Class 12 Hindi MIL Chapter 3 कैमरे में बंद अपाहिज

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Class 12 Hindi MIL Chapter 3 कैमरे में बंद अपाहिज

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कैमरे में बंद अपाहिज

आरोह: काव्य खंड

प्रश्नोत्तर:

1. कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्टकों में रखी गई हैं – आपकी समझ से इसका क्या औचित्य है?

उत्तर: कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी गई है – जो कवि के उद्देश्य को और अधिक स्पष्टता प्रदान करती है। कवि ने इस कविता के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की है, कि किस तरह कुछ लोग अपने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शारीरिक असक्षम व्यक्ति से असंवेदनशील सवाल पूछे जाते है कोष्ठक में रखें भये कैमरा दिखाओ इसे बड़ा-बड़ा के द्वारा उस व्यक्ति के आव-भाव को दिखाने की उसके दुख को कैमरा में बड़ा-बड़ा दिखने के बारे में कहा गया है, ताकि पीड़ा को देख दर्शक भी उसके प्रति संवेदनशील हो जाएँ। उसके आंखों की, होंठों की कसमसाहट की बड़ी तसवीर इसलिए दिखाई जाती है, ताकि लोग उसकी अपगंता की पोड़ा को देख पायेंगे।

एक स्थान पर कोष्ठक में लिखा है कैमरा, बस करो, नहीं हुआ, रहने दो, परदे पर वक्त की कीमत है। यह भले ही कैमरा के सामने नहीं कहा जाता लेकिन इससे उनलोगों के संवेदनशील रवैया का पता चलता है। करुणा जगाने की मानसिकता से शुरू हुआ कार्यक्रम किस तरह क्रूर बन जाता है।

2. ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है- विचार कीजिए।

उत्तर: प्रस्तुत कविता करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है। क्योंकि यह कविता मनुष्य के धुर संवेदनहीनता को रेखांकित करता है। प्रस्तुत कविता में टेलिविजन- स्टूडिओ के भीतर की दुनिया को उभारती है। यहाँ कवि ने उन लोगों की मानसिकता को दिखाने की कोशिश की है जो टेलिविजन का सहारा लेकर एक अपाहिज व्यक्ति की यतना-वेदना को बेचना चाहता है। ये लोग अपाहिज व्यक्ति की पीड़ा को बहुत बड़े दर्शक वर्ग तक पहुँचाना चाहते है, किंतु कारोबारी दबाव के कारण उनका रवैया बिल्कुल संवेदनहीन हो जाता है।

3. हम समर्थ शक्तिवान और हम एक दुर्बल को लाएँगे पंक्ति के माध्यम से कवि ने क्या व्यंग्य किया है?

उत्तर: इसके माध्यम से कवि ने उन लोगों पर व्यंग्य किया है कि जो एक तरफ तो सामर्थवान होने का दावा करते है और उस सामर्थ का गलत प्रयोग करते हैं। इन पंक्तियों के माध्यम से उन लोगों पर व्यंग्य किया है, जो दुख-दर्द, यातना-वेदना को बेचते है।

4. यदि शारीरिक रूप से चुनौती का सामना कर रहे व्यक्ति और दर्शक, दोनों एक साथ रोने लगेंगे तो उससे प्रश्नकर्ता का कौन सा उद्देश्य पूरा होगा?

उत्तर: यदि शारीरिक रूप से चुनौती का सामना कर रहे व्यक्ति और दर्शक दोनों एक साथ रोने लगेंगे तो इससे प्रश्नकर्ता का कार्यक्रम को सफल बनाने का उद्देश्य पुरा होगा। उनका उद्देश्य कार्यक्रम को सफल बनाना होता है, जिसके लिए वे तरह-तरह के प्रश्न पूछकर उसे रोने पर विवश कर देते है और उसके दुख को देख दर्शक भी संवेदनशील हो जाती है।

5.” परदे पर वक्त की कीमत है” कहकर कवि ने पूरे साक्षात्कार के प्रति अपना नजारिया किस रूप में रखा है?

उत्तर: परदे पर वक्त की कीमत है कहकर कवि ने पूरे साक्षात्कार को जो करुणा जगाने के मकसद से शुरू तो होता है, पर किस तरह क्रूर बन जाता है, उसे दिखाने की कोशिश की है। वर्तमान समय में समाज में कुछ लोगों का रवैया कारोबारी दवाब के तहत इतना संवेदनशील हो गया है कि उन्हें परदे पर वक्त की कीमत का तो एहसास है, पर किसी अपाहिज व्यक्ति की संवेदना की कोई कीमत उनके सामने नहीं है।

6. ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ नामक कविता के कवि कौन है?

उत्तर: रघुवीर सहाय।

7. रघुवीर सहाय का जन्म कब और कहां हुआ था?

उत्तर: रघुवीर सहाय का जन्म सन् 1929 उत्तर प्रदेश के लखनऊ नामक स्थान में हुआ था।

8. रघुवीर सहाय के किसी एक काव्य संकलन का नाम लिखे।

उत्तर: आत्महत्या के विरुद्ध।

9. रघुवीर सहाय किन-किन पत्रिकाओं से संबद्ध रहे?

उत्तर: कल्पना, नवभारत टाइम्स, दिनमान।

10. रघुवीर सहाय की मृत्यु कब और कहां हुई?

उत्तर: उनकी मृत्यु सन् 1990, दिल्ली में हुई थी।

11. ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में कवि का उद्देश्य क्या हैं?

उत्तर: प्रस्तुत कविता के माध्यम से कवि ने ऐसे लोगों की ओर इशारा किया है जो कारोबारी फायदे के लिए लोगों के दुख-दर्द, यातना वेदना को बेचना चाहता है। 

12. इस कविता में कैसे व्यक्ति को कैमरा के सामने लाया जाता है? 

उत्तर: एक अपाहिज व्यक्ति को।

S.L No.CONTENTS
आरोह: काव्य खंड
Chapter – 1दिन जल्दी-जल्दी ढलता है
Chapter – 2कविता के बहाने
Chapter – 3कैमरे में बंद अपाहिज
Chapter – 4सहर्ष स्वीकारा है
Chapter – 5उषा
Chapter – 6कवितावली (उत्तर कांड से)
Chapter – 7रुबाईयाँ
Chapter – 8छोटा मेरा खेत
Chapter – 9बादल – राग
Chapter – 10पतंग
आरोह: गद्य खंड
Chapter – 11बाजार दर्शन
Chapter – 12काले मेघा पानी दे
Chapter – 13चार्ली चैप्लिन यानी हम सब
Chapter – 14नमक
Chapter – 15शिरीष के फूल
Chapter – 16भक्तिन
Chapter – 17पहलवान की ढोलक
Chapter – 18श्रम विभाजन और जाति प्रथा
वितान
Chapter – 19सिल्वर वैडिंग
Chapter – 20अतीत में दबे पांव
Chapter – 21डायरी के पन्ने
Chapter – 22जूझ

व्याख्या कीजिए:

1. हम दूरदर्शन …………… कमरे में।

उत्तर: अर्थ: इसमें टेलिविजन स्टूडिओ के भीतर की दुनिया को उभारा गया है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किस प्रकार दुर्बलों का सहारा लेते है। दूरदर्शन के कार्यक्रमों को दर्शक वर्ग तक पहुँचाने वाले लोगों के माध्यम से कवि कहते है कि हम दूरदर्शन के माध्यम से यह बतायेंगे कि हम कितने समर्थवान तथा शक्तिवान है। हम टेलिविजन के बंद केमरों में एक दुर्बल को लायेगे, जिससे उसकी पीड़ा को दर्शक वर्ग तक पहुँचा सके।

2. ‘उससे पूछेंगे …………… बता नहीं पाएगा।’ 

उत्तर: शब्दार्थ: अपाहिज – शारीरिक असक्षम।

अर्थ: दूरदर्शन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एक शारीरिक तौर पर दुर्बल व्यक्ति से किस प्रकार संवेदनहीन प्रश्न पूछे जाते है, उसी का वर्णन किया गया है। कवि कहते हैं कि कार्यक्रम संचालक उससे कई प्रश्न पूछेंगे जैसे क्या आप अपाहिज हैं या आप क्यों अपाहिज हैं ? या कभी यह भी पूछेंगे की क्या आपका अपाहिजपन दुख देता हैं। फिर कैमरा संचालक को इसे बड़ा दिखाने को संकेत करते है। फिर उस दुर्बल व्यक्ति से प्रश्न करते हैं कि जल्दी अपना दुख बताइये। परंतु वह अपना दुःख बता नहीं पाता।

3. सोचिए ………….. रो पड़ने का करते हैं?

उत्तर: शब्दार्थ: 

अपाहिज – शारीरिक असक्षम व्यक्ति।

रोचक – मनोरंजक। 

वास्ते- के लिए।

इंतजार – प्रतीक्षा।

अर्थ: कवि यहाँ दूरदर्शन के कार्यक्रम संचालक का शारिरीक तौर पर असक्षम व्यक्ति को पूछे गये संवेदनहीन प्रश्नों का वर्णन कर रहे है। वह उस अपाहिज व्यक्ति से पूछता है कि अपाहिज होकर उसे कैसा लगता है। फिर उसे खुद इशारे से बताएँगे कि क्या ऐसा? अगर वह व्यक्ति नहीं बता पाया तो उसे सोचने के बाध्य किया जाता है। अपने कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए उससे प्रश्न पूछ पूछकर उसे रुला दिया जाता है। और शायद दर्शक वर्ग भी उसके रोने का इंतजार करते है।

4. फिर हम परदे ………….. रुलाने हैं।

उत्तर: शब्दार्थ: 

कसमसाहट – बेचैनी।

धीरज – धैर्य।

अर्थ: कवि कहते हैं, कार्यक्रम संचालक द्वारा पूछे गये संवेदनहीन प्रश्नों का आघात पाकर रो पड़ता हैं। तब अपने कार्यक्रम को और रोचक बनाने के लिए उसकी फूली हुई आंखों की बड़ी तसवीर कैमरे में दिखाया जाता है। साथ ही उसके होंठों की कसमसाहट को भी कैमरे में दिखाया जाता है। कवि कहते हैं कि ऐसा लगता है उनका यह कार्यक्रम एक कोशिश है, दर्शक और शारीरिक अक्षम व्यक्ति को एकसाथ रुलाने की।

5. आप और …………… धन्यवाद।

उत्तर: अर्थ: यहाँ कवि ने ऐसे व्यक्ति की ओर इशारा किया है जो दुख-दर्द, यातना- वेदना को बेचना चाहता है। कवि यहाँ करुणा जगाने के मकसद से शुरू हुआ कार्यक्रम के क्रूर बन जाने का वर्णन किया है। कोई भी कार्यक्रम निर्धारित समय का होता है, उस निर्धारित समय में अगर दर्शक और अपाहिज व्यक्ति को नहीं रुला पाये तो इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता। कार्यक्रम का समय समाप्त होने पर वे मुसकुराते हुए दर्शकों से कहते हैं, आप सामाजिक उद्देश्य से युक्त कार्यक्रम देख रहे थे। और धन्यवाद देकर विदा लेते। उनका मुसकुराना संवेदनहीनता का प्रमाण है।

6. उससे पूछेंगे तो …………. बता नहीं पाएगा।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक आरोह (भाग-2) के काव्य खंड के ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ नामक कविता से ली गई है। इसके कवि है रघुवीर सहाय।

कवि ने प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से टेलिविज़न स्टूडिओ के भीतर की संवेदनहीनता को दिखाया है।

अपने कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से कैमरा के सामने लाये गये एक शारीरिक तौर पर असक्षम व्यक्ति से संवेदनहीन रवैया अपनाते है। वे उस व्यक्ति से पूछते है, क्या आप अपाहिज है, क्या आपका अपाहिज होना दुख देता है। इतना ही नहीं उस दुख को जल्दी बताने के लिए विवश भी किया जाता है। उसकी फूली हुई आंखें, होंठों की कसमसाहट आदि को कैमरा में बड़ा-बड़ा दिखाया जाता है, जिससे दर्शक उसके दुख में दुखी हो सके।

विशेष:

1. इसकी भाषा सहज-सरल है।

2. कवि ने उनलोगों पर व्यंग्य किया है, जो लोगों के दुख-दर्द, यतना-वेदना को बेचना चाहते है।

3. अलंकार-

अनुप्रास – आपको अपाहिजपन।

पुनरुक्ति – बड़ा बड़ा।

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