Hanuman Chalisa in Hindi PDF – 2025 | हनुमान चालीसा | Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi दोस्तों, आज हम श्री हनुमान चालीसा का पाठ हिंदी में लाये हैं जिसका PDF आसानी से आप अपने फोन में डाउनलोड भी कर सकते है। यदि आप सम्पूर्ण हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ना चाहते है तो आप बिलकुल सही जगह पर आये है।
व्याख्या: (Shri Hanuman Chalisa PDF Lyrics in Hindi): हनुमान चालीसा सनातन धर्म का एक भजन है जिसके रचयिता तुलसीदास जी हैं। श्री हनुमान चालीसा (Shri Hanuman Chalisa) पाठ में 40 छन्द हैं। रामचरित मानस के बाद अवधी भाषा में रचित श्री हनुमान चालीसा, तुलसीदास जी का प्रसिद्ध रचना है। श्री हनुमान चालीसा का पाठ अन्य भाश्वों में भी उपलब्ध है जैसे कि गुजराती, संस्कृत, मलयालम, तमिल, तेलगू, बंगाली इत्यादि।
Hanuman Chalisa in Hindi PDF
यदि आप हनुमान चालीसा प्रतिदिन 51 बार या अधिकतम 101 बार पाठ करते है तो आपके समीप भूत-प्रेत और नकारात्मक लोगों या शक्तियों का वास नहीं होगा। कष्टों से छुटकारा पाना हो या किसी कठिन कार्य को पूरा करना हो, इन दोनों के लिए इस संकटमोचन श्री हनुमान चालीसा का पाठ आपको हर दिन 40 बार करना चाहिए या अगर ऐसा संभव न हो तो हर रोज एक बार पाठ करते हुए 40 दिन पूरे करने चाहिए। आप हमारे वेबसाइट को फॉलो कर सकते हैं www.roylibrary.in और इस आर्टिकल को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे और लोगो तक पहुचाये।
PDF Name | हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) |
No. of Pages | 7 |
PDF Size | 521KB |
Written by | Tulsidas |
Language | हिंदी |
PDF Category | Religion |
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥
राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥
हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे
काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥
शंकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥
विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर॥७॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मनबसिया॥८॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा
विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥
लाय सजीवन लखन जियाए
श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावै
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥
तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना
लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू
लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही
जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥
राम दुआरे तुम रखवारे
होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥
सब सुख लहैं तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥
आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥
भूत पिशाच निकट नहि आवै
महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥
नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥
संकट तै हनुमान छुडावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥२६॥
सब पर राम तपस्वी राजा
तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥
और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै॥२८॥
चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥
साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता॥३१॥
राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥
तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥
अंतकाल रघुवरपुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥३४॥
और देवता चित्त ना धरई
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥३५॥
संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥
जै जै जै हनुमान गुसाईँ
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥३७॥
जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥
जो यह पढ़े हनुमान चालीसा
होय सिद्ध साखी गौरीसा॥३९॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥४०॥
दोहा
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥
॥ सियावर रामचन्द्र की जय ॥
॥ पवनसुत हनुमान की जय ॥
॥ उमापति महादेव की जय ॥
॥ बोलो रे भई सब सन्तन की जय ॥
FAQs
Q.1. हनुमान चालीसा पढ़ने का नियम क्या है?
उत्तर: हनुमान चालीसा के नियम (Hanuman Chalisa ke Niyam): श्री हनुमान के पूजन के लिए सबसे पहले व्यक्ति को स्नान करके शुद्ध होना चाहिए। इसके बाद पूर्व दिशा की ओर आसन लगाकर बैठना चाहिए। सामने श्री हनुमान जी की प्रतिमा या फिर राम दरबार का चित्र हो तो उत्तम होता है। हाथ में चावल, पुष्प, दूर्वा लेकर इस मंत्र का उच्चारण कर श्री हनुमान जी का ध्यान करना चाहिए।
Q.2. हनुमान चालीसा पढ़ने का सही टाइम क्या है?
उत्तर: मान्यता अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ सुबह या शाम के वक्त किया जा सकता है। वहीं सुबह पाठ करने से पहले नित्यक्रिया आदि करके स्नान करें और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
Q.3. हनुमान चालीसा 1 दिन में कितनी बार पढ़ना चाहिए?
उत्तर: हनुमान चालीसा पाठ में एक पंक्ति है ‘जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महासुख होई’। आप इसका पाठ 7, 11, 100 और 108 बार कर सकते हैं। शास्त्रों में यह भी विधान है कि प्रतिदिन सौ बार पाठ करने से कई प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं, अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कम से कम 7 बार पाठ जरूर करें।
Q.4. हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर: जो व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ पड़ता है उसको मांस और शराब जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए। मांस और शराब जैसी चीजें हनुमान जी को बिल्कुल भी पसंद नहीं है और यदि हनुमान जी का भक्त इन सब चीजों का सेवन करता है तो इससे भगवान हनुमान नाराज हो जाते हैं और वह अपने भक्तों पर पूरी कृपा नहीं करते हैं।
Q.5. क्या हम बिना नहाए हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं?
उत्तर: अगर हनुमान चालीसा पाठ का पूरी लाभ लेना चाहते हैं तो- बिना स्नान किए कभी भी हनुमान चालीसा का पाठ न करें, चालीसा का पाठ करने से पहले भगवान श्रीराम, माता सीताजी एवं गौरीशंकर के श्रीनाम का उच्चारण 11 बार करें। पाठ करते समय हनुमान जी के विभिन्न रूपों का ध्यान करते रहे।
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Hanuman ji is one of the most powerful deities in the world. It is the time to praise Hanuman, the great god of Hinduism. He has many names and forms and is worshiped by millions of people all over the world.