Class 11 Hindi MIL Chapter 17 गज़ल

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Class 11 Hindi MIL Chapter 17 गज़ल

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गज़ल

आरोह: काव्य खंड

प्रश्नोत्तर:

1. आखिरी शेर में गुलमोहर की चर्चा हुई। क्या उसका आशय एक खास तरह के फूलदार वृक्ष से हैं या उसमें कोई सांकेतिक अर्थ निहित हैं? समझाकर लिखें।

उत्तर: गुलमोहर एक फूलदार वृक्ष हैं। इस शेर में गुलमोहर को एक सांकेतिक अर्थ में लिया गया है। जिसका सांकेतिक अर्थ हैं, प्रेम। शायर कहते हैं, अगर हम जिएँ तो अपने लोगों के बीच उनकी प्रेम के तले। और अगर मरे तो दूसरे लोगों की खुशियों के लिए, दूसरों की भलाई दूसरों के प्रेम के लिए।

2. पहले शेर में चिराग शब्द का एक बार बहुवचन में आया है, और दूसरी बार एकवनच में। अर्थ एवं काव्य-सौंदर्य की दृष्टि से इसका क्या महत्व हैं? 

उत्तर: जहाँ शायर ने हर घर में चिराग के उपलब्ध कराने की बात कहीं है, अत: वहाँ चिराग को बहुवचन के रूप में प्रयोग किया गया है।

अर्थ की दृष्टि यह महत्वपूर्ण कहा जा सकता हैं, क्योंकि इससे शायर के उद्देश्य को प्रकट करने में सहायता करती हैं।

काव्य- सौंदर्य की दृष्टि से अगर देखा जाएँ तो इससे शेर और आकर्षक लगेन लगा हैं।

3. गज़ल के तीसरे शेर को गौर से पढ़ें। यहाँ दुष्यंत का इशारा किस तरह के लोगों की ओर हैं?

उत्तर: यहा दुष्यंत कुमार उन शासकों की ओर इशारा कर रहे हैं, जो समाज में शोषण ही करते हैं। दूसरी ओर शायर उन लोगों की तरफ भी इशारा कर रहे हैं, जो थोड़े में ही संतोष कर लेते हैं। जो कमीज के न होने पर अफसोस नहीं करते बल्कि पावँ से ही कमीज़ का काम करते हैं। लेकिन कवि इस बात पर बल देते हैं, उस सफर में हमसफर कितने फायदेमंद हैं।

S.L No.CONTENTS
गद्य खंड
Chapter – 1नमक का दारोगा
Chapter – 2मियाँ नसीरुद्दीन
Chapter – 3अपू के साथ ढाई साल
Chapter – 4विदाई-संभाषण
Chapter – 5गलता लोहा
Chapter – 6स्पीति में बारिस
Chapter – 7रजनी
Chapter – 8जामुन का पेड़
Chapter – 9भारत – माता
Chapter – 10आत्मा का ताप
काव्य खंड
Chapter – 11हम तौ एक एक करि जाना
Chapter – 12मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई
Chapter – 13पथिक
Chapter – 14वे आँखें
Chapter – 15घर की याद
Chapter – 16चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती
Chapter – 17गज़ल
Chapter – 18हे भूख मत मचल हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर
Chapter – 19सबसे खतरनाक
Chapter – 20आओ, मिलकर बचाएँ
वितान
Chapter – 21भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ – लता मंगेशकर
Chapter – 22राजस्थान की रजत बूँदें
Chapter – 23आलो-आंधारि

4. आशय स्पष्ट करें –

“तेरा निज़ाम है सिल दे जुबान शायर की,

ये एहतियात जरूरी है इस बहर के लिए। “

उत्तर: प्रस्तुत पंक्तियों में कवि शासको की तानाशाही प्रवृत्ति की ओर संकेत किया हैं। कवि कहते हैं, यह तो तुम्हारा ही शासन हैं, जिसमें तुम्हारे विरूद्ध उठनेवाले आवाज़ों को दबा सकते हैं। तुम्हारा राज हैं, जिसमें शायर के जुबान को तुम सिल सकते हैं, और एहतियात बहुत ही जरूरी है, इस राज्य के लिए।

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