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SEBA Class 7 Hindi MCQ Chapter 16 अमृत वाणी
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अमृत वाणी
MCQs |
1. “मधुर बचन है औषधी, कटुक बचन है तीर” का क्या अर्थ है?
(i) मीठी बातें स्वास्थ्य देती हैं, जबकि तीखी बातें हानि पहुँचाती हैं।
(ii) मीठी बातें कभी नहीं होती।
(iii) तीखे शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
(iv) औषधि केवल कटु होती है।
उत्तर: (i) मीठी बातें स्वास्थ्य देती हैं, जबकि तीखी बातें हानि पहुँचाती हैं।
2. “जो दिल खोजा आपना, मुझ-सा बुरा न कोया” में कवि क्या बताना चाहता है?
(i) सब लोग बुरे हैं।
(ii) खुद को पहचानना महत्वपूर्ण है।
(iii) दूसरों को बुरा समझना चाहिए।
(iv) सभी लोग अच्छे होते हैं।
उत्तर: (ii) खुद को पहचानना महत्वपूर्ण है।
3. “गुरु कुम्हार सिष कुंभ है” से क्या अभिप्राय है?
(i) गुरु छात्रों को आकार देते हैं।
(ii) छात्रों को सीखना नहीं चाहिए।
(iii) गुरु का महत्व नहीं है।
(iv) सभी कुम्हार अच्छे होते हैं।
उत्तर: (i) गुरु छात्रों को आकार देते हैं।
4. “जाति न पूछो साधु की, पूछि लीजिए ज्ञान” का तात्पर्य क्या है?
(i) साधु की जाति महत्वपूर्ण है।
(ii) ज्ञान सबसे बड़ा है, जाति नहीं।
(iii) साधु की पहचान उसकी जाति से होती है।
(iv) ज्ञान और जाति एक समान हैं।
उत्तर: (ii) ज्ञान सबसे बड़ा है, जाति नहीं।
5. “मोल करो तलवार का, पड़ा रहना दो म्यान” का क्या अर्थ है?
(i) तलवार की कीमत समझें, म्यान का नहीं।
(ii) म्यान की कीमत तलवार से अधिक है।
(iii) तलवार का उपयोग करना चाहिए।
(iv) म्यान का महत्व नहीं है।
उत्तर: (i) तलवार की कीमत समझें, म्यान का नहीं।
6. “निंद्रक नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाय” में “निंद्रक” का क्या अर्थ है?
(i) सोने वाला।
(ii) आराम करने वाला।
(iii) आलोचना करने वाला।
(iv) भलाई करने वाला।
उत्तर: (iii) आलोचना करने वाला।
7. “बिन पानी साबुन बिना, निरमल करै सुभाय” का क्या मतलब है?
(i) पानी से सफाई होती है।
(ii) बिना साधनों के भी स्वच्छता हो सकती है।
(iii) साबुन हमेशा उपयोगी होता है।
(iv) पानी की आवश्यकता नहीं होती।
उत्तर: (ii) बिना साधनों के भी स्वच्छता हो सकती है।
8. “दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करै न कोय” से क्या संदेश है?
(i) सुख में याद नहीं करना चाहिए।
(ii) दुख में सभी भगवान को याद करते हैं।
(iii) सुख में भी याद करना चाहिए।
(iv) दुख और सुख एक समान हैं।
उत्तर: (iii) सुख में भी याद करना चाहिए।
9. “दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करै न कोय” का क्या निहित अर्थ है?
(i) कठिनाइयों में ही ध्यान करना चाहिए।
(ii) सुख में कोई ध्यान नहीं करता।
(iii) सभी को सुमिरन करना चाहिए।
(iv) दुख और सुख में भेद नहीं करना चाहिए।
उत्तर: (iv) दुख और सुख में भेद नहीं करना चाहिए।
10. “गुरु कुम्हार सिष कुंभ है, गढ़ि गढ़ि काढ़े खोट” का अर्थ क्या है?
(i) गुरु केवल छात्रों को कठोर बनाते हैं।
(ii) गुरु छात्रों को सजाते हैं।
(iii) गुरु छात्रों को उनके दोषों से सुधारते हैं।
(iv) गुरु का कोई महत्व नहीं है।
उत्तर: (iii) गुरु छात्रों को उनके दोषों से सुधारते हैं।
11. “त्तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहिं न पान” का क्या अर्थ है?
(i) वृक्ष फल नहीं खाते और सरोवर जल नहीं पीते।
(ii) केवल दूसरों के लिए जीना चाहिए।
(iii) सभी जीवों को अपने लिए जीना चाहिए।
(iv) फल और जल सभी के लिए आवश्यक हैं।
उत्तर: (i) वृक्ष फल नहीं खाते और सरोवर जल नहीं पीते।
12. “कहि रहीम पर-काज हित, संपति संचहिं सुजान” का संदेश क्या है?
(i) ज्ञानियों को केवल अपने लाभ की चिंता करनी चाहिए।
(ii) सज्जन लोग दूसरों के लिए संपत्ति जमा करते हैं।
(iii) संपत्ति केवल खुद के लिए होनी चाहिए।
(iv) पर-काज में संपत्ति का कोई महत्व नहीं है।
उत्तर: (ii) सज्जन लोग दूसरों के लिए संपत्ति जमा करते हैं।
13. “रहिमन बिपदा हु भली, जो थोरे दिन होय” का अर्थ क्या है?
(i) विपदा हमेशा बुरी होती है।
(ii) छोटी विपदाएँ अच्छी होती हैं।
(iii) विपदा का सामना करना चाहिए।
(iv) विपदा कभी भी अच्छी नहीं होती।
उत्तर: (ii) छोटी विपदाएँ अच्छी होती हैं।
14. “हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय” से क्या अभिप्राय है?
(i) सबको अपने हित की जानकारी होती है।
(ii) सभी लोग केवल अपने हित के लिए काम करते हैं।
(iii) लोग हमेशा दूसरों के हित को जानते हैं।
(iv) हित और अनहित की समझ सभी को होती है।
उत्तर: (iv) हित और अनहित की समझ सभी को होती है।
15. “रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखहु गोय” में कवि क्या बताना चाहते है?
(i) दूसरों को अपनी पीड़ा बतानी चाहिए।
(ii) अपनी भावनाएँ अपने मन में रखनी चाहिए।
(iii) सभी को अपनी पीड़ा साझा करनी चाहिए।
(iv) मन की बातों को किसी से नहीं कहना चाहिए।
उत्तर: (ii) अपनी भावनाएँ अपने मन में रखनी चाहिए।
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