SEBA Class 10 Hindi MIL Chapter 9 नमक का दारोगा

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SEBA Class 10 Hindi MIL Chapter 9 नमक का दारोगा

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नमक का दारोगा

गद्य खंड

अम्यास-माला

बोध एवं विचार

1. सही विकल्प का चयन कीजिए:

(क) पढ़ाई समाप्त करने के बाद मुंशी वंशीधर किस पद पर नियुक्त हुए?

(i) नमक का दारोगा।

(ii) कांस्टेबल।

(iii) मैनेजर।

(iv) न्यायधीश।

उत्तर: (i) नमक का दारोगा।

(ख) पंडित अलोपीदीन थे दातागंज के प्रतिष्ठित –

(i) व्यक्ति।

(ii) जमींदार।

(iii) दारोगा।

(iv) न्यायाधीश।

उत्तरः (ii) जमींदार।

(ग) अदालत में पंडित अलोपीदीन को देखकर लोग इसलिए विस्मित नहीं थे कि उहोंने क्यों यह कार्य किया बल्कि इसलिए कि-

(i) अलोपीदीन ने भारी अपराध किया था।

(ii) उन्होंने मुंशी वंशीधर को घूस देने की कोशिश की थी।

(iii) वे कानून के पंजे में कैसे आए।

(iv) उपर्युक्त सभी कथन सही।

उत्तरः (iii) वे कानून के पंजे में कैसे आए।

(घ) कहानी के अंत में पंडित अलोपीदीन ने मुंशी वंशीधर को अपनी सारी जायदाद का नियुक्त किया –

(i) मालिक।

(ii) स्थायी मैनेजर।

(iii) वारिस।

(iv) हिस्सेदार।

उत्तरः (ii) स्थायी मैनेजर।

2. अत्यंत संक्षेप में उत्तर दीजिए:

(क) लोग नमक का चोरी-छिपे व्यापार क्यों करने लगे?

उत्तरः लोग नमक का चोरी-छिपे व्यापार करने लगे, क्योंकि उस समय वस्तु का व्यवहार निषेध हो गया था।

(ख) पहले किस प्रकार की शिक्षा पाकर लोग सर्वोच्च पदों पर नियुक्त हो जाया करते थे?

उत्तरः पहले लीग उच्च शिक्षा पाकर सर्वोच्च पदों पर नियुक्त हो जाया करते थे।

(ग) किन गुणों के कारण मुंशी वंशीधर ने अफसरों को मोहित कर लिया था?

उत्तरः अपनी कार्यकुशलता और उत्तम आचार से अपने अफसरों को मोहित कर लिया था।

(घ) नमक के दफ्तर से मील भर दूर कौन-सी नदी बहती थी?

उत्तरः नमक के दफ्तर से मील भर दूर जमुना नदी बहती थी।

(ङ) वंशीधर ने पंडित अलोपीदीन को हिरासत में क्यों लिया?

उत्तरः वंशीधर ने अलोपीदीन को घूस देने का साहस करने के कारण हिरासत में ले लिया।

3. संक्षेप में उत्तर दीजिए:

(क) जब मुंशी वंशीधर रोजगार की तलाश में निकले तो उनके पिता जी ने क्या उपदेश दिया?

उत्तरः जब वंशीधर रोजगार की तलाश में निकले तो उनके पिता जी ने कहा घर की दुर्दशा दे रहे हो हम कर्ज के नीचे दबे हुए हैं तथा लड़कियाँ विवाह योग्य हो गई हैं। ओहदे की ओर ध्यान मत देना। ऐसा काम ढूँढना जहाँ ऊपरी कमाई संभव हो।

(ख) गिरफ्तारी से बचने के लिए पं. अलोपीदीन ने वंशीधर को किस प्रकार रिश्वत देने की पेशकश की?

उत्तरः गिरफ्तारी से बचने के लिए पं. अलोपीदीन ने वंशीधर को एक हजार से शुरू कर चालीस हजार तक की रिश्वत देने की पेशकश की ओर मुख्तार से कहा लाला जी, एक हजार का नोट बाबू साहब को भेंट करिए, भूखे सिंह हो रहे हैं। लेकिन वंशीधर ने कहा एक हजार क्या एक लाख पर भी नहीं। धीरे-धीरे पं. जी धन की राशि बढ़ाते गए परंतु वंशीधर जी नहीं माने।

(ग) यमुना तट पर मुंशी वंशीधर और पं. अलोपीदीन के बीच हुई बातचीत का वर्णन कीजिए।

उत्तरः पं. जी ने मुख्तार से कहा लाला जी, एक हजार का नोट बाबू साहब को भेंट करिए, भूख सिंह हो रहे हैं, लेकिन वंशीधर ने कहा एक हजार क्या एक लाख पर भी नहीं। धीरे-धीरे पं. जी ने राशि को बढ़ाते हुए चालीस हजार पर ले आए पर वंशीधर ने कहा चालीस हजार क्या चालीस लाख पर भी वह अपने धर्म और कर्तव्य पर अडिग रहेंगे।

(घ) डिप्टी मजिस्ट्रेट ने क्या पैसला सुनाया?

उत्तरः डिप्टी मजिस्ट्रेट ने अपनी तजवीज में लिखा, पंडित अलोपीदीन के विरुद्ध दिए गए प्रमाण निर्मूल और भ्रमात्मक हैं। वे थोड़े से लाभ के लिए ऐसा काम न करेंगे। यद्यपि नमक के दरोगा मुंशी वंशीधर का अधिक दोष नहीं, लेकिन यह बड़े खेद की बात है कि उन्होंने एक भले मानुष को कष्ट पहुँचाया। भविष्य में उन्हें होशियार रहना चाहिए।

(ङ) नौकरी से निकाले जाने पर वंशीधर के परिवार वालों की क्या प्रतिक्रिया रही?

उत्तरः नौकरी से निकाले जाने पर उनके पिता जी कुड़बुड़ा रहे थे कि चलते समय ही समझाया था। उनकी माता जी ने दुख तीर्थयात्रा की कामना की थी वह मिट्टटी में मिल गई। उनके पिता जी ने अपना माथा पीट लिया और उनका मन वंशीधर का सिर फोड़ने का कर रहा था।

(च) पं. अलोपीदीन ने वंशीधर को अपनी सारी जायदाद का स्थायी मैनेजर क्यों बनाया?

उत्तरः पं. अलोपीदीन ने वंशीधर को अपनी सारी जायदाद का स्थायी मैनेजर उनकी ईमानदारी के चलते बनाया।

(छ) ‘पं. अलोपीदीन मानवीय गुणों के पारखी थे।’- इस कथन की पुष्टि कीजिए।

उत्तरः ‘पं. अलोपीदीन मानवीय गुणों के पारखी थे’ इसके अनुसार वे जानते थे धर्म धन से परास्त हो ही जाता है, लेकिन वंशीधर ने धर्म की राह पर चल कर उन्हें (पं.) को हिरासत में लिया और उसके बाद पं. जी ने उन्हें अपनी जायदाद का स्थायी मैनेजर बनने का आग्रह किया, क्योंकि पं. जी के लोभ देने के बाद भी वे अपने स्थान पर अडिग रहे।

(ज) मुंशी वंशीधर की चारित्रिक गुणों पर प्रकाश डालिए।

उत्तरः मुंशी वंशीधर कार्यकुशल, कर्तव्यपरायण तथा उत्तम आचार से सबको मोहने वाले व्यक्ति थे। उसके बाद वे प्रलोभन मिलने के बाद भी सत्य के मार्ग पर अडिग रहे।

(झ) इस कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तरः इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति आए हमें धर्म और सत्य का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। कठिन समय बीत जाता है, लेकिन एक बार अधर्म और असत्य के मार्ग पर चलने के बाद वापिस नहीं लौटा जा सकता।

4. आशय स्पष्ट कीजिए:

(क) ‘मासिक वेतन तो पूर्णमासी का चाँद है, जो एक दिन दिखाई देता है और घटते-घटते लुप्त हो जाता है। ऊपरी आय बहता हुआ स्रोत है, जिससे सदैव प्यास बुझती है।’

उत्तरः इस कथन से लेखक का आशय है कि वेतन महीने में एक बार मिलता है और आर्थिक जरूरत अनुसार खत्म हो जाता है पता ही नहीं चलता, जबकि ऊपरी (कमाई) आय लगातार आती रहती है।

(ख) ‘न्याय और नीति सब लक्ष्मी के खिलौने हैं, इन्हें वे जैसा चाहती हैं, नचाती हैं।

उत्तरः इस कथन से लेखक का आशय है कि न्याय और नीति को धन द्वारा कभी भी किसी समय भी तोड़ा-मोड़ा जा सकता है तथा धन के कारण धर्म को कैसे भी नचाया जा सकता है अर्थात किसी भी रूप में धन देकर बदला जा सकता है।

S.L No.CONTENTS
(GROUP – A) काव्य खंड
Chapter – 1पद-युग्म
Chapter – 2वन – मार्ग में
Chapter – 3किरणों का खेल
Chapter – 4तोड़ती पत्थर
Chapter – 5यह दंतुरित मुसकान
Chapter – 6ऐ मेरे वतन के लोगो
Chapter – 7लोहे का स्वाद
गद्य खंड
Chapter – 8आत्म निर्भरता
Chapter – 9नमक का दारोगा
Chapter – 10अफसर
Chapter – 11न्याय
Chapter – 12वन-भ्रमण
Chapter – 13तीर्थ-यात्रा
Chapter – 14इंटरनेट की खट्टे-मीठे अनुभव
(GROUP – B) काव्य खंड
Chapter – 15बरगीत
Chapter – 16कदम मिलाकर चलना होगा
गद्य खंड
Chapter – 17अमीर खुसरु की भारत भक्ति
Chapter – 18अरुणिमा सिन्हा: साहस की मिसाल

भाषा एवं व्याकरण

1. पाठ में आए निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए:

पौ बारह होना, हाथ मलना, सिर माथे पर रखना, फूला न समाना, बात की बात में, धूल में मिलना, लल्लो-चप्पो करना, मुँह में कालिख लगना।

उत्तरः पौ बारह होना – (लाभ ही लाभ होना) नमक का दारोगा बनने के लिए लोग रिश्वत भी दे रहे थे, क्योंकि उस पद पर सबकी मैं बारह थी।

हाथ मलना – (पछताना) सोच समझ कर कार्य करने से हाथ नहीं मलने पड़ते।

सिर माथे पर रखना – (आदर करना) कैलाश ने गौतम द्वारा दिए गए उपहार को सिर माथे रखकर स्वीकार किया।

फूला न समाना – (बहुत खुश होना) हेमराज के ठीक होने पर लाजवंती फूली न समा रही थी।

बात की बात में – (बातों के बीच में ) बात की बात में राम ने सच्चाई बता दी।

धूल में मिलना – (नष्ट होना) शेखर ने अपने घर की इज्जत को एक पल में ही धूल में मिल दिया।

लल्लो-चप्पो करना – (खुसामद करना- चापलूसी करना) कभी-कभी लोग प्रमोशन के लिए अपने अफसर की लल्लो-चप्पो करते हैं।

मुँह में कालीख लगना – (बेज्जती करना – शार्मिंदा होना) अमित ने अपने कुकर्म से घर वालों के मुँह में कालिख पोत दी।

2. निम्नलिखित सामाजिक पदों का विग्रह करते हुए समास-भेद बताइए-

विरहकथा, घास-फूस, कर्तव्यपरायण, बुद्धिहीन, सुख-संवाद, धर्मनिष्ठ, कार्यकुशलता।

उत्तर: विरहकथा: (विरह की कथा) संबंध तत्पुरुष समास।

घास-फूस: (घास और फूस) द्वंद समास।

कर्तव्यपरायण: (कर्तव्य में परायण) अधिकरण तत्पुरुष समास।

बुद्धिहीन: (बुद्धि से हीन है जो) कर्म धारय समास।

सुख-संवाद: (सुख और संवाद) द्वंद समास।

धर्मनिष्ठ: (धर्म में निष्ठ) अधिकरण तत्पुरुष समास।

कार्यकुशलता: (कार्य में कुशलता) अधिकरण तत्पुरुष समास।

3. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थक शब्द लिखिएः

उत्तम, ऋण, न्यायालय, कठोर, आक्रमण, हस्ताक्षर, पूर्णमासी।

उत्तरः उत्तम: श्रेष्ठ, अच्छा।

ऋण: कर्ज, उधार।

न्यायालय: कचहरी, अदालत।

कठोर: सख्त, कड़ा।

आक्रमण: हमला।

हस्ताक्षर: दस्तक्षत, अंकित अक्षर।

पूर्णमासी: पूर्णिमा, पूनम।

4. विलोम शब्द लिखिए:

प्रेम, आय, विवेक, मित्र, यथार्थ, न्याय, नीति, निरादर, त्याग, अलौकिक, अविचलित, कठोर।

उत्तरः प्रेम – घृणा।

आय – व्यय।

विवेक – अविवेक।

मित्र – शत्रु।

यथार्थ – अयथार्थ, कल्पित।

न्याय – अन्याय।

नीति – अनीति।

निरादर – आदर।

त्याग – भोग।

अलौकिक – लौकिक।

अविचलित – विचलित।

कठोर – कोमल।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

1. मुंशी प्रेमचंद का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर: मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस शहर से चार मील दूर लमही नामक गाँव में हुआ था।

2. प्रेमचंद का वास्तविक नाम क्या था?

उत्तर: प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय था।

3. प्रेमचंद के माता-पिता का नाम क्या था?

उत्तर: प्रेमचंद के पिता का नाम अजायब राय तथा माता का नाम आनंदी था।

4. प्रेमचंद के पिता अजायब राय क्या करते थे?

उत्तर: प्रेमचंद के पिता अजायब राय डाकखाने में किरानी थे।

5. प्रेमचंद उर्दू भाषा में किस नाम से लिखते थे?

उत्तर: प्रेमचंद उर्दू भाषा में ‘नवाब राय’ नाम से लिखते थे।

6. उर्दू भाषा में प्रकाशित प्रेमचंद के पहले कहानी संग्रह का क्या नाम हैं?

उत्तर: उर्दू भाषा में प्रकाशित प्रेमचंद के पहले कहानी संग्रह का नाम ‘सोजे वतन’ है।

7. प्रेमचंद ने कब अपने नाम से हिन्दी भाषा में लिखना आरंभ किया?

उत्तर: उर्दू भाषा में प्रकाशित प्रेमचंद का पहला कहानी संग्रह ‘सीजे वतन’ जब अंग्रेज सरकार ने जब्त कर लिया तो उन्होंने प्रेमचंद नाम से हिन्दी भाषा में लिखना आरंभ किया।

8. आजीविका के लिए प्रेमचंद ने कौन-सा पेशा अपनाया?

उत्तर: आजीविका के लिए प्रेमचंद ने शिक्षक के पेशे को अपनाया।

9. प्रेमचंद शिक्षा- विभाग में किस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त हुए?

उत्तर: प्रेमचंद शिक्षा विभाग में डिप्टी इन्सपेक्टर के प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त हुए।

10. प्रेमचंद का देहांत कब हुआ था?

उत्तर: प्रेमचंद का देहांत 8 अक्तूबर, सन 1936 को हुआ था।

11. प्रेमचंद जीवन भर किस तंगी से जूझते रहे?

उत्तर: प्रेमचंद जीवन भर आर्थिक तंगी से जूझते रहे।

12. प्रेमचंद ने लगभग कितनी कहानियाँ और कितने उपन्यासों की रचना की है?

उत्तर: प्रेमचंद ने लगभग तीन सौ कहानियाँ और चौदह उपन्यासों की रचना की है।

13. प्रेमचंद की गिनती किस प्रकार के लेखकों में होती है?

उत्तर: प्रेमचंद की गिनती संसार के महान लेखकों में होती हैं।

14. हिन्दी साहित्य जगत में प्रेमचंद को किन-किन उपाधियों से विभूषित किया गया है?

उत्तर: हिन्दी साहित्य जगत में प्रेमचंद को ‘उपन्यास-सम्राट, ‘महान- कहानीकार और कलम का सिपाही’ जैसी उपाधियों से विभूषित किया गया हैं।

15. प्रेमचन्द की सभी कहानियाँ कहाँ संकलित हैं?

उत्तर: प्रेमचन्द की सभी कहानियाँ ‘मानसरोवर’ के आठ भागों में संकलित हैं।

16. प्रेमचन्द की सर्वश्रेष्ठ एवं चर्चित कहानियाँ कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: प्रेमचन्द की सर्वश्रेष्ठ एवं चर्चित कहानियाँ क्रमश: ‘नमक का दारोगा’, ‘शतरंज के खिलाड़ी’, ‘ठाकुर का कुआँ’, ‘परीक्षा’, ‘बूढ़ी काकी’, ‘पूस की रात’, ‘कफन’, ‘सवा सेर गेहूँ’, ‘ईदगाह’, और ‘दो बैलों की कथा’ आदि हैं।

17. प्रेमचन्द के प्रसिद्ध उपन्यासों में कौन-कौन से नाम आते हैं?

उत्तर: प्रेमचंद के प्रसिद्ध उपन्यासों में क्रमशः ‘गबन’, ‘गोदान’, ‘निर्मला’, ‘सेवासदन’, ‘प्रेमश्रम’, ‘कर्मभूमि’, ‘रंगभूमि’, ‘कायाकल्प’, ‘प्रतीक्षा और ‘मंगलसूत्र’ (अपूर्ण) आदि के नाम आते हैं।

18. कहानी और उपन्यासों के अतिरिक्त प्रेमचंद ने किन-किन पत्रों का सम्पादन किया था?

उत्तर: कहानी और उपन्यासों के अतिरिक्त प्रेमचंद ने ‘हंस’, ‘मर्यादा’ और ‘जागरण’ आदि पत्रों का सम्पादन किया था।

19. कहानी के क्षेत्र में क्रांति का श्रेय किस लेखक को जाता है?

उत्तर: कहानी के क्षेत्र में क्रांति का श्रेय मुंशी प्रेमचंद को जाता है।

20. प्रेमचन्द की कहानियों में कैसा जीवन चित्र दिखाई देता है?

उत्तर: प्रेमचंद की कहानियों में ग्रामीण जीवन का जीवंत चित्र दिखाई देता है।

21. प्रेमचंद की भाषा-शैली कैसी है तथा इसकी विशेषता क्या है?

उत्तर: प्रेमचंद की भाषा-शैली अत्यंत सरल एवं सहज है तथा इसकी विशेषता यह है कि इसे कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी आसानी से समझ लेता है।

22. प्रेमचंद की कहानियों में क्या निहित रहता है?

उत्तर: प्रेमचंद की कहानियों में कोई न कोई महान संदेश निहित रहता है।

23. प्रेमचंद की कहानियों की विशेषता क्या है?

उत्तर: प्रेमचंद की कहानियों की विशेषता अंधविश्वास, अशिक्षा, छुआछुत, ऊँच-नीच का भेदभाव, नारी अत्याचार आदि समस्याओं पर कठोर प्रहार कर समाज-सुधार करना है।

24. प्रेमचंद की कहानियों की रोचकता किस कारण बढ़ गई है?

उत्तर: प्रेमचंद की कहानियों की रोचकता उर्दू शब्द-बाहुल्य तथा मुहावरों एवं कहावतों के सुन्दर प्रयोग से बढ़ गई है।

25. ‘नमक का दारोगा’ कहानी के कहानीकार कौन हैं?

उत्तर: ‘नमक का दारोगा’ कहानी के कहानीकार मुंशी प्रेमचंद है।

26. ऊपरी आय क्या है?

उत्तर: ऊपरी आय बहता हुआ स्रोत हैं।

27. मासिक वेतन क्या है?

उत्तर: मासिक वेतन पूर्णमासी का चाँद हैं।

28. अफसर लोग किन पर विश्वास करने लगे थे?

उत्तर: अफसर लोग नमक के दारोगा वंशीधर पर विश्वास करने लगे थे।

29. यमुना नदी पर किस चीज का पुल बना था?

उत्तर: यमुना नदी पर नावों का पुल बना था।

30. गाड़ियाँ किनकी थीं?

उत्तर: गाड़ियाँ पंडित अलोपीदीन की थीं।

31. पंडित अलोपीदीन कौन थे?

उत्तर: पंडित अलोपीदीन एक प्रतिष्ठित जमींदार थे।

32. अंग्रेजी अफसर किनके मेहमान बनते थे?

उत्तर: अंग्रेजी अफसर पंडित आलोपीदीन के मेहमान बनते थे।

33. गाड़ियों पर क्या लदा था?

उत्तर: गाड़ियों पर नमक लदा था।

34. पंडित अलोपीदीन को किस पर अखंड विश्वास था?

उत्तर: पंडित अलोपीदीन को लक्ष्मी पर अखण्ड विश्वास था।

35. न्याय और नीति किसके खिलौने हैं?

उत्तर: न्याय और नीति लक्ष्मी के खिलौने हैं।

36. ‘हमारे सरकार तो आप ही हैं।’ यह कथन किसका है?

उत्तर: यह कथन पंडित अलोपीदीन का हैं।

37. ईमानदारी की नई उमंग किसमें थी?

उत्तर: ईमानदारी की नई उमंग वंशीधर में थी।

38. शहर में क्यों हलचल मच गई?

उत्तर: पंडित अलोपीदीन को हथकड़ियों में जकड़ा देखकर शहर में हलचल मच गई।

39. सभी लोग विस्मित क्यों थे?

उत्तर: पंडित आलोपीदीन को कानून के पंजे में जकड़ा देखकर सभी लोग विस्मित थे।

40. अदालत की नजर में भला-मानुष कौन था?

उत्तर: अदालत की नजर में भला-मानुष पंडित अलोपीदीन था।

41. पंडित अलोपीदीन को किसने परास्त्र किया था?

उत्तर: पंडित अलोपीदीन को वंशीधर की ईमानदारी ने परास्त किया था।

42. धर्म की बेड़ी में कौन जकड़ा हुआ था?

उत्तर: धर्म की बेड़ी में वंशीधर जकड़ा हुआ था।

43. पंडित अलोपीदीन ने वंशीधर को किस पद पर नियुक्त किया था?

उत्तर: पंडित अलोपीदीन ने वंशीधर को अपनी सारी जायदाद का स्थायी मैनेजर पद पर नियुक्त किया था।

44. वंशीधर का वार्षिक वेतन कितना तय किया गया था?

उत्तर: वंशीधर का वार्षिक वेतन छह हजार रुपया तय किया गया था।

45. ‘अब सौभाग्य और सुअवसर ने मुझे वह मोती दे दिया है? ‘मोती’ कौन था?

उत्तर: मोती वंशीधर था।

46. वंशीधर के पिता ने उन्हें भला-बुरा क्यों कहा?

उत्तर: वंशीधर के पिता ने उन्हें घूस ने लेने पर भला-बुरा कहा।

47. अलोपीदीन ने प्रफुल्लित होकर किसे गला लगा लिया?

उत्तर: अलोपीदीन ने प्रफुल्लित होकर वंशीधर को गला लगा लिया।

48. पंडित अलोपीदीन कौन सी प्रार्थना लेकर वंसीधर के पास आए थे?

उत्तर: अपने यहाँ मैनेजर की नौकरी करने के लिए।

49. ‘नमक का दारोगा’ शीर्षक कहानी का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: ‘नमक का दारोगा’ शीर्षक कहानी का मुख्य उद्देश्य धन पर धर्म की विजय दिखाना हैं।

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