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SEBA Class 8 Hindi Chapter 9 जैसे को तैसा
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जैसे को तैसा
अभ्यास–माला
बोध एवं विचार:
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो।
1. प्रस्तुत कहानी के अपने ठगं से कक्षा में सुनाओ।
उत्तर: एक दिनो का बात है। एक धोबी का गधा उसके पड़ोस के एक कुम्हार के घर में घुस गया। कुम्हार अपने बर्तनों को धुप में सुखने के लिए रखा था। गधे ने सभी बर्तनों पर कुद-कुद कर उन्हें तोड़ दिया। तभी कुम्हार कहीसे आकर धोबी के गधे तथा टुटे बर्तनों के देखकर क्रोधित हे गया। एक डंडा लेकर वह गधे को पीटने लगा। दर्द के कारण से गधे रैंकने लगा। गधे की आवाज सुनते ही धोबी उसे बचाने के लिए आ गया और उसे चिल्लाकर बोला-“तुम क्यें मेरे गधे को पीट रहे हों?”
कुम्हारने कहाँ–‘‘अगर तुम्हें अपने गधे को इतनी ही प्यार है तो उसे हिफाजत में क्यों नहीं रखते? तुम्हे उसे बांधकर रखना चाहिए।” ये सारे बर्तनों किसी सेठ को आदेश से बनाए गए थे, अब मैं इतनी जल्दी कैसे बर्तन बना पाऊगा। इसलिए मैं इसे सजा जरुर दूँगा।
धोबी बोला- “मैं तुम्हारी सारे टूटे बर्तनों को कीमत दे दूँगा। कुम्हार को पैसा देकर धोबी आपने गधे को लेकर चना गया। तपर थी कुम्हार गुस्से में था। इसलिए गधे द्वारा किए गए नुकसान के बदले वह धोबी को सबक सिखाना चाहता था।
अगले दिन कुम्हार बादशाह अकबर से मिलने के लिए दरबार गया। बहाँ पहुंचकर वह बोला-“महाराज शाम को मेरे एक मित्र ईरान से आए है। उन्होंने बताया है कि ईरान के शाह हमारे देश और यहाँ के लोगों से बहुत प्रथावित है। परंतु वह कहता है कि भारतीय हाथी काले व गंदे होते हैं। उसकी सेना में हाथी सफेद व स्वच्छ है।” बादशाह ने पुछे “तो हमें इसमें कया कर सकते है।”
कुम्हार बोलो–‘ईरान वो शाह के पास धोवियों का दल है, जो हाथियौ को दिन में दो बार साफ करता है। अगर ईरान के शाह को तरह हम भी अपने हाथियों को नियमित रूप से छोए तो ही हमारे हाथी सभी ईरान के हाथियों से भी अधिक खच्छ और सफेद हो जाऐं।
यह सुनकर बादशाह अकवर समझ गए कि कुम्हार के मन में कुछ शराफत है। लेकिन वह प्रकट नहीं होते हैं। “सारे नगर के धोबियों के एकत्रित करो और उन्हें कही कि हमारे हाथियों की रोज धोए।”
मेरे बगल में जो धीबी रहता है वह बहुत बड़ा सुन्दर साफ धुलाई करता है। हमारे हाथियों को धुलाई में वह उपयुक्त है।” बादशाह मे कुम्हार को योजना समझ गए और सभो धोबियों को पकड़ कर लेने को आदेश दिया। धोबी ने कुछ हाथियों को दिन भर रगड़ कर साफ किए, परंतु वे थी सभी काले के काले ही रहे। जब शाम को बादशाह आकर देखा कि सारे हाथियों काले ही थे। धोबी यह भी समझ गया कि यह सब कुम्हार की योजना थी जो उसे सबक सिखाना चाहता था। वह सहायता के लिए तुंरत बीरबल के महल बी और चल पड़ा। बीरबल से मिलने के बाद वह निश्चिंत होकर अपने घर वापस आ गया। अगली सुबह जब बादशाह ने हाथियों को अच्छी तरह साफ ने देते के कारण उसे बहुत डॉटा तो वह बोला- “महाराज यदि हमारे पास एक बड़ा टब होता तो हाती को रगड़े के समय रखा जा सके तो मुझे विश्वास होगा कि हमारे योजना कामयाब है।”
बादशह ने कुम्हार को हाथी नहाने के लिए एक बड़ा टब बनाने को कहा जाए। कुमार को ढब बनाने के लिए आदेश दिया। इसकी बनाने के लिए एक सप्ताह समय लिया। जब बह ढब लेकर राजमहल में पहुंचा और हाथी अपना पैर ढब पर रखा, वह हाथी के वजन से टुट गया। महाराज क्रोधित होकर बोला-“कि तुमने यह टब बड़ी कमजोर बनाया। घर जाओ, और सुबह तक एक मजबूत ढब बनाकर ले आओ”।
कुम्हार अब समझ गया कि वह पकड़ा जा चुका है। वह बादशाह के पैरो पर गिरकर अपनी गलती का सुधर की और प्रकृतार्थत में धोबी को केवल सबक सिखाना चाहता था। तब बादशाह ने धोबी को पुछा–“तुम्हें इस तरह टब बनाने के लिए कैसे सूँसी। मैं तुम्हें इस बुद्धिमता के कारण इनाम दुगा।”
‘महाराज हम इनाम के हकदार बीरबल साहब है। मैं नहीं, जब मैं उनसे सहायता माँगी, तो उन्हें ऐसा ही तरकीब बताई। बादशाह ने बीरबल को बुलाकर धोबी की सहायता के लिए शाबाशी दी।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दो।
(क) कुम्हार के धोबी के गधे पर इतना गुस्सा क्यों आया था?
उत्तर: कुभ्हार के घर में धोबी के गधे घुसकर सारे बर्तनों कुद-कुद कर तोड़ दिया था। इसी के कारण कुम्हार को धोबी के गधे पर इतना गुस्सा आया था।
(ख) कुम्हार धोबी को क्यों सबक सिखाना चाहता था?
उत्तर: एकदिन धोबी के गधे कुम्हार के घर में घुस गया। कुम्हार ने अपने वर्तनों को धूप में सूखने के लिए बाहर रखा दिया था। गधे ने सभी वर्तनों पर कूद-दूद कर उन्हें तोड़ दिया। इसी व्यक्त पर दोनों के बीच में बातों-बातों पर लड़ाई हुई थी। इसलिए कुम्हार धोबी को सबक सिखाना चाहता था।
(ग) दरबार मे जाकर कुम्हार वादशाह अकबर से क्या बोला?
उत्तर: दरबार मे जाकर कुम्हार बादशाह अकबर से कहां कि- ‘महाराज, शाम को ही मेरे एक मित्र ईरान से आए है। उन्होंने मुझे बताया है कि ईरान के शाह हमारे देश और यहाँ के लोगों से बहुत प्रभावित है। परंतु वह कहता है कि भारतीय हाथी काले व गंदे होते हैं। उसकी सेना में सफेद व खच्छ हाथी है।”
(घ) धोबी क्यों धबरा गया था?
उत्तर: जब धोबी ने कुछ हाथियों को सारा दिन रगड़-रगड़ कर साफ किपा परंतु बे सभी काले के काले ही रहे। शाम को थका हुआ धोबी घबड़ा गया। उसे बादशाह के क्रोध से उर लग रहा था क्यों कि साफ करने के बावजूद हाथी अभी तक काले ही थे।
(ङ) हातियों को साफ न कर पाने के कारण बादशाह अकबर द्वारा धोबी की डॉटे जाने पर वह क्या बोला?
उत्तर: जब बादशाह अकबर उसे हातियों को साफ न करने के कारण डॉट रहे थे तो वह बोला–, “महाराज, यदि मेरे पास एक बड़ा ढब हो जिसमें हाथी को रगड़ते समय रखा जा सके तो मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे हाथी ईरान के बादशाह के हातियों से अधिक सफेद हो जाँएगे।”
(च) ‘जैसे को तैस’ कनी से ह य सीख मिल?
उत्तर: ‘जैसे को तैसा’ कहानी के माध्यम से यह सीख मिलती है कि कभी भी दूसरों के अपकार करने की बात नहीं सोचनी चाहिए। कुम्हार वे धोबी को सबक सिखाने के लिए षड़यंत्र रचा था, किन्तु वह उल्टे उसमें फँस गया। इसलिए कोई भी काम करने से पहले हमें सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए।
(छ) धोबी को सबक सिखाने के लिए कुम्हार ने कौन-सी योजना बनई?
उत्तर: कुम्हार ने महाराज को ईरान के हातियों का तरह भारतीय हाथी काले व गंदे होते हैं। हमारे पड़ोस में जो धोबी है उसे रगड़- रगड़ कर साफ करने में हमारे हाथी ईरान के हातियों से भी अधिक खच्छ और सफेद हो जाएँगा। इस कारण से पड़ोस में जो धोबी रहता है उसे बुलाकर ले जाने के लिए बादशाह अकबर ने आदेश दिया गया। यही कुम्हार की योजना बनाई।
(ज) क्या कुम्हार अपनी योजना में कामयाब हुआ?
उत्तर: कुम्हार अपनी योजना में कामयाब नहीं हुआ।
(झ) धोबी सहायता के लिए किसके महल को ओर चल पड़ा था?
उत्तर: धोबी सहायता के लिए बीरबल के महल को ओर चल पड़ा था।
3. सही शब्द चूनकर वाक्यो को पूरा करो।
(क) गधा ____ के कारण जोर-जोर से रैंकने लगा।
(क) क्रोध।
(ख) दर्द।
(ग) बुखार।
(घ) भय।
उत्तर: गधा दर्द के कारण जोर-जोर से रेंकने लगा।
(ख) ____से मिलने के पश्चात वह निश्चिंत होकर अपने घर वापस आ गया।
(क) आकबर।
(ख) बीरबल।
(ग) ईरान के बादशाह।
(घ) कुम्हार।
उत्तर: बीरबल से मिलने के पश्चात वह निश्चिंत होकर अपने घर वापस आ गया।
(ग) कुम्हार को हाथी के नहाने के लिए ____ बनाने का आदेश दिया गया।
(क) गमला।
(ख) ढब।
(ग) कंडाल।
(घ) घड़ा।
उत्तर: कुम्हार को हाथी के नहाने के लिए टब बनाने का आदेश दिया गया।
(घ) मैं तुम्हें तुमारी इस ______के लिए इनाम दूँगा।
(क) तरकीब।
(ख) बुद्धिमत्ता।
(ग) चालाकी।
(घ) सहायता।
उत्तर: मैं तुम्हें तुम्हारी इस बुद्धिमत्ता के लिए इनाम दूँगा।
पाठ के आस-पास
वोध एवं विचार:
(क) प्राणी हिंसा की कैसे रोकें?
उत्तर: प्राणी हिंसा हमें हर तरफ से रोकना होगा क्यों कि आज भौगोलिक परिसर परिवर्तन होने लगे। मानव जीवन के लिए प्राणी हिंसा को बंध करेंगी उस जीवन को खतरा डालेगा। प्राणी जगत् में हर प्राणी के आपस में रहने लगता है। धरती को भारसमता रखने के लिए प्राणी-हिसां नहीं होना उचित है।
(ख) जीव-जंन्तुओ को सुरक्षा के लिए हम क्या कर सकते हैं?
उत्तर: जीव-जतुंओ की सुरक्षा के लिए हम प्राकृतिक का सौन्दर्य रखना चाहिए। यदि हमें जगंल को साफ करते है तो जीव-जतुंओ की सुरक्षा में बाँधा डालेगा और जीव-जगत में हर प्राणी को जीवन खतरा हो जाएँगा और दुनिया से जीव-जन्तुओं की विलुप्त होगा।
(ग) सभी प्राणीयों के साथ हमें क्या प्रेम का भाव नहीं रखना चाहिए?
उत्तर: सभी प्राणीयों के साथ हमें सामिल नहीं होना चाहिए, क्येंकि कोई प्राणी भी हिंसुक है। उसे प्रेम भाव देखाना ठीक नहीं। इसलिए हमें हर प्राणी को बराबर प्रेम करना या भाव नहीं रखना चाहिए।
भाषा-अध्ययन
व्याकरण ज्ञान :
1. रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं-
1. सरल वाक्य।
2. संयुक्त वाक्य।
3. मिश्र वाक्य।
वच्चे मैदान में खेल रहे है।
सुयोदय होने पर पक्षी बोलने लगे।
ऐसे वाक्यों को सरल वाक्य कहा जाना है।
वाकी वाक्य अपने करो।
2. अपनी शिक्षण-माध्यम भाषा में अनुवाद करो।
उत्तरः साचित बरफुकन असम के एक प्रसिद्ध वीर थे। उन्हेनें शराइघाट को लड़ाई में मुगलों को हराया और असम को वचाया था।
मुगल असम को जीत लोना चाहते थे। उनके सेनापति रामसिंह असम को जीतने के लिए दिल्ली से आये थे, पर लड़ाई में लाचित बरफुकन से दार गये।
लाचित बरफुकन अपने देस से बहुत प्यार करते थे। देश के काम में उनके माया ने दिलाई की थी। इस कारण मामा भी बच नहीं पाए। वे कहते थे-“देश से मामा बड़ा नहीं है।”
3. नीचे दिए गये अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करों।
(क) मैनें रोटी खाया।
उत्तर: मैने रोटी खायी।
(ख) वह दो महिने से बीमार हैं।
उत्तर: बह दो महिनों से बीमार है।
(ग) इस चिट्टी को किसने लिखी है।
उत्तर: यह चिट्टी किसने लिखी है।
(घ) बच्चा माँ को बगल में बैठा है।
उत्तर: बच्चा माँ के बगल बैठा है।
(ङ) राम और सीता आ रही है।
उत्तर: राम और सीता आ रहें है।
4. ‘से’ विभक्ति का प्रयोग।
करण और अपादान इन दोनों कारकों की विभक्ति ‘से’ है। करण कारक की ‘से’ विभक्ति साधन और अपादान कारक की ‘से’ विभक्ति पृथकता’ की छोतक है। जौसे-
अब ‘में’ और ‘पेर’ क्या प्रयोग दर्शकर पाँच-पाँच वाक्य लिखो।
उत्तर:
5. निम्नलिखित गद्यांश का शीर्षक देकर सार लिखो।
उत्तर: वर्तमान समाज के मानव जीवन में खेल-कुद का महत्व अधिक है। सुस्वास्थ्य बनाने के लिए खेल; व्यायाम आदि बहुत पसंद लगता है। खेल-कुद आज दुनिया में सबसे स्थान आगे है। खेल को द्वारा बालक का तन-मन दोनो प्रसन्न रहते है। जो बालक या बालिका खेल-कूद में भाग नहीं लेता तो उसे कभी भी अपना मन को स्वच्छ रूप में नहीं दिखाई जाता है। खेल-कूद से शरीर में चुस्ती आती है तथा कार्यक्षमता वढ़ती है। ये राष्ट्रीं को एक दूसरे के निकट लाने में मदद हो रहे हैं। अतः खेल से शरीर को सुस्वास्थ्य बना सकता है।
शीर्षक “स्वास्थ्य ही जीवन है। “
ज्ञान एवं योग्यता विस्तार
(क) बीरबल के बारे में जानकारी:
कहा जाता है कि बीरबल अकबर के दरबार के सबसे ईमानदार और वफादार मंत्री थे। अकबर के दरबार में नौ रत्न थे। ये अपने-अपने विषयों के ज्ञाता थे। कहते हैं बीरबल उनमें से एक थे। अकबर बीरवल को अपना सलाहकार मानते थे। राजा टोडरमल तथा तानसेन अकबर के नवरत्नों में आज तक याद किए जाते है।
(ख) प्रस्तुत कहानी ‘जैसे को तैसा’ को तरह अकबर की अन्य कहानियाँ टुंठकर पढ़ो और कोई एक कहानी कक्षा में सुनाऔ।
उत्तर: अपने-खूद करो।
परियोजना
1. सफेद हाथी के लिए ईरान तथा एक सीगंवाले गैंडे के लिए असम प्रसिद्ध है। इसी तरह राजस्थान ऊँठ को लिए प्रसिद्ध है। तुमलोग ऐसे और दो राज्यों के नाम लिखो जो विशिष्ट जानवरों के लिए प्रसिद्ध है।
उत्तर: गुजरत राज्य के गीर जगंल में सिहं मिलता है। हाथी असम के अलावा उड़ीसा के जगंल में पाये जाते है।
शब्दार्थ:
शब्द – अर्थ
पड़ोस – किसी स्थान को आस-पास का स्थान।
हिफाजत – रखवाली।
शाह – वादशाह, महाराज।
डॉट – विगड़कर कही हुई बात, डपट।
धूप – सूर्य का आलोक।
डंग – छड़ी।
दर्द – दुख।
रेंकना – गधे का आवाज।
सजा – दण्ड।
कीमत – मूल्य।
ग्राहक – खरीद करने वाला।
समस्या – खतरा, कठीन प्रसंग।
नुकसान – हानि।
शरारत – बूरा अभिप्राय रहना।
उपयुक्त – ऊपर में उल्लेख करना।
योजना – आयोजन।
ढब – मिट्टी से बनानेवाले पात्र।
कमजोर – बदन का नरम अवस्था।
मजबूत – शक्तिशाली, दृढ़।
तरकीब – व्यवस्था, उपाय।
हकदार – हक, अधिकार, लायक।
शाबाशी – धन्यबाद।
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