SEBA Class 9 Hindi MIL Chapter 6 गांधीजी के जन्मदिन

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SEBA Class 9 Hindi MIL Chapter 6 गांधीजी के जन्मदिन

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गांधीजी के जन्मदिन

पद्य खंड

अभ्यास -माला

बोध एवं विचार:

1. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिएः

(क) लँगड़े पाँवों को कंधा देने का क्या तात्पर्य है?

उत्तर: इसका तात्पर्य यही है कि जो लाचार और विवश लोग हैं, उनकी मदद करना अर्थात् उन्हें जीवन जीने की प्रेरणा देना।

(ख) समूह में अनगिनत अचीन्हीं आवाजें किनकी हैं?

उत्तर: जनता के बीच दलित, क्षत-विक्षत, विवश और अभावग्रस्त लोगों की अचीह्नीं आवाज है।

(ग) समाज को किन कमजोरियों को गांधी जी प्यार की भाषा देना चाहते हैं?

उत्तर: समाज की कातरता, चुप्पी अथवा पराजित लोगों की कमजोरियों को गांधी जी प्यार की भाषा देना चाहते हैं।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

(क) गांधी जी के कौन-से अनुभव हैं जिनके कारण वे ‘टटकी बंदूक’ की कोई फिक्र नहीं करते?

उत्तर: गांधी जी ने बड़े से बड़े कष्ट झेले हैं। जीवन में उन्होंने विशाल सागर जैसे पारापार न होने वाले दुख को देखा है। अग्नि की भट्ठियों में जैसे व्यक्ति तप जाता है, उनका भी जीवन उसी तरह से तप कर अनुभव प्राप्त करता है। इसीलिए वे टटकी बंदूक के सामने फिक्र नहीं करते।

(ख) गांधी जी पुनर्जन्म क्यों लेना चाहेंगे?

उत्तर: गांधी जी इसलिए पुनर्जन्म लेना चाहते हैं कि वे देश के तमाम शोषित, तापित दुखी-दरिद्रों के दुख-कष्ट को दूर करना चाहते हैं। लोगों की जीवन में खुशी और शांति दिलाना चाहते हैं। जनता की हित के लिए काम करना चाहते हैं।

(ग) कवि ने गांधी जी के स्वभाव की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया है?

उत्तर: कवि ने संकेत किया है कि गांधी जी ज्ञान पिपासु हैं इसलिए रोशनी को खोजते रहते हैं। ज्ञान प्राप्त कर उसे वे कातर और हारे हुए लोगों को बांटना चाहते हैं।

(घ) इस कविता के शीर्षक की सार्थकता पर विचार कीजिए।

उत्तर: कविता का शीर्षक ‘गांधी जी के जन्मदिन पर’ बिल्कुल उपयुक्त है। गांधी जी पैदा होने के बाद उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश की जनता की भलाई के लिए लगा दी थी, उनके कारण ही भारत अंग्रेज शासन से मुक्त हो सका। वैसे और भी गांधी की आवश्यकता आज है। कवि की अपेक्षा है कि देश में और भी वैसे गांधी का जन्म हो और वे देश के लिए काम करें। तब जाकर देश खुशहाल होगा।

3. निम्नलिखित का भावार्थ स्पष्ट कीजिए—

(क) मुझे अनुल्लंघ्य सागरों में झोंका है।

उत्तर: उपर्युक्त पंक्तियों का भावार्थ यह है कि सागर बहुत विशाल होता है, जिसे लांघा नहीं जा सकता। उसी प्रकार जीवन के दुख इतने हैं कि जिन्हें पार नहीं किया जा सकता।

(ख) मैंने तुम्हारे सुनसान का गला घोंटा है।

उत्तर: उपर्युक्त पंक्तियों का भावार्थ यह है कि ब्रिटिश शासन में हुए अत्याचार से देश की जनता चुप थी, डर के मारे कोई कुछ नहीं बोलता था क्योंकि अंग्रेजों का दबदबा इतना था कि यदि कोई कुछ बोल दें या प्रतिवाद करें तो उसे दंड दिया जाता था। परंतु वैसी परिस्थिति होते हुए भी गांधी जी ने आवाज उठाई जैसे सुनसान शासन का गला घोंट दिया हो।

S.L No.CONTENTS
(GROUP – A) काव्य खंड
Chapter – 1पद
Chapter – 2भजन
Chapter – 3ब्रज की संध्या
Chapter – 4पथ की पहचान
Chapter – 5शक्ति और क्षमा
Chapter – 6गांधीजी के जन्मदिन
Chapter – 7ओ गंगा बहती हो क्यों
गद्य खंड
Chapter – 8पंच परमेश्वर
Chapter – 9खाने-खिलाने का राष्ट्रीय शाोक
Chapter – 10गिल्लू
Chapter – 11दुख
Chapter – 12जीवन-संग्राम
Chapter – 13अंधविश्वास की छोटें
Chapter – 14पर्वी का देश भारत
(GROUP – B) काव्य खंड
Chapter – 15बरगीत
Chapter – 16मुक्ति की आकांक्षा
गद्य खंड
Chapter – 17वे भूले नहीं जा सकते
Chapter – 18पिंपलांत्रीः एक आदर्श गाँव

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर:

1. दुष्यंत कुमार जी का संक्षिप्त साहित्यिक परिचय दीजिए।

उत्तर: हिंदी कविता में ‘गजल’ विधा को प्रतिस्थापित करने वाले कवि दुष्यंत कुमार का जन्म उत्तर प्रदेश के बिजनैर जिले के राजपुर नवादा में सन 1933 में हुआ था। काव्य जीवन के प्रारंभ में दुष्यंत कुमार जी गीत लिखते ते और कवि सम्मेलनों में उन्हें गाया करते थे। दुष्यंत कुमार जी की प्रारंभिक शिक्षा बिजनैर में ही हुई थी। उच्च शिक्षा के लिए वे इलाहाबाद आए। यहाँ से उन्होंने बी.ए. और एम.ए. किया। पढ़ाई के दिनों में प्रकाशकों के यहाँ बीच बीच में वे अंशकालिक नौकरिया करते रहे। सरकारी नौकरी मिलने पर वे मध्य प्रदेश आ गए।

आधुनिक हिंदी गजल, गद्यगीत और काव्य-नाटक के शिल्प में दुष्यंत कुमार जी की अपनी अलग पहचान है। अनुभूति की सच्चाई, अभिव्यक्ति की गहराई आत्मीयता एवं सहजता उनके काव्य से प्राणतत्व हैं। दुष्यंत कुमार जी की मृत्यु सन 1975 में हो गई। उनकी पुस्तकों के नाम हैं – आवाजों के घेरे, जलते हुए वन के वसंत, सूर्य का स्वागत, एक कंठ विषयायी और साये में धूप।

2. कवि दुष्यंत कुमार जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर: कवि दुष्यंत कुमार जी का जन्म उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के राजपुर नवादा में सन 1933 में हुआ था।

3. हिंदी कविता में ‘गजल’ विधा को किसने प्रतिस्थापित किया था?

उत्तर: हिंदी कविता के ‘गजल’ विधा को कवि दुष्यंत कुमार जी ने प्रतिस्थापित किया था।

4. काव्य जीवन के प्रारंभ में कवि दुष्यंत कुमार ने क्या किया था?

उत्तर: अपने काव्य जीवन के प्रारंभ में कवि दुष्यंत कुमार जी ने गीत लिखते थे और कवि सम्मेलनों में उन्हें गाया करते थे।

5. दुष्यंत कुमार जी की प्रारंभिक शिक्षा कहाँ से प्राप्त हुई?

उत्तर: दुष्यंत कुमार जी की प्रारंभिक शिक्षा बिजनैर में ही हुई। उच्च शिक्षा के लिए वे इलाहाबाद आए। यहाँ से उन्होंने बी.ए. और एम.ए. किया।

6. पढ़ाई के दिनों में दुष्यंत कुमार जी क्या करते थे?

उत्तर: पढ़ाई के दिनों में प्रकाशकों के यहाँ बीच बीच में वे अंशकालिक नौकरियाँ करते रहे। सरकारी नौकरी मिलने पर वे मध्य प्रदेश आ गए।

7. दुष्यंत कुमार जी के कुछ पुस्तकों के नाम लिखिए।

उत्तर: दुष्यंत कुमार जी कुछ पुस्तकों के नाम हैं – आवाजों के घेरे, जलते हुए वन के वसंत, सूर्य का स्वागत, एक कंठ विषयायी और साये में धूप आदि।

8. दुष्यंत कुमार जी के काव्य के प्राणतत्व क्या थे?

उत्तर: दुष्यंत कुमार जी के काव्य के प्राणतत्व थे – अनुभूति की सच्चाई, अभिव्यक्ति की गहराई, आत्मीयता एवं सहजता।

9. दुष्यंत कुमार जी के मृत्यु कब हुई?

उत्तर: दुष्यंत कुमार जी के मृत्यु 1975 में हो गई।

10. कवि के अनुसार गांधीजी के आदत क्या हैं?

उत्तर: कवि के अनुसार जीवन में कठिन से कठिन यातना सहकर भी अंधेरे में भटकती जनता को जीने का मार्ग दिखाना, शोषित और प्रतारित जनता की दर्द भरी आवाज को दुनिया के सामने लाकर उन्हें प्यार की भाषा पढ़ाना गांधीजी के आदत हैं।

11. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(क) मेरी तो ____________

______________ जहाँ भी हो।

उसे _______________

____________ चीखें

या _____________ हुओं की _____________

जहाँ भी मिलेगी ______________

उन्हें _____________ के ____________ पर बजाऊँगा।

उत्तर: मेरी तो आदत है

रोशनी जहाँ भी हो

उसे खोज लाऊँगा

कातरता, चुप्पी या चीखें

या हारे हुओं की खोज

जहाँ भी मिलेगी

उन्हें प्यार के सितार पर बजाऊँगा।

(ख) इस समूह में

इन __________, __________, _________में

कैसा _______________है!

कोई नहीं सुनता।

पर इन _______________को

और इन _______________ को

____________ सुने मैं ये _____________

उत्तर: इस समूह में

इन अनगिनत अचीन्हीं आवाजों में

कैसा दर्द है।

कोई नहीं सुनता।

पर इन आवाजों को

और इन कराहों की

दुनिया सुने मैं ये चाहूँगा।

12. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में लिखो।

उत्तर: राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 ई. को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी, पिता का नाम करमचंद तथा माता का नाम पुतलीबाई था। गाँधीजी पर उनकी माता के धार्मिक संस्कारों का प्रभाव पड़ा और पिता से उन्हें न्या के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली। वे बचपन से ही सादे विचार तथा सत्यवादी प्रकृति के थे। उनकी स्कूली शिक्षा राजकोट में हुईं। बचपन में ही उनका विवाह कस्तुरबा नामक कन्या से हो गया। विवाह के कारण उनकी शिक्षा में कुछ बाधा पड़ी किन्तु परिश्रम करके वे उसी विद्यालय में मैट्रिक तक की पढ़ाई पूरी करने में सफल हुए। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड जाकर वकालत की परीक्षा पास की।

सन 1891 ई. में वे भारत लौटे और बम्बई (मुम्बई) में वकालत करने लगे, लेकिन झूठ न बोलने के कारण वे इसमें असफल रहे। सन 1893 ई. में एक मुकदमा लेकर वे दक्षिण अफ्रीका गए और जीत हासिल की। वहाँ उन्होंने एक संगठन बनाया और भारतीयों को उनके अधिकार दिलाएँ। फिर सन 1915 ई. में भारत लौटकर 1919 में कांग्रेस दल की बागडोर संभाली और सन 1920 ई. से उन्होंने अंग्रेजी अत्याचारों के खिलाफ आन्दोलन तथा समाज सुधार का कार्य आरंभ कर दिया। असहयोग आन्दोलन सविनय अवज्ञा आन्दोलन तथा भारत छोड़ो आन्दोलन आदि प्रमुख थे। अनेक वर्ष आपने कैद में बिताए और कोई बार आरमण-अनशन किये। महात्मा गाँधी के अथक प्रयास से अन्ततः 15 अगस्त 1947 ई. को भारत स्वाधीन हो गया। इसके बाद वे समाज सुधार में लगे रहे किन्तु नाथूराम गोडसे की गोलियों ने 30 जनवरी 1948 को उनके प्राण ले लिए।

गाँधीजी के विचारों की याद दिलाने के लिए सरकारी दफ्तरों के साथ अन्य स्थानों पर भी उनकी तस्वीर लगाई जाती है। उन्हें याद करने से हमारे मन में सत्य, सादगी, आत्मविश्वास तथा अच्छे आचरण की भावना उत्पन्न होती है।

13. निम्नलिखित पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:

(क) मैं फिरजनम लूँगा _______________

_______________ बाहों में उठाऊँगा।

उत्तर: प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के अंतर्गत कवि दुष्यंत कुमार जी द्वारा रचित ‘गाँधी जी के जन्मदिन पर’ नामक कविता से ली गई है।

संदर्भ: प्रस्तुत पंक्तियों में कवि दुष्यंत कुमार जी ने गांधी जी के बार बार जन्म लेने की सच्चाई की ओर सबकी ध्यान आकृष्ट करके उनकी, प्रयोजनीयता पर आशा व्यक्त की है।

व्याख्या: सत्य और अहिंसा की बात हो या परोरकार के लिए अपना सब कुछ त्याग देने की चर्चा हो, महात्मा गाँधी का नाम लिए बिना बात पूरी नहीं होती है। एक महान नेता, सफल समाज सुधारक के रूप में महात्मा गाँदी जी के नाम सदा प्रातः स्मरणीय रहेंगे जिन्हें हम सभी प्यार से बापू और सन्मान से राष्ट्रपिता कहते हैं।

गांधी जी एक ऐसा व्यक्तित्व है, जिसने जनता को सही मार्ग पर पहुँचाया है, भटकाव से रोका है। जनता चाहती है कि गाँधी का फिर जन्म हो और वह यहाँ आकर अभावग्रस्त लोगों के पीठ को सहलाएँ, उनके दर्द को बांटे। जनता की अपेक्षा है कि गांधी जब एक बार फिर पैदा हों तो वे लंगड़े लुलों को सहारा दें, गिरी हुई पद-मर्दित और पराजित लोगों को सहारा दें। दलित, क्षत-विक्षत, विवश और अभावग्रस्त मानवता को उठाने और उसे सहारा देने के लिए इस संसार में गाँधी को पुनः पैदा होना बहुत जरूरी है।

(ख) तुम मुझको ________________

______________ फिर आऊँगा।

उत्तर: प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के अंतर्गत कवि दुष्यंत कुमार से ली गई है।

संदर्भ: इन पंक्तियों में कवि यह आशा व्यक्त की है कि जीवन में कठिन से कठिन यातना सहकर भी अंधेरे में भटकती जनता को महात्मा जी जीने का मार्ग दिखाए।

व्याख्या: गाँधी जी के पास जीवन के तमाम अनुभव हैं। उन अनुभवों के आधार पर उन्होंने ज्ञान प्राप्त किया है। इसलिए उन्हें डराने से कोई लाभ भी नहीं है, वे सच्चाई के लिए हमेशा अडिग रहे हैं। शोषण और अत्याचार के खिलाफ वे अपने आवाज बुलंद करते हैं चाहे शासन के लोग उन्हें गोली ही क्यों न मार दें।

14. हाँ या नहीं में उत्तर दो:

(क) राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 ई. को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था।

उत्तर: हाँ।

(ख) गाँधीजी पर उनकी माता के धार्मिक संस्कारों का प्रभाव पड़ा था।

उत्तर: हाँ।

(ग) गाँधीजी स्वाधीन भारत के पहला प्रधानमंत्री बने थे।

उत्तर: नहीं।

(घ) नाथूराम गोड्से ने 30 जनवरी 1948 में गाँधीजी की प्राण ले लिए।

उत्तर: हाँ।

(ङ) गाँधीजी एक महान नेता के साथ-साथ एक सफल समाज सुधारक भी थे?

उत्तर: हाँ।

15. निम्नलिखित शब्द समूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए:

(क) जिसे गिना न जा सके।

उत्तरः अनगिनत।

(ख) जिसके समान कोई दूसरा न हो।

उत्तरः अद्वितीय।

(ग) जो प्रशंसा के योग्य हो।

उत्तरः प्रशंसनीय।

(घ) जो किसी का प्रतिनिधित्व करता है।

उत्तरः प्रतिनिधि।

(ङ) जिसका कोई आश्रय नहीं।

उत्तरः निराश्रित।

16. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:

जनम, आजाद, रोशनी, पराजय, स्वतंत्र, अनगिनत

उत्तर: जनम — मृत्य।

रोशनी — तिमिर।

आजाद — गुलाम।

पराजय — जय।

स्वतंत्र — परतंत्र।

अनगिनत — गिनत।

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