SEBA Class 9 Hindi Chapter 6 चिकित्सा का चक्कर

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SEBA Class 9 Hindi Chapter 6 चिकित्सा का चक्कर

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चिकित्सा का चक्कर

अभ्यास-माला:

बोध एवं विचार:

1. सही विकल्प का चयन करो:

(क) लेखक बीमार पड़ने पर कौन-सा विस्कूट खाना चाहता है?

1. ब्रिटेनिया।

2. पारलेजी।

3. गुड्डे।

4. हंटले।

उत्तरः 4. हंटले।

(ख) कहानी में औषधियों का राजा और रोगों का रामवाण किसे बताया गया है?

1. गीली मिट्टी।

2. गर्म पानी।

3. अमृत धारा।

4. मलाई।

उत्तरः 3. अमृत धारा।

(ग) वैद्यजी लेखक को देखने किस सवारी से आए थे?

1. मोटर से।

2. रिक्सा से।

3. पालकी से।

4. घोडे पर।

उत्तर: 3. पालकी से।

(घ) गीली मिट्टी पेट पर लेप कर धूप में बैठने की सलाह लेखक को किसने दी?

1. वैद्यजी ने।

2. चूहानाथ कातर जी ने।

3. हकीम साहब ने।

4. प्रकृति चिकित्सक ने।

उत्तरः 4. प्रकृति चिकित्सक ने।

2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:

(क) लेखक की आयु कितनी है?

उत्तरः लेखक की आयु लगभग पैंतीस वर्ष की है।

(ख) बाग बाजार का रसगुल्ला किसके यहाँ से आया था?

उत्तरः बाग बाजार का रसगुल्ला ‘प्रसाद’ जी के यहाँ से आया था।

(ग) सरकारी डॉक्टर ने लेखक को किस फार्मेसी से दवा मंगाने की सलाह दी?

उत्तरः सरकारी डॉक्टर ने लेखक को ‘चन्द्रकला फार्मेसी से दवा मंगाने की सलाह दी।

(घ) डॉक्टर चूहानाथ कातरजी की फीस कितनी थी? 

उत्तरः डॉक्टर चूहानाथ कातरजी की फीस आठ रुपये थी।

(ङ) लेखक को ओझा से दिखाने की सलाह किसने दी?

उत्तरः लेखक को ओझा से दिखाने की सलाह अपनी नानी की मौसी ने दी थी।

3. संक्षेप में उत्तर दो:

(क) लेखक बीमार कैसे पड़ा?

उत्तरः एक दिन लेखक भोजन में बारह पूरियाँ, आध पाव मलाई तथा बाग बाजार के ‘प्रसाद’ जी की दुकान से लिया हुआ छह स्थूल रसगुल्ला निगल लिया था। इतना अधिक भोजन करने के कारण लेखक वीमार पड़ा।

(ख) पेट में दर्द होने पर लेखक ने कैसी दवा ली? 

उत्तरः पेट में दर्द होने पर लेखक ने अपने पास रहनेवाली औषधियों का राजा, रोगों का रामवाण, अमृतधारा की कुछ बूंदे पान की। इसके अलवा डॉक्टर, बैद्य, हकीम आदि चिकित्सकों के द्वारा दी गई दवा भी पीये।

(ग) अपने देश में चिकित्सा की कौन-कौन-सी पद्धतियों प्रचलित हैं?

उत्तरः अपने देश में चिकित्सा की कई पद्धतियाँ प्रचलित हैं। जैसे- एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होमियोपैथी, जल चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति आदि।

(घ) डॉ. चूहानाथ कातरजी ने लेखक का इलाज कैसे किया?

उत्तर: डॉ. चूहानाथ कातरजी ने लेखक का इलाज के लिए दो रुपये की दवा गरम पानी में घोलकर छोटी-सी पिचकारी मे लम्बी सूई लगाकर उसमें दवा भरी और लेखक के पेट में वह सूई कोंचकर दवा डाली।

(ङ) बैद्य जी ने लेखक को दर्द का क्या कारण बताया?

उत्तरः वैद्यजी ने लेखक का दर्द का कारण वायु का प्रकोप बताया है।

S.L No.CONTENTS
Chapter – 1हिम्मत और जिंदगी
Chapter – 2परीक्षा
Chapter – 3बिंदु-बिंदु विचार
Chapter – 4चिड़िया की बच्ची
Chapter – 5आप भले तो जग भला
Chapter – 6चिकित्सा का चक्कर
Chapter – 7अपराजिता
Chapter – 8मणि-कांचन संयोग
Chapter – 9कृष्ण महिमा
Chapter – 10दोहा-दशक
Chapter – 11नर हो, न निराश करो मन को
Chapter – 12मुरझाया फूल
Chapter – 13गाँव से शहर की ओर
Chapter – 14साबरमती के संत
Chapter – 15चरैवेति
Chapter – 16टूटा पहिया

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:

(क) लेखक ने वैद्यजी और हकीम साहब की पोशाकों के बारे में कैसा व्यंग्य किया?

उत्तरः लेखक ने वैद्यजी की पोशाकों के बारेमें यह व्यंग्य किया है कि वैद्यजी धोती पहने हुए थे और कंधे पर एक सफेद दुपट्टी डाले हुए थे। शरीर पर सूत के नाम पर जनेऊ था, जिसका रंग देखकर यह शंका होती थी कि कविराज जी कुस्ती लड़कर आ रहे हैं। 

हकीम सहाब के बारेमे लेखक कहा है कि- पहनावे में वह चिकन का बंददार कुरता पहने हुए थे। सिर पर बनारसी लोटे की तरह टोपी रखी हुई थी। पाँव में पाजामा और जूता था।

(ख) चिकित्सकों के अलवा लेखक ने और किन लोगों पर कटाक्ष किया है?

उत्तरः चिकित्सकों के अलावा लेखक ने कुछ अन्य लोगों पर व्यंग्य किया है। जो लेखक को देखने आते हैं। हर कोई अपने साथ कुछ-न-कुछ नुस्खा लेकर आता था। लेखक अपनी मित्र मंदलो पर भी व्यंग्य करते हुए कहते हैं कि लोग आते मुझे देखने के लिए, पर चर्चा छिड़ती थी, “प्रसाद जी का अमुक नाटक रंगमंच की दृष्टि से कैसा है? राय कृष्ण दास हफ्ते में नौ बार दाड़ी क्यों बनाते है?” आदि फालतू गप्पे कर दिमाग चाटते थे। लेखक अपनी नानी की मौसी की ओर कटाक्ष करके कहा कि वह मुझे देखने आई। उन्होंने प्रेम से देखा। देखकर बोली, “मैं तो पहले ही सोच रही थी कि यह कुछ ऊपरी खेल है।” यानी किसी चुड़ैल का फसाद है।

(ग) “दो खुराक पीते-पीते दर्द वैसे ही गायव हो जाएगा, जैसे हिंदुस्तान से सोना गायव हो रहा है।” – भाव स्पष्ट करो।

उत्तर: जब लेखक अपने ईलाज के लिए एक सरकारी डॉक्टर को अपने घर बुलाया था तब, डॉक्टर जी ने लेखक के घर आकर लेखक को पूरी तरह से जाँच किया। वह लेखक के लिए दवा लिखा दिया और गरम पानी बोतल में लेकर सेंकने को कहा। उनके अनुसार इसी दवा से लेखक का दर्द जल्दी जल्दी गायब हो जायेगा। जैसे भारतवर्ष से सोना गायब हो रहा है।

यहाँ लेखक जी डॉक्टर द्वारा सोना पर कटाक्ष करके यह बताना चाहा है कि जिस प्रकार कुछ चूरी प्रवृत्ती वाले लोगो से भारतवर्ष का सोना गायब हो रहे हैं, वैसे ही दवा के दो खुराक सेवन करने से लेखक का दर्द तुरन्त गायब हो जाएगा।

(घ) ‘चिकित्सा का चक्कर’ पाठ का कौन-सा प्रसंग तुम्हे सबसे अच्छा लगा और क्यों?

उत्तर: ‘चिकित्सा का चक्कर’ पाठ का सबसे अच्छा प्रसंग है – व्यंग्यात्मकता। लेखक अपना व्यंग्यात्मक कथन द्वारा देश के कुछ मुख्य विषयों पर कटाक्ष किया है। देश के कुछ स्वार्थी लोगों ने अपना उल्लू सीधा करने के लिए हिन्दुस्तान का सोना आत्मसात कर रहे है, जिनको हमें खुले आम चर्चा नही कर पा रहे हैं। लेकिन सरकारी चिकित्सक ने इस प्रसंग को लेखक का दर्द गायब के साथ कटाक्ष किया। दूसरी ओर भारतीय चिकित्सा पद्धति, नकली दवा, वीमार अनुकुल योग्य चिकित्सक का अभाव आदि का व्यंग्य किया है। जिन के कारण लेखक मामूली दर्द के लिए कोई चिकित्सक, वैद्य, ओझा, हकीम आदि को बुलाना पड़ा।

इसलिए मुझे इस पाठ का सही व्यंग्यात्मक प्रसंग सबसे अच्छा लगा।

(ङ) ‘रसगुल्ले छायावादी कविताओं की भाँति सूक्ष्म नहीं थे, स्थूल थे।’ – यह हास्य-व्यंग्य के प्रसंग प्रसाद जी के यहाँ से आये बाग-बाजार के रसगुल्ले के संबंध में है, जिनमें से छह बड़े-बड़े रसगुल्ले लेखक ने खाना खा चूकने के बाद खाये थे। इसी तरह पाठ से पाँच हास्य-व्यंग्य के प्रसंग छाँटकर लिखो।

उत्तर: ‘चिकित्सा का चक्कर’ पाठ से छँटे गए पाँच हास्य-व्यंग्य के प्रसंग–

(i) वैद्यजी के पहनावे देखकर लगता था कि कविराज जी कुस्ती लड़कर आ रहे हैं।

(ii) प्रेमियो को जो मजा प्रेमिकाओं की आँख देखने में आता है, शायद वैसा ही डॉक्टरों को मरीजो की जीभ देखने में आता है।

(iii) खाने के लिए सिवा जूते के और कोई चीज बाकी नहीं रह गई, जिसे, लोगों ने न बताई हो।

(iv) ऐसे सूटवाने का इक्के पर आना वैसा ही मालूम हुआ, जैसे लीडरो का मोटर छोड़कर पैदल चलना।

(v) वे बोले, “वैद्यजी ने बड़े गौर से पत्रा देखा और कहा कि अभी बुध के संक्रांति वृत्त में शनि की स्थिरता है, इकतीस पल नौ विपल में शनि बाहर हो जाएगा और डेढ़ घती एकादशी का योग है। उसके समाप्त होने पर मैं चलूँगा।

5. किसने, किससे और कब कहा?

(क) अभी अस्पताल खुला न होगा, नही तो आपको दवा मँगानी न पड़ती।

उत्तरः यह कथन सरकारी अस्तताल के डॉक्टर साहब ने लेखक से कहीं थी, जब वह लेखक को चन्द्रकला फार्मेसी से अपनी दवा मंगवाने के लिए कहा था।

(ख) यार! आप तो ऐसी बात करते हैं, गोया जिंदगी से वेजार हो गये हैं।

उत्तरः यह कथन हकीम सहाब ने लेखक से कहा था जब लेखक दर्द के मारे अपना जिन्दगी हकीम महाब के हाथों में सौप रहा था।

(ग) मैं तो पहले ही सोच रही थी कि यह कुछ ऊपरी खेल है।

उत्तरः यह कथन लेखक को नानी की मौसी ने कही थी। जब नानी की मौसी लेखक को देखने आए थे।

(घ) तुम्हारी बुद्धि कही घास चरने गयी है?

उत्तर: यह कथन लेखक की पत्नी ने लेखक से कहा था। दंत-चिकित्सक ने लेखक को दाँत उखड़वाने के लिए कहाँ था। डॉक्टर की सलाह से जब लेखक ने अपनी पत्नी से रुपये मांगे थे, तब पत्नी ने कहा।

भाषा एवं व्याकरण ज्ञान:

1. निम्नांकित संज्ञाओं के स्त्रीलिंग रूप लिखो:

डॉक्टर, कवि, विद्वान, आचार्य, पंडित, श्रीमान, ससुर, नाना, मैसा, भाग्यवान।

उत्तरः 

पुलिंगस्त्रीलिंग
डॉक्टरडॉक्टरनी
विद्वानविदुषी
पंडितपंडिताइन
ससुरसास
मैसामौसी
कविकवयित्री
आचार्यआचार्या
श्रीमानश्रीमती
नानानानी
भाग्यवानभाग्यवती

2. निम्नांकित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करो:

दिमाग चाटना, कतर-व्योत करना, पिण्ड छुड़ाना, रफूचक्कर होना, कान काटना, हवा हो जाना, करवटें बदलना।

उत्तर: दिमाग चाटना (असार बातें करके तंग करना): यदु मधु से कहा, यार ! मेरा संग छोड़ दो, सामने मेरी परीक्षा, मुझे पढ़ना है, तुम क्यों मेरा दिमाग चाटना चाहते हो।

कतरब्योंत करना (काट-छाँट करना): बढ़ई ने लकड़ी को कतर ज्योंत कर एक सुन्दर दरवाजा बनाया। 

पिण्ड छुड़ना (पीछा छुड़ाना): हमे बुरी संगति से पिण्ड छुडना चाहिए।

रफूचक्कर होना (गायब होना): डॉक्टर चूहानाथ कातर जी की दवा से लेखक का दर्द रफूचक्क हो गया।

पीछे पड़ जाना (परेशान करना): हर बच्चे अपनी माँ के पीछे पड़ जाते हैं।

कान काटना (अधिक चालाक): लोग कहते है कि व्यापारी लोग कान काटता है।

हवा हो जाना (उड़ जाना): बूढ़े ने अपने बेटे को बड़ा मेहनत करके चढ़ाया, लेकिन जब नौकरी मिली, वह घर छोड़ दिया। बूढा का मेहनत हवा हो गया।

करवटें बदलना (उजागरी रहना): दर्द के मारे लेखक करवटें बदल रहा है।

3. वैद्यजी ने कुछ न पूछा। पहले नाड़ी हाथ में ली। पाँच मिनट तक एक हाथ की नाड़ी देखी, फिर दूसरे हाथ की। बोले ‘वायु’ का प्रकोप है, यकृत से वायु घूमकर पित्ताशय में प्रवेश कर आँत में जा पहुँचा है।

इन पंक्तियों में रेखांकित शब्द किसी-न-किसी कारक की विभक्तियों को सूचित करते हैं। इस तरह कारक के आठ भेदों के अलग-अलग विभक्तियाँ होती हैं। कारक के सभी विभक्तियों का प्रयोग करते हुए आठ वाक्य लिखो।

4. ‘ईमानदार’, ‘कामदार’ जैसे शब्दों के अंत में ‘दार’ प्रत्यय लगे हैं, ‘दार’ प्रत्यय लगाकर अन्य पाँच शब्द लिखों।

उत्तरः समझदार, इज्जतदार, शानदार, किरायेदार, पहरेदार।

5. पाठ में आये अरबी-फारसी भाषा के किन्ही दस शब्दों को छाँटकर उनका हिन्दी में अर्थ लिखो।

अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर:

1. बेदव जी को हिन्दी साहित्य में कैसा साहित्यकार के रूप में जाने जाते है?

उत्तर: बेढन जी को हिन्दी साहित्य में ‘हँसोड़ परम्परा के जीवंत प्रतीक’ तथा हास्य-व्यंग्य साहित्यकार रूप में जाने जाते हैं।

2. बेदव जी का असली नाम क्या है?

उत्तरः बेडव जी का असली नाम कृष्णदेव प्रसाद गौड़ है।

3. बेदव बनारसी जी की काव्य रचनाएँ क्या क्या हैं? 

उत्तर: बेढब बनारसी जी की काव्य रचनाएँ- बेडव की बहक, काव्य मन, बिजली, बेडव की वाणी, नया जमाना आदि है।

4. बेदव द्वारा रचित उपन्यास का नाम क्या है?

उत्तरः बेढव द्वारा रचित उपन्यास का नाम लेफ्टिनेंट पिगसन की डायरी।

शब्दार्थ एवं टिप्पणी:

बुलेटिन – विज्ञाप्ति, समाचार प्रसारित होना। 

रिफ्रेशमेंट – जलपान, अल्पाहार।

सूक्ष्म – महीन।

स्थूल – मोटा, बड़ा।

रामबाण – तुरंत असर करने वाला।

इक्का – घोड़ा गाडी, तांगा।

एहतियात – सावधानी, संयम।

अपेंडिसाइटीज – एक प्रकार की बीमारी।

मर्ज – रोग।

निः शास्त्रीकरण – हथियारबंदी, हथियारों पर प्रतिबंध लगाना।

मंदाग्नि – पाचन शक्ति कमजोर हो जाना।

शूल – दर्द।

कामदार – कसीदाकारी किया हुआ, कर्मचारी। 

नजाकत – नाजुक होने का भाव, कोमलता।

नब्ज – नाड़ी।

नुस्खा – चिकित्सक द्वारा दी गयी दवा और सलाह की पर्ची।

शिफा – फायदा, आराम, तन्दुरुस्ती।

लुकमान – एक प्रसिद्ध हकीम।

ओझा – तांत्रिक, नजर उतारने वाला।

पाइरिया – दाँत की एक बीमारी।

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