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SEBA Class 7 Hindi Chapter 5 जीना-जिलाना मत भूलना
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जीना-जिलाना मत भूलना
अभ्यास-माला |
पाठ से
आओ, ‘जीना-जिलाना मत भूलना’ शीर्षक कविता का हाव-भाव के साथ वाचन करें।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करे।
2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:
(क) तरह-तरह के पक्षी हमसे क्या कहते हैं?
उत्तर: तरह-तरह के पक्षी हमसे मीठी-मीठी बातें करने को कहते हैं।
(ख) रंग-बिरंगे फूल हमें क्या बताते हैं?
उत्तर: रंग-बिरंगे फूल हमें यह बताते है कि प्यार बाँटना मत भूलना।
(ग) हमारे लिए भौरों का संदेश क्या है?
उत्तर: हमारे लिए भौरों का संदेश यह है कि हमें एक दूसरे के साथ गले लगाकर मिलजुल कर रहना चाहिए।
(घ) बढ़ती हुई नदियाँ हमें कौन-सा उपदेश देती हैं?
उत्तर: बढ़ती हुई नदियाँ यह उपदेश देती हैं की हमें जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए।
(ङ) ‘जीना-जिलाना मत भूलना’ नामक कविता के कवि कौन हैं?
उत्तर: ‘जीना-जिलाना मत भूलना’ नामक कविता के कवि डॉ. अच्युत शर्मा है।
3. सोचो और संक्षेप में उत्तर दो:
(क) सवेरे पूर्व दिशा में उदित होकर सूर्य हमें क्या करने के लिए कहता है?
उत्तर: सवेरे पूर्व दिशा में उदित होकर सूर्य हमें ज्ञान और आशा की रोशनी फैलाने के लिए कहता है।
(ख) रात को आकाश में चमक-चमक कर चाँद हमें किस कर्तव्य की याद दिलाता है?
उत्तर: रात को आकाश में चमक-चमक कर चाँद हमें सेवा और परोपकार की चाँदनी बिखराने का कर्तव्य की याद दिलाता है।
(ग) हरे-भरे पेड़-पौधे हमें क्या संदेश देते हैं?
उत्तर: हरे-भरे पेड़-पौधे हमें दूसरों को आराम की छाया प्रदान करने का संदेश देते हैं।
(घ) बहती हुई हवाएँ हमें क्या करने को कहती हैं?
उत्तर: बहती हुई हवाएँ हमें दूसरों को जीवन देने की बात करती हैं।
4. निम्नलिखित पंक्तियों का सरल अर्थ लिखो:
कहती प्रकृति आए विपत्ति
हँसना-हँसाना मत भूलना,
चलें गोलियाँ, फटें गोले
जीना-जिलाना मत भूलना।
उत्तर: इस पंक्ति में प्रकृति कहती है कि हमारे जीवन में जितने भी विपत्ति या आपदा आए उस स्थिति में हमें खुद हँस्ते रहना है और दूसरों को भी हंँसाना चाहिए। चाहे जीवन में जितने भी संकट क्यों ना आए उस परिस्थिति में स्वयं भी जिएंँ और दूसरों को भी जीने में मदद पहुंँचाएंँ। अर्थात बुरे वक्त में एक दूसरे का सहायक बने।
5. ‘जीना-जिलाना मत भूलना’ कविता का मूल भाव स्पष्ट करो।
उत्तर: ‘जीना-जिलाना मत भूलना’ नामक इस कविता के जरिए कवि ने यही कहना चाहा है कि प्रकृति के विविध उपकरण हम मनुष्यों को अपने कर्तव्य की याद दिलाते हैं। सूर्य हमें ज्ञान और आशा की रोशनी फैलाने के लिए कहता है, तो चाँद सेवा और परोपकार की चाँदनी बिखराने की बात करता है। हरे-भरे पेड़ हमें दूसरों को आराम की छाया प्रदान करने का संदेश देते हैं, तो चिड़ियाँ मीठी-मीठी बातें करने का उपदेश देती हैं। फूल हमें आपस में प्यार बाँटने की बात बताते हैं, तो भौरे सबको गले लगाने को कहते हैं। बढ़ती हुई नदियाँ हमें जीवन में निरंतर आगे बढ़ने को कहती हैं, तो बहती हुई हवाएँ दूसरों को जीवन देने की बात करती है। प्रकृति हमें यही संदेश देती है कि जीवन में भले ही आपदाएँ आएँ, हम स्वयं हँसना और दूसरों को हँसाना न भूलें। प्रकृति हमसे कहती है कि जीवन में कैसा भी संकट आए, हम स्वयं भी जीएँ और दूसरों को भी जीने में मदद पहुँचाएँ।
S.L No. | CONTENTS |
Chapter – 1 | नन्हा-मुन्ना राही हूँ |
Chapter – 2 | चार मित्र |
Chapter – 3 | एक तेजस्वी और दयावान बालक |
Chapter – 4 | मेरी राजस्थान यात्रा |
Chapter – 5 | जीना-जिलाना मत भूलना |
Chapter – 6 | चाय: असम की एक पहचान |
Chapter – 7 | हार की जीत |
Chapter – 8 | अपनें के पत्र |
Chapter – 9 | सुमन एक उपवन के |
Chapter – 10 | स्वाधीनता संग्राम में पूर्वोत्तर की वीरांगनाएँ |
Chapter – 11 | कागज की कहानी |
Chapter – 12 | अशोक का शस्त्र-त्याग |
Chapter – 13 | भगतिन मौसी |
Chapter – 14 | आओ, स्कूल चलें |
Chapter – 15 | तुम कब जाओगे, अतिथि |
Chapter – 16 | अमृत वाणी |
पाठ के आस-पास |
1. ‘प्रकृति एक खुली पुस्तक है’ विषय पर कक्षा में चर्चा करो।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करे।
2. तुम्हारे आस-पास प्रकृति के जो भी उपकरण हैं, उन सबके नाम लिखो और उनको प्राणी तथा अप्राणी के हिसाब से दो वर्गों में बाँटो।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करे।
3. तितली और जुगनूँ हमें किन कर्तव्यों की याद दिलाते हैं, उसे वर्णित करते हुए एक कविता लिखो।
उत्तर: तितली और जुगनूँ हमें आगे बढ़ने की हौसला देती है और हमेशा फूलो की तरह खिलने का संदेश देती है। जीवन में हमेशा जीतने को और आगे बढ़ने को कहती है।
4. तुमने प्राकृतिक और मानव द्वारा सर्जित आपदाएँ जरूर देखी होंगी। ऐसी किसी आपदा के समय तुम्हें प्राप्त हुए अनुभवों को लिख डालो।
उत्तर: हमने प्राकृतिक और मानव द्वारा सर्जित आपदाएँ देखी है। ऐसी आपदाएंँ के समय हमे ये प्राप्त हुआ है की किसी भी जरूरतमंद को सहायता करे ताकि खुद किसी दिन मुसीबत मैं हो तो हमें भी कोइना कोई सहायता करने के लिए आगे बड़े।
5. तुमलोग चार-पाँच के समूहों में बँट जाओ तथा ‘जीओ और जिलाओ’ विषय पर बारी-बारी से अपने विचार प्रकट करो।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करे।
भाषा-अध्ययन |
1. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखो:
(i) सवेरा।
उत्तर: प्रभात, सुबह।
(ii) सूरज।
उत्तर: सूर्य, रवि।
(iii) चाँद।
उत्तर: चंद्रमा, शशि।
(iv) पेड़।
उत्तर: वृक्ष, तरु।
(v) पक्षी।
उत्तर: चिड़िया, पखेरू।
(vi) फूल।
उत्तर: पुष्प, सुमन।
(vii) भौंरा।
उत्तर: भ्रमर, मधुकर।
(viii) नदी।
उत्तर: सरिता, तटिनी।
(ix) हवा।
उत्तर: वायु, पवन।
2. वाक्य में प्रयोग करो:
(i) चमक-चमक कर।
उत्तर: चाँद चमक-चमक कर चाँदनी बिखरता है।
(ii) चहक-चहक कर।
उत्तर: पक्षी चहक-चहक कर मीठे-मीठे गाने गाती है।
(iii) खिल-खिल कर।
उत्तर: खिल-खिल कर फूल हमें प्यार बाटती है।
(iv) हिल-मिल कर।
उत्तर: हमें अपने दोस्तों से हिल-मिल कर रहना चाहिए।
3. आओ, निम्नलिखित वाक्यों पर ध्यान दें:
क – वर्ग | ख – वर्ग |
हमलोग जीते हैं। | हमलोग जिलाते हैं। |
मोहन पढ़ता है। | मोहन पढ़ाता है। |
वह हँसती है। | वह हँसाती है। |
वह रोता है। | वह रुलाता है। |
यहाँ क – वर्ग की रेखांकित क्रियाओं से स्वयं कुछ करने का बोध हो रहा है, जबकि ख – वर्ग की रेखांकित क्रियाओं से दूसरों को कुछ करने हेतु प्रेरित करने का भाव प्रकट हो रहा है। प्रेरणा देने का बोध कराने वाली ऐसी क्रियाओं को प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। देखना, सीखना, लिखना, भागना, नाचना इन – क्रियाओं के प्रेरणार्थक रूप हैं क्रमशः दिखाना, सिखाना, लिखाना, भगाना और नचाना। इनका प्रयोग करके एक-एक वाक्य बनाओ और शिक्षक/शिक्षिका को दिखाओ।
उत्तर:
क – वर्ग | ख – वर्ग |
मुझे देखना है। | मुझे दिखाना है। |
राम को हिन्दी भाषा सीखना है। | राम को हिन्दी भाषा सीखना है। |
उसे लिखना है। | उसे लिखाना है। |
रोहन को भागना है। | रोहन को भगाना है। |
रिया को नाचना है। | रिया को नचाना है। |
4. तुम लोगों ने ‘जीना-जिलाना मत भूलना’ कविता को पढ़ते समय स्थान-स्थान पर ‘भूलना’ क्रिया-रूप के प्रयोग पर जरूर ध्यान दिया होगा- ‘रोशनी फैलाना मत भूलना’, ‘छाँव देना मत भूलना’, ‘हँसना-हँसाना मत भूलना’ आदि। यहाँ परोक्ष रूप से अनुज्ञा (आज्ञा, अनुरोध आदि) का बोध हो रहा है। और कुछ वाक्य लेते हैं–
सदा सच बोलना।
कभी झूठ मत बोलना।
सुबह व्यायाम करना।
किसी को दुःख मत देना।
यहाँ ‘बोलना “करना’ और ‘देना’ क्रियाओं से अनुज्ञा का भाव प्रकट हो रहा है। इन्हें क्रिया का अनुज्ञा रूप कहते हैं।
क्रिया के अनुज्ञा रूप और हैं। आओ, कुछ और वाक्य लेते हैं:
तू बाजार जा।
तू खाना खा।
तुम बाजार जाओ।
तुम खाना खाओ।
आप बाजार जाइए।
आप खाना खाइए।
यहाँ जा – जाओ – जाइए और खा – खाओ – खाइए इन क्रिया-रूपों के जरिए प्रत्यक्ष रूप से अनुज्ञा का भाव व्यक्त हो रहा है। अब तुमलोग ऐसे ही’ आना’, ‘गाना’, ‘पढ़ना’, ‘लिखना’ और ‘बैठना’ क्रियाओं के अनुज्ञा रूप बनाकर वाक्यों में प्रयोग करो तथा अपने शिक्षक/शिक्षिका को दिखाओ।
उत्तर: (i) तुम इधर आना।
(ii) तुम गाना गाना।
(iii) रोज किताब पढ़ना।
(iv) वाक्य लिखना।
(v) तुम कुर्सी पर बैठना।
5. आओ, निम्नांकित वाक्यों को ध्यान से पढ़ें और समझें:
सवेरे उगकर सूरज कहता है।
खिल-खिल कर फूल कहते हैं।
बढ़ती हुई नदियाँ कहती हैं।
इन वाक्यों के रेखांकित क्रिया-पदों से वर्तमान समय में नियमित रूप से किसी का के होने का भाव प्रकट हो रहा है। और कुछ वाक्य लेते हैं:
लड़का स्कूल जाता है।
लड़की स्कूल जाती है।
लड़का स्कूल जा रहा है।
लड़की स्कूल जा रही है।
लड़का स्कूल जाता होगा।
लड़की स्कूल जाती होगी।
उपरोक्त वाक्यों के रेखांकित क्रिया-पदों से वर्तमान समय में कुछ होने का बोध हो रहा है। अतः ये वर्तमान काल के क्रिया-पद हैं। वर्तमान काल क्रिया-व्यापार की निरंतरता को सूचित करता है। इसके तीन भेद हैं- सामान्य वर्तमान काल तात्कालिक वर्तमान काल और संदिग्ध वर्तमान काल।
पूर्वोक्त वाक्यों में ‘जाता है’ और ‘जाती है’ क्रिया-पदों से वर्तमान समय में नियमित रूप से कार्यों के घटित होने का बोध हो रहा है। अतः ये सामान्य वर्तमान काल के क्रिया – पद हैं। ‘जा रहा है’ और ‘जा रही है’ क्रिया-पदों से वर्तमान समय में क्रिया-व्यापारों के जारी रहने का भाव स्पष्ट है। ये तात्कालिक वर्तमान काल के क्रिया-पद हैं। ‘जाता होगा’ और ‘जाती होगी’ से वर्तमान समय में क्रिया-व्यापार के घटित होने में संदेह का भाव व्यक्त हो रहा है। अतः ये संदिग्ध वर्तमान काल के क्रिया-पद हैं।
अब तुम लोग वर्तमान काल के इन तीनों भेदों के तीन-तीन वाक्य बनाकर शिक्षक/ शिक्षिका को दिखाओ।
उत्तर: (i) राम खाना खाता है।
(ii) सीता खाना खाती है।
(iii) राम खाना खा रहा है।
(iv) सीता खाना खा रही है।
(v) राम खाना खाता होगा।
(vi) सीता खाना खाती होगी।
योग्यता-विस्तार |
1. हँसी का जीवन में बड़ा महत्व है। यह ‘टॉनिक’ का काम करती है। इसलिए आजकल जगह-जगह ‘लाफिंग क्लब’ खोले जा रहे हैं। अगर तुम्हारे इलाके में ऐसा ‘क्लब’ नहीं है, तो अपने मित्रों के सहयोग से इसे खोलने का प्रयास करो।
2. फ्लोरेंस नाइटिंगल और मदर टेरेसा विश्व की ऐसी दो महीयसी नारियाँ हैं, जिन्होंने घायल, दुःखी एवं पीड़ित जनों को जिलाया था अर्थात उन्हें जीने में बड़ी मदद पहुंचायी थीं। उन दोनों के बारे में जानकारी प्राप्त करो। आवश्यकता हो तो अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता लो।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करे।
आओ, पाठ में आए कुछ शब्दों के अर्थ जानें:
शब्द | अर्थ |
जिलाना | |
उगकर | |
सूरज | |
रोशनी | |
छाँव | |
बढ़ती-बढ़ती | |
बहती-बहती | |
विपत्ति | |
गोले | |
उपकरण | |
निरंतर | |
संकट | |
चलें गोलियाँ, फटें गोले |
उत्तर:
शब्द | अर्थ |
जिलाना | दूसरे को जीने की प्रेरणा देना, जीने में मदद पहुँचाना |
उगकर | उदित होकर |
सूरज | सूर्य |
रोशनी | प्रकाश, उजियाला |
छाँव | छाया |
बढ़ती-बढ़ती | आगे बढ़ती हुई |
बहती-बहती | बहती हुई |
विपत्ति | आपदा, बाधा, परेशानी |
गोले | बम आदि गोलाकार मारणास्त्र |
उपकरण | उपादान |
निरंतर | लगातार, अविराम |
संकट | आपदा, विपत्ति |
चलें गोलियाँ, फटें गोले | मनुष्य द्वारा सर्जित आपदाओं का आना |
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