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SEBA Class 10 Hindi Additional Chapter 7 साखी
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साखी
ADDITIONAL QUESTION ANSWER |
1. कबीरदास जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: कबीरदास जी का जन्म सन् 1398 में काशी (वाराणसी) में हुआ था।
2. कबीरदास जी की काव्य-रचनाओं में क्या प्रमुख तत्व होते थे?
उत्तर: कबीरदास जी की काव्य-रचनाओं में भक्ति भाव, व्यावहारिक ज्ञान और मानवतावादी दृष्टि का समावेश होता था।
3. कबीरदास जी के जीवन में कौन व्यक्ति उनके गुरु थे?
उत्तर: कबीरदास जी के गुरु स्वामी रामानंद थे।
4. कबीरदास जी की प्रसिद्ध रचना “तेरा साईं तुज्झ में” में क्या संदेश है?
उत्तर: इस पद में कबीरदास जी यह बताते हैं कि परमात्मा हर स्थान में विद्यमान है, जैसे कस्तूरी मृग अपने शरीर में बसी कस्तूरी को ढूंढ़ता है, वैसे ही हम ईश्वर को बाहर ढूंढ़ते हैं, जबकि वह हमारे भीतर ही है।
5. “गुरु कुम्हार सिष कुंभ है” का क्या अर्थ है?
उत्तर: इस पद में कबीरदास जी गुरु के महत्व को बताते हैं, जहां गुरु सुतली की तरह शिष्य को आकार देता है, जैसे कुम्हार मिट्टी से घड़ा बनाता है। गुरु शिष्य को सही दिशा में ढालते हैं।
6. “पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ” का क्या संदेश है?
उत्तर: इस पद में कबीरदास जी यह संदेश देते हैं कि केवल किताबों से ज्ञान प्राप्त नहीं होता। सच्चा ज्ञान वह है जो प्रेम से दिल से समझा जाता है।
7. कबीरदास जी के अनुसार सच्चा पंडित कौन है?
उत्तर: कबीरदास जी के अनुसार, जो ढाई आखर प्रेम का पढ़े, वही सच्चा पंडित होता है। प्रेम से बढ़कर कोई ज्ञान नहीं होता।
8. “माला फेरत जुग भया” का क्या अर्थ है?
उत्तर: इस पद का अर्थ है कि यदि हम केवल माला फेरने में लगे रहें और हमारा मन बाहर की चीजों में उलझा रहे, तो इसका कोई लाभ नहीं है। सच्चा साधना मन के फेर को सही करना है।
9. “जाति न पूछो साधु की” का संदेश क्या है?
उत्तर: इस पद में कबीरदास जी यह कहते हैं कि साधु की जाति पूछने से कोई फर्क नहीं पड़ता, असली महत्व उसके ज्ञान का है। ज्ञान की कीमत तलवार से है, न कि उसके म्यान से।
10. “बुरा जो देखन मैं चला” का क्या अर्थ है?
उत्तर: कबीरदास जी यह बताते हैं कि यदि हम दूसरों में बुराई देखेंगे तो हमें खुद की बुराई से सामना करना पड़ेगा। असल में, जो दिल में बुरा खोजता है, वह अपने अंदर बुराई पाता है।
11. कबीरदास जी के अनुसार सच्चा साधु कौन है?
उत्तर: कबीरदास जी के अनुसार, सच्चा साधु वह है जो ज्ञान में प्रवीण है, न कि वह जो केवल बाहरी रूप या जाति पर जोर देता है।
12. “जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ” का क्या अर्थ है?
उत्तर: इस पद में कबीरदास जी यह कहते हैं कि जो सच्चे दिल से परमात्मा को ढूंढ़ता है, वह उसे पा लेता है। जो डरता है और प्रयास नहीं करता, वह कभी सफल नहीं होता।
13. कबीरदास जी की रचनाओं में कौन सा मुख्य विषय होता था?
उत्तर: कबीरदास जी की रचनाओं का मुख्य विषय भक्ति, प्रेम, और आत्मज्ञान है। उन्होंने सच्चे जीवन के रहस्यों को सरल शब्दों में व्यक्त किया।
14. कबीरदास जी ने अपने समय की किस सामाजिक बुराई की आलोचना की थी?
उत्तर: कबीरदास जी ने जातिवाद, धर्म के ढोंग, और अंधविश्वास की आलोचना की थी। वे मानते थे कि इन चीजों से ऊपर उठकर सच्ची भक्ति करनी चाहिए।
15. “सत गुरु की महिमा अनँत” से कबीरदास जी का क्या आशय था?
उत्तर: इस पद में कबीरदास जी ने गुरु की महिमा का बखान किया है और बताया कि गुरु के आशीर्वाद से ही जीवन में सच्चा ज्ञान और प्रकाश मिलता है।
16. कबीरदास जी के अनुसार, ज्ञान का वास्तविक स्रोत क्या है?
उत्तर: कबीरदास जी के अनुसार, ज्ञान का वास्तविक स्रोत प्रेम और भक्ति है, न कि केवल बौद्धिक या धार्मिक शिक्षा।
17. कबीरदास जी ने अपने कविताओं में किस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया था?
उत्तर: कबीरदास जी ने सरल, सहज और बोधगम्य भाषा का प्रयोग किया, जो जनता के बीच आसानी से समझी जा सके।
18. कबीरदास जी का “माला फेरत जुग भया” के संदेश से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: इस पद से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि हम केवल बाहरी कर्मों पर ध्यान दें और हमारे मन में सच्ची साधना और भक्ति नहीं हो, तो हमारा प्रयास निरर्थक रहेगा।
19. कबीरदास जी के जन्म के समय उनकी माता ने उन्हें कहाँ छोड़ा था?
उत्तर: कबीरदास जी को उनकी माँ ने लहरतारा तालाब के किनारे छोड़ दिया था।
20. कबीरदास जी को गोद लेने वाला जो मुसलमान दंपति था, उनका नाम क्या था?
उत्तर: कबीरदास जी को नीमा और नीरू नामक मुसलमान जुलाहे दंपति ने गोद लिया था।
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