Class 12 Hindi MIL Chapter 19 सिल्वर वैडिंग

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Class 12 Hindi MIL Chapter 19 सिल्वर वैडिंग

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सिल्वर वैडिंग

वितान

प्रश्नोत्तर:

1. यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?

उत्तरः यशोधर बाबू समय के साथ ढल सकने में असफल रहते है क्योंकि सदैव उनके भीतर एक द्वन्द चलता रहता है। यह द्वन्द है ‘जो हुआ होगा’ और समहाउ इंप्रापर का। जो हुआ होगा में यथास्थितिवाद यानी ज्यों का त्यों स्वीकार कर लेने का भाव है तो समहाउ इंप्रापर में एक अनिर्णय की स्थिति भी है। ये दोनों ही स्थितियाँ यशोधर बाबू के हालात को ज्यों का त्यों स्वीकार कर बदलाव को असंभव बना देने की ओर ले जाते है। यशोधर बाब किशनदा को अपना मार्गदर्शक मानते थे। किशनदा का मानना भले ही हम आधुनिकता की ओर बढ़े पर हमें हमारी संस्कृति को नहीं भुलना चाहिए। इसी कारणवश यशोधर बाबू समय के साथ नहीं ढल पा रहे थे। यशोधर बाबू को आधुनिकता समहाउ इंप्रापर सा लगता है। इसीलिए वे आधुनिकता को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे।

2. पाठ में ‘जो हुआ होगा’ वाक्य की आप कितनी अर्थ छवियाँ खोज सकत/ सकती है?

उत्तर: पाठ में ‘जो हुआ होगा’ का प्रयोग अनिश्चिता के अर्थ में किया गया है। जब यशोधर बाबू किशनदा की मृत्यु का कारण उसके एक बिरादर से पूछते है, तब वह कहता है कि जो हुआ होगा अर्थात उसे पता नहीं क्या हुआ था।

दूसरी बार ‘जो हुआ होगा’ का प्रयोग अकेलेपन के अर्थ में किया गया है। जब यशोधर बाबू किशनदा से जब पूछते है कि ‘जो हुआ होगा’ से मृत्यु कैसे हुई तो वह बताते है कि हर आदमी की मृत्यु इसी से होती है। चाहे वह अमीर हो या गरीब, गृहस्थ हो या ब्रह्मचारी । जीवन के शुरुआत और आखिर में सब अकेले ही होते है। उनका मानना है कि दुनिया में अपना कोई नहीं होता।

3. ‘समहाउ इंप्रापर’ वाक्यांश का प्रयोग यशोधर बाबू लगभग हर वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते हैं। इस वाक्यांश का उनके व्यक्तित्व और कहानी के कथ्य से क्या संबंध बनता है?

उत्तर: मनोहर श्याम जोशी द्वारा लिखी यह एक लम्बी कहानी है। लेखक ने इस कहानी में आधुनिकता की ओर बढ़ता हमारा समाज एक ओर कई नयी उपलब्धियों को समेटे हुए है तो दूसरी ओर मनुष्य को मनुष्य बनाए रखने वाले मूल्य जो कहीं घिसते चले जा रहे है, उसको दर्शाया है। ‘समहाउ इंप्रापर’ वाक्याशं का प्रयोग यशोधर बाबू अपने हर वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते हैं। यह वाक्यांश उनके ऐसे व्यक्तित्व को प्रकाश में लाता है जिसके भीतर द्वन्द चल रहा है। यह द्वन्द है जो हुआ होगा और समहाउ इंप्रापर का। यह एक ऐसे द्वन्दशील व्यक्ति को दर्शाता है, जो अनिर्णय की स्थिति में है। जहां वे बच्चों की तरक्की से खुश है, वहीं समहाउ इंप्रापर यह भी अनुभव करते हैं कि यह खुशहाली भी कैसी जो अपनों में परायापन पैदा करें।

इस कहानी में लेखक ने एक आम आदमी के भीतर चल रहे इसी द्वन्द को कहानी का बीज बनाया है।

4. यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशनदा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आपके जीवन को दिशा देने में किसका महत्वपूर्ण योगदान रहा और कैसे?

उत्तर: किशनदा का यशोधर बाबू की जीवन को दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मैट्रिक पास कर जब पहली बार यशोधर बाबू दिल्ली आये थे, तो किशनदा ने उन्हें शरण दी। उम्र कम होने के कारण पहले तो उन्हें नौकरी नहीं मिली तब उन्होंने उसे मैस का रसोइया बनाकर रख लिया और बाद में अपने नीचे नौकरी दिलवाई। इनता ही नहीं किशनदा यशोधर को आर्थिक सहायता भी करते थे। वे हर तरह से उनका मार्गदर्शन करते थे। यशोधर बाबू भी इसी कारणवश उनके बताये। मार्ग का अनुशरण करते थे।

मेरे जीवन को दिशा देने में मेरे माता-पिता का महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मेरे माता- पिता ने शिष्टाचार, आचार-व्यवहार सिखाया हैं। उनके योगदान के कारण ही मैं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हूँ। उनके कारण मैंने अपने अस्तित्व को पहचाना हैं। यह शिक्षा मुझे मेरी राह चुनने में तो मदद करेगा ही साथ ही मुझे एक जिम्मेदार आदमी के रूप में प्रतिठित करायेगा।

5. वर्तमान समय में परिवार की संरचना, स्वरूप से जुड़े आपके अनुभव इस कहानी से कहाँ तक सामंजस्य बिठा पाते हैं?

उत्तर: परिवार की संचरना के लिए आवश्यक है उसके सदस्यों का कत्तर्व्यबोध परिवार तभी सुचारू रूप से चल सकता हैं, जब परिवार के सभी सदस्य एक दूसरे के प्रति दायित्वशील हो। वर्तमान समय में परिवारों में एक बिखराव देखा जाता है। कहने को तो वे एक परिवार में रहते है, परंतु उनके विचारों, सोच में एक बड़ा अंतराल होता है। इस कहानी के यशोधर बाबू के परिवार में भी वही बात परिलक्षित होती है। उनका परिवार साथ रहता. हैं, परंतु उसमें बिखराव हैं। यशोधर बाबू और आधुनिकता की ओर बढ़ते उनके बच्चों के बीच एक अन्तराल आ गया है। पत्नी भी बच्चों का ही साथ देती है।

6. निम्नलिखित में से किसे आप कहानी की मूल संवेदना कहेंगे। कहेंगी और क्यों?

(क) हशिए पर धकेले जाते मानवीय मूल्य।

(ख) पीढ़ी का अंतराल।

(ग) पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव।

उत्तर: (क) हशिए पर धकेले जाते मानवीय मूल्य। क्योंकि वर्तमान समय में मानवीय मूल्य कहीं खो जाते रहे है। इस कहानी में यशोधर बाबू के बच्चे आधुनिकता के कई उपलब्धियों को समेटे आगे बढ़ रहे थे, परन्तु अपने पिता की भावनाओं को समझ सकने की प्रयत्न नहीं कर रहे थे। इसलिए पिता और बच्चों में एक अंतराल आ गया था।

7. अपने घर और विद्यालय के आस-पास हो रहे उन बदलावों के बारे में लिखें जो सुविधाजनक और आधुनिक होते हुए भी बुजुर्गों को अच्छे नहीं लगते। अच्छा न लगने का कारण क्या होंगे?

उत्तर: मेरे घर और विद्यालय के आस-पास बहुत से बदलाव हो रहे है। सड़के बनायी जा रही है, शहर के विकास का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इस बदलावों में कुछ ऐसे बदलाव भी शामिल है, जो हमारे बुजुर्गों को अच्छे नहीं लगते हैं। खाली जगहों पर बड़ी बड़ी इमारते, शोपिंग मॉल आदि बनाये जा रहे हैं, जिससे बुजुर्गों के सैर करने की जगह की कमी हो गई है। इतना ही नहीं लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर पार्क बनाये गये हैं। जिससे लोग वहाँ जाकर बैठ सके। परन्तु कुछ युवक-युवतियों के गलत आचरण की वजह से पार्क में बैठने की सुविधा का लाभ वे नहीं उठा पाते।

8. यशोधर बाबू के बारे में आपकी क्या धारणा बनती है? दिए गए तीन कथनों में से आप जिसके समर्थन में है, अपने अनुभवों और सोच के आधार पर उसके लिए तर्क दीजिए:

(क) यशोधर बाबू के विचार पूरी तरह से पुराने हैं, और वे सहानुभूति के पात्र नहीं हैं।

(ख) यशोधर बाबू में एक तरह का द्वन्द है, जिसके कारण नया उन्हें कभी-कभी खींचता तो है पर पुराना छोड़ता नहीं। इसलिए उन्हें सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत हैं।

(ग) यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्तित्व है और नयी पीढ़ी द्वारा उनके विचारों का अपनाना ही उचित है।

उत्तर: यशोधर बाबू मेंएक तरह का द्वन्द है, जिसके कारण नया उन्हें कभी-कभी खींचता तो है, पर पुराना छोड़ता नहीं। यशोधर बाबू में एक अनिर्णय की स्थिति होती हैं। उन्हें आधुनिकता के तौर-तरीके अपनाना ‘समहाउ इंप्रापर’ लगता है। यहीं कारण हैं कि सिल्वर वैडिंग पर दिया गया पार्टी उन्हें समहाउ इंप्रापर लगा। उन्हें उनके लिए लाया गया तोहफे के पैकेट खोलना भी ढोग ही लगा। जहाँ बच्चों की तरक्की से खुश हैं, वहीं उन्हें उस खुशहाली से भी परहेज हैं, जो अपनों में परायापन पैदा करती हैं। इसी नया और पुराने के बीच फँसकर वे अपने बच्चों से बहुत दूर अनुभव कर रहे थे।

S.L No.CONTENTS
आरोह: काव्य खंड
Chapter – 1दिन जल्दी-जल्दी ढलता है
Chapter – 2कविता के बहाने
Chapter – 3कैमरे में बंद अपाहिज
Chapter – 4सहर्ष स्वीकारा है
Chapter – 5उषा
Chapter – 6कवितावली (उत्तर कांड से)
Chapter – 7रुबाईयाँ
Chapter – 8छोटा मेरा खेत
Chapter – 9बादल – राग
Chapter – 10पतंग
आरोह: गद्य खंड
Chapter – 11बाजार दर्शन
Chapter – 12काले मेघा पानी दे
Chapter – 13चार्ली चैप्लिन यानी हम सब
Chapter – 14नमक
Chapter – 15शिरीष के फूल
Chapter – 16भक्तिन
Chapter – 17पहलवान की ढोलक
Chapter – 18श्रम विभाजन और जाति प्रथा
वितान
Chapter – 19सिल्वर वैडिंग
Chapter – 20अतीत में दबे पांव
Chapter – 21डायरी के पन्ने
Chapter – 22जूझ

9. ‘सिल्वर वैडिंग’ के लेखक कौन हैं?

उत्तर: मनोहर श्याम जोशी जी।

10. मनोहर श्याम जोशी की दो उपन्यासों के नाम बताए।

उत्तर: कुरु-कुरु स्वाहा, कसप।

11. मनोहर श्याम जोशी को किस रचना के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।

उत्तर: उन्हें क्याप के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।

12. ‘सिल्वर वैडिंग’ किस विद्या की रचना हैं?

उत्तर: यह मनोहर श्याम जोशी द्वारा लिखी गई लम्बी कहानी है। 

13. सिल्वर वैडिंग का अर्थ क्या हैं?

उत्तर: शादी की पच्चीसवीं सालगिरा को सिल्वर वैडिंग कहा जाता है।

14. इस कहानी के प्रमुख पात्र कौन है?

उत्तर: यशोधर बाबू।

15. यशोधर बाबू के चरित्र की किसी एक विशेषता का उल्लेख कीजिए? 

उत्तर: यशोधर बाबू बहुत ही कत्तर्व्यपरायण व्यक्ति थे। वे निर्धारित समय तक दफ्तर में रहकर अपना कार्य किया करते थे। उनके दफ्तर के मातहतों को उन्हीं के कारण पांच बजे के बाद भी बैठे रहना पड़ता है।

15. किशनदा कौन है?

उत्तर: किशनदा यानी कृष्णनन्द पांडे यशोधर के दफ्तर में ही काम करते थे। इन्होंने ही यशोधर को पहली बार दिल्ली आने पर शरण दी थी।

16. भूषण पंत कौन हैं?

उत्तर: भूषण पंत यशोधर पंत का बड़ा बेटा है।

17. भूषण को कितने रुपये तनख्वाह मिलती थी?

उत्तर: भूषण को ढाई हजार रुपया तनख्वाह मिलती थी। 

18. चड्ढा कौन है?

उत्तर: चड्ढा यशोधर बाबू बाबू के दफ्तर में ही असिस्टेंट ग्रेड में नौकरी करता है।

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