii) माँ–बाप
मा और बाप–इतरेतर द्वंद्वा।
उत्तर: सन्तान की अपने माँ–बाप कि सेवा करनी चाहिये।
(iii) घर–द्बार
घर और द्वार–समाहार द्वंद्व।
उत्तर: इन्सान का घर–द्बार देखके उस पर विश्वास करना चाहिये।
(iv) रूपया पैसा
रूपया और पैसा–इतरेतर द्वंद्व।
उत्तर: आज के युग में काम हासिल करने के लिए रुपया–पैसा देना पड़ता है।
(v) मात–डाल
भात और डाल-समाहार द्वंद्व।
उत्तर: इन्सान को जीने के लिए भात–डाल कि ही आवश्यकता है।
(vi) सीता–राम
सीता और राम–शतरेतर द्वंद्व।
उत्तर: दुलहा दुलहन को सीता–राम कि जोड़ी लग रहि है।
(vii) नाक–कान
नाक और कान–समाहार द्वंद्व।
उत्तर: समाज मे रहने के लिये नाक–कान खुला रखना चाहिये।
(viii) थोरा–बहुत
थोड़ा अथवा बहुत–वैकल्पिक द्वंद्व।
उत्तर: भुकम्प के वजह से थोड़ा–बहुत नुकसान हुआ है।
(xi) ठंडा–गरम
ठंडा या गरम–बैकल्पिक द्वंद्वा।
उत्तर: बच्चा ठंडा–गरम में खेलने के लिए बाहर नही जाता है।
(x) उत्थान–पतन
उत्थान या पतन–बैकल्पिक द्वंद्व।
उत्तर: हर इन्सान् के जीवन मे उत्थान–पतन होता है।
(xi) आकाश–पाताल
आकाश या पाताल–बैकल्पिक द्वंद्व।
उत्तर: राम और हरि में आकाश–पाताल का अन्तर है।
प्रशन 2. निम्नलिखित शब्दों के भाववाचक संज्ञा बनाओ:
(i) गरीब – गरीबी।
(ii) असमर्थ – असमर्थक।
(iii) खराब – खराबी।
(iv) त्यागी – त्याग।
(v) तलाश – तलाशी।
(vi) बहुत – बहुतो।
(vii) गृहस्थ – गृहस्थी।
(viii) कारीगर – कारीगरी।
(ix) अभ्यस्थ – अभ्यास।
(x) मूर्ख – मूर्खीमी।
(xi) परेशान – परेशानी।
(xii) नेता – नेतृत्व।
(xiii) चिल्लाना – चिल्लाहट।
(xiv) वास्तविक – वास्तविकता।
(xv) बीमार – बीमारी।
(xvi) उँचा – उँचता।
योग्यता विस्तार:
1. हरिशंकर परसाई द्वारा लिखित ‘पगडंडियों का जमाना’ तथा ‘कबीरा आप उवाइए’ नामक व्यंग्यात्मक निबंध पढ़ो और कक्षा में चची करो।
उत्तर: खोद करो।
2. धर्मराज मनुष्यों के पाप–पुण्य का फैसला करते है। अपने कमों के अनुसार मनुष्य को स्वर्ग या नर्क में स्थान मिलता है। यह कथन कहाँ तक सत्य है। इस बिषय में तर्क सहित अपना विचार प्रस्तुत करो।
उत्तर: खोद करो।
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