Class 12 Hindi MIL Chapter 14 नमक

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Class 12 Hindi MIL Chapter 14 नमक

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नमक

आरोह: गद्य खंड

प्रश्नोत्तर:

1. सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?

उत्तरः किसी एक मुल्क का सामान दूसरे मुल्क ले जाना गैरकानुनी माना जाता हैं। यात्रीयों के सामानों की चैकिंग कस्टम वाले करते हैं, अगर कोई एक भी चीज़ ऐसी-वैसी निकल आई तो उनके सामान को कस्टमवाले बिखेर देते हैं। सफ़िया के भाई पुलिस अफ़सर थे अतः इस बात से परिचित थे। यहीं कारण हैं, कि वह सफिया को नमक की पुड़िया ले जाने से मना करते है।

2. नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में क्या द्वंद्व था?

उत्तरः सफ़िया के मन में नमक की पुड़िया को लेकर एक द्वंड चल रहा था। सफ़िया सोच रही थी कि वह कोई सोना-चादाँ या स्मगल की हुई चीज़ या फिर ब्लैक मार्केट का माल नहीं लेकर जा रही हैं बल्कि चन्द पैसो का तोहफा लेकर जा रही हैं। सफ़िया को इसमें रोकने वाली कोई बात नज़र नहीं आती। सफ़िया इस तोहफे को छिपाकर नहीं बल्कि दिखाकर या जताकर ले जाना चाहती थी।

3. जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?

उत्तर: जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तब कस्टम आफ़िसर निचली सीढ़ी “के पास ही खड़े थे। उनका इस प्रकार खड़े होना सफ़िया के हृदय में जन्मस्थान के प्रति छिपे सद्भावना तथा प्रेम का सम्मान करना था। इतना ही नहीं कस्टम अफ़सर उनकी इमानदारी से बहुत प्रभावित थे। साफिया चाहती तो नमक की छोटी सी पुड़िया को कस्टम आफिसर से बिना कहें ही ले जा सकती थी, परन्तु उसने ऐसा नहीं किया। वह नमक की पुड़िया जैसी मामुली तोहफे के भीतर छिपे कीमती भावना को अपमानित नहीं करना चाहती थी।

4. लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है जैसे उद्गार किस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं।

उत्तर: लाहौर से नमक ले जाने की इजाजत देते हुए कस्टम अफ़सर का यह कहना कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या अमृतसर के कस्टम अफ़सर का यह कहना कि मेरा वतन ढ़ाका है, उनका अपने वतन के लिए जो लगाव है, जो प्रेम हैं, उसकी ओर संकेत कर रहा है। भले ही राष्ट्र-राज्यों की नयी सीमा-रेखाएँ खींची जा चुकी हैं और मजहबी आधार पर लोग इन रेखाओं के इधर-उधर अपनी जगहें मुकर्रर कर चुके है, इसके बावजूद जमीन पर खींची गई रेखाएँ उनके अंतर्मन तक नहीं पहुँच पाई है। भले ही एक अनचाही, अप्रीतिकर बाहरी बाध्यता ने उन्हें अपने अपने जन्म-स्थानों से अलग कर दिया है, पर वह आज भी उनके दिलों पर कब्जा नहीं कर पाई हैं।

5. नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में उठे द्वंद्वो के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।

उत्तरः १. साहसी व निडरः

सफ़िया एक साहसी महिला थी। जब उनके भाई ने बताया कि नमक की पुड़िया लाहौर से हिन्दुस्तान नही ले जा पाऐगी क्योंकि यह गैरकानुनी है, तथा कस्टमवाले रोक लेगें। तब उन्होंने टोकरी में नमक को छिपाकर उपर कीनू तो बिछा दिया परन्तु फिर उन्होंने तपय किया कि वह कस्टम अफसर को नमक के बारे में बताएगीं तथा उनसे उसे ले जाने की इज़ाजत लेगीं। और उन्होंने यही किया केवल लाहौर के कस्टम को ही नहीं, बल्कि अमृतसर में उनका सामान चैक करनेवाले कस्टम अफसर को भी उन्होंने निडरता से सच्चाई बतायी।

२. वादे की पक्की:

सफ़िया इरादे की पक्की थी। एक बार अगर किसी को वादा कर दिया तो एक सैयद होने के नाते उस वादे से मुकर जाना उसके लिए लज्जाजनक था। वह जान देकर भी उस वादा को निभाना जानती थी। यही कारण है सेख बीबी को लाहौर से नमक लाने का वायदा करने के बाद उन्होंने हर हाल नमक को लाने की सोची। जब उन्होंने सुना की नमक ले जाना गैर कानुनी हैं, तो उन्होंने उसे छिपाकर ले जाने का तय किया।

३. सच्ची महिला:

सफ़िया ऐसी महिला थी जो केवल सच का साथ देना जानती थी। भले ही एक बार उसने नमक को छिपाकर ले जाने की बात सोची हो परन्तु दूसरे पल उसने यह फैसला किया कि इस तोहफे को वह छिपाकर नहीं बल्कि बताकर या जनाकर ले जायेगी। और वह कस्टम अफ़सर को सारा सच बता देती हैं।

6. मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से जमीन और जनता बँट नही जाती हैं। उचित तर्को व उदाहरणों के जरिए इसकी पुष्टि करे।

उत्तर: कहने का तात्पर्य यह हैं, कि मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर को भले ही. विभाजन नाम दे दिया जाता हैं, परन्तु इस विभाजन से न तो जमीन बँट सकती है और न ही जनता। विभाजन के वक्त जो भारतीय पाकिस्तान में जा बसे थे, या जो पाकिस्तानी भारत में आ बसे थे, आज भी उन्हें अपनी जन्म स्थान से उतना ही लगाव तथा प्रेम हैं, जितना पहले था। इस पाठ में एक कस्टम ऑफिसर का उल्लेख किया गया है जो अमृतसर के प्लेट फार्म पर लेखिका को मिलते हैं। वे भारत में रहते हैं, परन्तु उनका जन्मस्थान ढ़ाका हैं, और अब भी उनको अपने वतन के प्रति प्रेम है। यह लकीर भले ही लोगों को उनके जन्म स्थानों से विस्थापित तो कर दिया है, पर वह उनके दिलो पर कब्जा नहीं कर पाई हैं। उनके अंतर्मन तक नहीं पहुँच पाई हैं।

7. ‘नमक’ कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है, कैसे?

उत्तरः ‘नमक’ कहानी में भारत व पाक की जनता के बीच आरोपित भेदभावों के बीच भी मुहब्बत का स्वाद घुला हुआ हैं। इस बात का प्रमाण तब मिलता हैं, जब कस्टम अधिकारी सफिया को नमक ले जाने की इजाजत देते है (जिसे ले जाना गैरकानूनी है) । साथ ही वह अपना वतन देहली बताते हैं। वे कहते हैं, कि नमक देते हुए उस महिला को यह कहिए कि लाहौर अभी तक उनका वतन हैं।

8. क्या सब कानून हुकूमत के ही हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं, होते?

उत्तर: यह कथन सफ़िया का हैं। सफ़िया अपने भाई जो पुलिस अफ़सर थे, उन्हें नमक ले जाने की बात बताती हैं। इस पर भाई उन्हें नमक ले जाने की बात गैरकानुनी बताते हुए कहते हैं, कि कस्टम वाले नमक ले जाने नहीं देगें। अतः वे अपने भाई से कहती हैं, क्या सारे कानून हुकूमत के हक में ही होते हैं, क्या मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते है।

S.L No.CONTENTS
आरोह: काव्य खंड
Chapter – 1दिन जल्दी-जल्दी ढलता है
Chapter – 2कविता के बहाने
Chapter – 3कैमरे में बंद अपाहिज
Chapter – 4सहर्ष स्वीकारा है
Chapter – 5उषा
Chapter – 6कवितावली (उत्तर कांड से)
Chapter – 7रुबाईयाँ
Chapter – 8छोटा मेरा खेत
Chapter – 9बादल – राग
Chapter – 10पतंग
आरोह: गद्य खंड
Chapter – 11बाजार दर्शन
Chapter – 12काले मेघा पानी दे
Chapter – 13चार्ली चैप्लिन यानी हम सब
Chapter – 14नमक
Chapter – 15शिरीष के फूल
Chapter – 16भक्तिन
Chapter – 17पहलवान की ढोलक
Chapter – 18श्रम विभाजन और जाति प्रथा
वितान
Chapter – 19सिल्वर वैडिंग
Chapter – 20अतीत में दबे पांव
Chapter – 21डायरी के पन्ने
Chapter – 22जूझ

9. भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी?

उत्तरः जब भाई ने लेखिका को यह बताया कि नमक एक देश से दूसरे देश ले जाना गैरकानूनी हैं। तथा कस्टमवाले कभी भी लाहौर से भारत नमक नहीं ले जाने। पहले तो सफ़िया को बहुत गुस्सा आया परन्तु धीरे-धीरे भावना का स्थान बुद्धि ने ले लिया। उन्हें एक तरकीब सुझी उन्होंने कीनू की टोकरी में सबसे नीचे नमक को बिछा दिया और ऊपर कीनूओं से इसतरह ढ़क दिया कि नमक दिखाई न दे।

10. मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती हैं, कि कानून हैरान रह जाता है। 

उत्तरः लेखिका नमक साथ लाने की बात कस्टम अफ़सर इसलिए बता देती हैं, क्योंकि वह एक तोहफे को चोरी छिपे नहीं लेकर जाना चाहती थी। कस्टम अफ़सर सारी बात सुनकर भी उन्हें नमक ले जाने से नही रोकता हैं। वे स्वंय नमक की पुड़िया को लपेटकर सफ़िया के बेग में रखते हुए कहते हैं, मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है, कि कानून हैरान रह जाता है।

11. हमारी ज़मीन हमारे पानी का मज़ा ही कुछ और है?

उत्तरः यह कथन भारतीय कस्टम अफ़सर सुनील दासगुप्त का हैं। जो वैसे तो कलकत्ता में रहते हैं, परन्तु उनका जन्म स्थान ढ़ाका हैं। वे ढ़ाका से भारत विभाजन के समय ही आ गये थे। परन्तु आज भी वह अपने जन्मभूमि को याद करते हैं। वे कहते हैं कि कलकता में भी डाभ मिलता है, परन्तु ढ़ाका में मिलने वाला डाभ की बात ही अलग हैं। वहाँ की जमीन, वहाँ के पानी की बात ही कुछ और है।

12. ‘नमक’ कहानी के रचनाकार कौन हैं?

उत्तरः ‘नमक’ कहानी की लेखिका रज़िया सज्जाद जहीर हैं।

13. रज़िया सज्जाद जहीर के कहानी संग्रह का नाम बताइए? 

उत्तरः रज़िया सज्जाद जहीर की उर्दू कहानी संग्रह हैं – ज़र्द गुलाब।

14. नमक कहानी का मूल विषय क्या है?

उत्तरः नमक कहानी भारत-पाक विभाजन के बाद सरहद के दोनों तरफ के विस्थापित पुनर्वासित जनों के दिलों को टटोलती एक मार्मिक हैं।

15. साफ़िया लाहौर से भारत नमक किसके लिए ले जाती हैं?

उत्तरः सफ़िया नमक की पुड़िया सिख बीब के लिए ले जाती है।

16. सफ़िया अपने भाई से मिलने कहाँ जाती है?

उत्तरः सफ़िया अपने भाई से मिलने लाहौर जाती है।

17. मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुज़र जाती है कि कानून हैरान रह जाता हैं। यह कथन किसका हैं?

उत्तरः यह कथन उस कस्टम अफ़सर का है, जो सफ़िया को लाहौर के प्लेटफार्म में मिलते है।

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