SEBA Class 8 Hindi Chapter 13 मेरा नया बचपन

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SEBA Class 8 Hindi Chapter 13 मेरा नया बचपन

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मेरा नया बचपन

अभ्यास–माला

बोध एवं विचार:

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दों।

(क) बचपन में ऐसी कौन-सी विशेषता होती है, जिसकी बार-बार याद आती है?

उत्तर: बचपन अतुलित आनन्द का भण्डार होता है, इसलिए इसकी बर-बर याद आ।

(ख) कवयित्रो क्ये चाहती है कि उनका बचपन फिर से लौट आए?

उत्तर: कवियत्री ने अपने बचपन को फिर से लौट आने के लिए चाहती है, क्यें कि बचपन बहुत-सी सुन्दर और अतुलीत आनन्द से भरपुर है। 

(ग) ‘वह प्यारा जीवन निष्पाप’ का अर्थ स्पष्ट करो।

उत्तर: वह प्यारा जीवन निष्पाप’ का अर्थ है कि मानव जीवन में तीन काल है-

(क) बचपन। 

(ख) युवाकाल। 

(ग) बुढ़ापा। 

इन तोनों में से बचपन का जीवन अति मधुर है, क्यों कि इस काल में उसका कोई चिंता, दुख, वेदना आंदि से नहीं भर पाएँ। इस काल में केवल खेलना, हँसना, खाना, पीना आदि में व्यसत है। इसलिए कवयित्री को बचपन का जीवन निष्पाप है।

(घ) ‘मेरा नया बचपन’ कविता के प्रतिपाद्य को स्पष्ट करो।

उत्तर: ‘मेरा नया बचपन’ कविता को कवयित्री ने सुन्दर भावना से प्रकाश किया। इस कविता में एक शिशु का मन, स्वभाव आदि को अपनी माँ उसे किस रूप में कर्तव्य निभाता, उनको भी प्रकट किए हैं। इस कविता की प्रतिपाद्य ठीक है। 

2. आशय स्पष्ट करो।

(क) बार-बार आती है मूझ की,

मधुर याद बचपन तेरी।

गया ले-गया तू जीवन की।

सबसे मस्त खुशी मेरी।

उत्तर: कवयित्री ने बचपन को बार-बार याद करती है; क्यों कि बचपन एक निराले आनन्द का जीवन है। खाऔ, नाचो, घुमों-कुछ भी चितां रहित है। जहाँ भी मन करे, चले जाऔ, कोई चिंता नहीं। बचपन एक अनुलीत आनन्द से भरपूर है।

(ख) ‘में बचपन को भूला रही थी,

बोल उटी विटिया मेरी,

नदंन-वन-सी फूल उठी,

यह छोटी सी कुटिया मेरी।

उत्तर: कवयित्री ने यह स्पष्ट किया है कि उसे अपनो फूल- सी नन्ही-बेटी को देख कर अपने बचपन की याद आती है। अपने जीवन को नदंन-कानन में खिले फूलों की तरह अपना मन और छोटी-सी कुटिया चमक होने लगा। 

3. निम्नलिखित कथनों में से सही कथन पर [✓ ] का चिह्न लगाओ।

(क) कवयित्री को बार-बार बचपन की याद आती है, क्यो कि –

(अ) उनकी माँ उन्हें बहुत प्यार करती थी।

(आ) बचपन अतुलित आनंद का भंडार होता है।

(इ) बचपन में कोई काम नहीं करना पड़ता।

उत्तर: कवयित्री को बार-बार बचपन की याद आती है, क्यों कि-

(अ) अनकी माँ उन्हें बहुत प्यार करती थी।

(आ) बचपन अतुलित आनंद का भंडार होता है। (✓) 

(इ) बचपन में कोई काम नहीं करना पड़ता।

(ख) बड़े-बड़े मोती में आसूँ-

(अ) झूला-झूलाते थे।

(आ) जयमाला पहनाते थे।

(इ) आनंद दिलाते थे।

उत्तर: (ख) बड़े-बड़े मोती में आसूँ-

(अ) झूला-झूलाते थे। (✓)

(आ) जयमाला पहनाते थे।

(इ) आनंद दिलाते थे।

(ग) बचपन में रोने पर कवयित्री की माँ-

(अ) उन्हें गोद में उठाकर खूव प्यार करती थी।

(आ) उन्हें बिल्ली से डराती थी।

(इ) उनको पिटाई कर देती थी।

उत्तर: (ग) बचपन में रोने पर कवयित्री की माँ-

(अ) उन्हें गोद में उठाकर खूव प्यार करती थी। (✓)

(आ) उन्हें बिल्ली से डराती थी।

(इ) उनको पिटाई कर देती थी। 

(घ) कवयित्रो को बेटिया उन्हें कया खिलाने आई थी।

(अ) मिटाई।

(आ) चोकलेट।

(इ) मिट्टी।

उत्तर: (घ) कवयित्रो को बेटिया उन्हें कयां खिलाने आई थी।

(अ) मिटाई।

(आ) चोकलेट।

(इ) मिट्टी। (✓)

4. रिक्त स्थानों की पूर्ति करो।

(क) जिसे खोजती थी वरसों से

अब जाकर____ पाया,

भाग गया था मुझे छोड़कर,

वह फिर से आया।

उत्तर: (क) जिसे खोजती थी बरसों से

अब जाकर उसको पाया,

भाग गया था मुझें छोड़कर

वह बचपन फिर से आया।

(ख) आ जा___! एक बार फिर

दे दे अपनी___शांति,

व्याकुल___ मिटाने वाली

वह अपनी___विश्रांति।

उत्तर: आ जा बचपन! एक वार फिर

दे दे अपनी निर्मल शांति,

व्याकुल व्यथा मिटाने वाले

वह अपनी प्राकृत विश्रांति।

S.L. No.CONTENTS
1भारत हमको जान से प्यारा हौ
2कश्मीरी सेब
3मैडम मेरी क्यूरी
4जलाशय के किनारे कुहरी थीं
5उससे न कहना
6भारतीय संगीत की एक झलक
7पहली बूँद
8भारत दर्शन
9जैसे को तैसा
10गोकुल लीला
11भारत की भाषिक एकता
12बाढ़ का मुकाबला
13मेरा नया बचपन
14मैं हूँ महाबाहु ब्रह्मपुत्र

5. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दो।

(क) ‘मेरा नया बचपन’ कविता के रचयिता कौन है?

उत्तर: ‘मेरा नया बचपन’ कविता की रचयिता सुभद्रा कुमारी चौहान जी हे।

(ख) कवयित्री किर्सी बुला रही थी?

उत्तर: कवयित्री अपने नया बचपन को बुला रही थी।

(ग) कवयित्री को नया जीवन किस रूप में प्राप्त हुआ?

उत्तर: जब अपनी बेटिया उन्हें मिट्टी खिलाने आयी है, उस समय कवयित्री को नया-जीवन प्राप्त हुआ।

(घ) कवयित्री को मिट्टी खिलाने के लिए कौन आई थी? 

उत्तर: कवयित्री को मिट्टी खिलाने के लिए अपनी बिटिया आई थी।

(ङ) अपनी बिटिया की किस बाते से कवयित्री बहुत खुश हुई?

उत्तर: ‘माँ-खाओ’ बात से कवयित्री अपनी बिटिया से बहुत खूशी हुई।

(च) कवयित्री के पास बचपन क्या बनकर आया?

उत्तरः कवयित्री के पास बचपन बच्ची बनकर आया।

(छ) किसको मंजुल मूर्ति देखकर कवयित्री में नव-जीवन जाग उठा?

उत्तर: बचपन मजुल देख कर कवयित्री में नव-जीवन जाग उटा।

(ज) क्या तुम्हें थी बचपन प्रिय है?

उत्तर: हाँ, मैं भी बचपन प्रिय है। 

पाठ के आस-पास 

1. बचपन का अतुलित आनंदं क्या हैं? विस्तार से बताओं।

उत्तरः बचपन का अतुलित आनन्द है-इस काल में अपना मन निर्मल, डर, पाप, पूण्य, चिंता, दुख आदि से मुक्त है। कारण यह जीवन केवल खेलना, हँसना, खाना-पीना आदि से भरपूर है। इसलिए बचपन का जीबन अतुलित आंनन्द से भरा हैं।

2. कविता को पढ़ते हुए तुम्हें अपने बचपन की क्या-क्या बातें याद आती है?

उत्तर: कविता को पढ़ने से मुझे बचपन की याद आती है- बचपन में खेलना, खाना, पीना, हँसना-रोना, दौड़ना आंदि। कभी- कभी और भी याद आती है कि बचपन में बच्चें रोते रहे है, तो माँ दोड़कर आंती है और उसको झाड़-पोछकर चुम-चुमाकर गोद में उटा लेता है। फिर गले लगा लेती है। 

भाषा अध्यन 

व्याकरण ज्ञान:

1. पर्यायवाची शब्दों की जानकारी-

आकाश – गगन, आसमान।

पृथ्वी – धरती, धरा।

2. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखो।

मधुर – मीठा, सुन्दर।

खुशी – आनन्द, उत्साह।

निर्मल – पवित्र, परिष्कार।

माँ – मातृ, दूर्गा।

मंजुल – सुन्दर, मनोरम।

सरलता – सरल, सीधे लोग।

शब्दार्थ:

शब्द – अर्थ

निर्भय – निडर। 

बचपन – शिशुकाल।

मधुर – मिठा।

मस्त – निडर।

स्वच्छंद – परिष्कार।

अतुलित – बे-जोड़।

मचल – कोई सामान पाने के लिए रोना।

मोती – कीमती रत्न।

आँसु – लोटक।

निर्मल – शुद्ध।

व्याकुल – दुख।

व्यथा – दुख-वेदना।

निष्पाप – पवित्र।

विश्रांति – आराम।

संन्ताप – कष्ट।

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