SEBA Class 10 Hindi MIL Chapter 5 यह दंतुरित मुसकान

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SEBA Class 10 Hindi MIL Chapter 5 यह दंतुरित मुसकान

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यह दंतुरित मुसकान

अम्यास-माला

काव्य खंड

बोध एवं विचार

1. सहो विकल्प का चयन कीजिए।

(क) बच्चे की दंतुरित मुसकान किसमें जान डाल सकती है?

(i) बेहोश व्यक्ति।

(ii) बीमार।

(iii) मृतक।

(iv) कवि।

उत्तर: (iii) मृतक।

(ख) धूल से सने शरीर वाले बच्चे के रूप में कवि की झोंपड़ी में किसके फूल खिल रहे हैं?

(i) गेंदा।

(ii) गुलाब।

(iii) शेफालिका।

(iv) कमल।

उत्तर: (iv) कमल।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पूर्ण वाक्य में दीजिए:

(क) ‘पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण’- यहाँ ‘कठिन पाषाण’ किसका प्रतीक है?

उत्तरः ‘पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण’ – यहाँ पर ‘कठिन पाषाण’ सख्त पत्थर का प्रतीक है।

(ख) किसका स्पर्श पाकर कठोर पत्थर भी पिघलकर जल बन गया होगा?

उत्तरः बच्चे का स्पर्श पाकर कठोर पत्थर भी पिघलकर जल बन गया होगा।

(ग) ‘बाँस’ एवं ‘बबूल’ किसके प्रतीक हैं?

उत्तर: ‘बाँस’ नीरसता और ‘बबूल’ ढूँठता का प्रतीक है।

(घ) बच्चा एकटक किसे देख रहा है?

उत्तरः बच्चा एकटक कवि को अर्थात अपने पिता को देख रहा है।

(ङ) बच्चे की मधुर मुसकान देख पाने का श्रेय कवि किसे देते हैं?

उत्तरः बच्चे की मधुर मुस्कान देख पाने का श्रेय कवि उसकी माँ को देते हैं।

(च) ‘इस अतिथि से प्रिय तुम्हारा क्या रहा संपर्क’- यहाँ अतिथि शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?

उत्तर: ‘इस अतिथि से प्रिय तुम्हारा क्या रहा संपर्क’- यहाँ अतिथि शब्द कवि के लिए प्रयुक्त किया गया है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए:

(क) बच्चे की ‘दंतुरित मुसकान’ का क्या तात्पर्य है?

उत्तरः बच्चे की ‘दंतुरित मुसकान ‘ से तात्पर्य उसके अभी आए नए दाँतों के साथ बिखेरने वाली नई मुस्कान से है।

(ख) बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तरः वह कहता है मानों उसकी झोंपड़ी में कमल खिल रहे हैं तथा बच्चे की मुसकान तो किसी मृतक को भी जीवित कर सकती है। वे कहते हैं कि बच्चे की मुसकान ने उनके मन की नीरसता और ढूँठेपन को खत्म कर दिया।

(ग) बच्चे की मुसकान और एक बड़े व्यक्ति की मुसकान में क्या अंतर है?

उत्तरः एक बच्चे की मुसकान बहुत मासूम होती है वह निश्चल और नि:स्वार्थ होती है, जबकि एक बड़े व्यक्ति की मुसकान में कई तरह के स्वार्थ छिपे होते हैं।

(घ) बच्चे की मुसकान की क्या विशेषताएँ हैं?

उत्तरः बच्चे की मुस्कान इतनी निश्चाल और निःस्वार्थ होती है कि कोई मृतक भी जीवित हो जाए। उसकी मुस्कान किसी पत्थर को पिघालाकर जल बना सकती है।

(ङ) कवि को कैसे पता चला कि बच्चा उसे पहचान नहीं पाया है?

उत्तरः बच्चा एकटक कवि को देखता रहता है इस प्रकार कवि को पता चलता है कि वह उसे नहीं पहचान रहा है।

(च) कवि अपने आपको ‘चिर प्रवासी’ और ‘अतिथि’ क्यों कह रहे हैं?

उत्तरः कवि अपने आपको चिर प्रवासी और अतिथि इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि वे एक लंबे अंतराल से बाहर रह रहे थे और अपने घर अतिथि की तरह ही जा पाते थे। इस कारण उनकी संतान उसे एकटक देख रही थी।

4. निम्नलिखित पद्यांशों के आशय स्पष्ट कीजिए:

(क) छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात।

उत्तरः इस पंक्ति से कवि का आशय है कि कमल तालाब में खिलना छोड़कर उनकी झोंपड़ी (कुटिया) में खिल रहे हैं।

(ख) छू गया तुमसे कि झरने लग गए शेफालिका के फूल बाँस था कि बबूल?

उत्तरः इस पंक्ति से आशय यह है कि बच्चे की मुसकान से उनके मन की नीरसता और ढूँठ खत्म हो गई तथा पानी शेफालिका के फूल झरने लगे।

(ग) इस अतिथि से प्रिय तुम्हारा क्या रहा संपर्क उंगलियाँ माँ की कराती रही हैं मधुपर्क।

उत्तरः इन पंक्तियों से कवि का आशय है कि वे इधर-उधर भटकते रहे और उसकी माँ ने बच्चे को स्नेह और प्यार दिया।

5. निम्नलिखित प्रश्नों के सम्यक उत्तर दीजिए:

(क) ‘यह दंतुरित मुसकान’ कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: ‘यह दंतुरित मुसकान’ कविता में कवि ने एक बच्चे की निश्चल निःस्वार्थ तथा अवोध मुसकान के बारे में बताया है। वे कहते हैं कि एक बच्चा जब अपनी मुस्कान विखेरता है तो वह किसी के कुटिया और स्वार्थ को नहीं पहचानता बस एक प्यारी सी मुसकान और अपने नए आए दाँतों को दिखाते हुए खिलखिला कर हँस देता है।

(ख) कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को किन उदाहरणों के माध्यम से व्यक्त किया है?

उत्तरः कवि ने बच्चे की मुस्कान को कमल के फूलों से, पत्थर को पिघला कर जल की तरह बनने, शेफालिका फूलों से की है।

(ग) ‘यह दंतुरित मुसकान’ कविता के आधार पर बच्चे से कवि की मुलाकात का जो शब्द-चित्र उपस्थित हुआ है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तरः ‘यह दंतुरित मुस्कान’ कविता में कवि कहते हैं कि वे बहुत लंबे अंतराल तक बाहर ही रहे जिसके कारण बच्चा उन्हें देखकर एकटक देखता ही रहा। इस कारण उन्होंने कहा कि वे अपने नजरें फेर लेते हैं ताकि बच्चे को थकान न हो। वे उसकी माँ का भी धन्यवाद करते हैं कि जिस स्नेह और प्रेम के साथ उन्होंने उसकी देखभाल की है। वे कहते हैं कि वे एक अतिथि की तरह आते हैं जिस कारण बच्चा उन्हें नहीं पहचानता। वे कहते हैं जब भी उनकी नजरें मिलती हैं बच्चे की मुस्कान उन्हें आकर्षित करती है।

6. सप्रसग व्याख्या कीजिए:

(क) तुम्हारी यह ……………… रहोगे अनिमेष।

उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत काव्यांश हमारे पाठ्यपुस्तक अंबर का नागार्जुन द्वारा रचित दंतुरित मुसकान से लिया गया है और उक्त कठन कवि द्वारा बच्चे की माँ को धन्यवाद कहने की प्रसंग में कहा गया है।

व्याख्या: तुम्हारी यह सुंदर मुस्कान किसी मरे हुए व्यक्ति में भी प्राण फूंक देती है। कवि यहाँ पर बच्चे के मुस्कान के बारे बात कर रहे हैं और बताते हैं कि उनकी मासूम सी मुस्कान किसी मरे हुए व्यक्ति में भी जान डाल देती है। धूल से सना हुआ तुम्हारा यह शरीर मानों ऐसा लगता है कमल तालाब में नहीं मेरी झोंपड़ी में खिल रहे हैं। तुम्हारा स्पर्श पाकर पत्थर भी मानों जल हो गया है। तुम्हारी कोमलता के स्पर्श मात्र से ही सेफालिका के फूल झड़ने लगे हैं इससे पहले तो वह बाँस था बबूल की तरह नीरस और ढूँठ हो गया था। वे कहते हैं कि तुमने आज से पहले मुझे नहीं देना इसलिए मुझे पहचान नहीं पा रहे हो और मुझे लगातार देख रहे हो।

(ख) तुम मुझे पाए…………………. आँख लूँ मैं फेर।

उत्तर: प्रसंग: प्रस्तुत काव्यां हमारे पाठ्यपुस्तक अंबर का नागार्जुन द्वारा रचित दंतुरित मुसकान से लिया गया है और उक्त कठन कवि द्वारा बच्चे की माँ को धन्यवाद कहने की प्रसंग में कहा गया है।

व्याख्या: जब दोनों की आँखे मिलती हैं तो बच्चा मुसकान देता है। बच्चे की मुसकान कवि के हृदय को अच्छी लगती है। उसकी मुस्कान देव कवि का निराशा मन खुश हो जाता है। ऐसा लगता है जैसे कमल के फूल तालाब को छोड़कर उसके झोपड़े में खिल उठे है। उस मुस्कान से प्रभावित संन्यास धारण कर चुका कवि को लगता है कि बच्चा कहीं उन्हें देखते देखते थक न जाए इसलिए वे खुद आँखे फेर लेते हैं।

(ग) धन्य तुम, माँ भी………………..कराती रही हैं मधुपर्क।

उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत काव्यांश हमारे पाठ्यपुस्तक अंबर का नागार्जुन द्वारा रचित दंतुरित मुसकान से लिया गया है और उक्त कठन कवि द्वारा बच्चे की माँ को धन्यवाद कहने की प्रसंग में कहा गया है।

व्याख्या: कवि ने शिशु और उसकी माँ की धन्य इसलिए कहा है, क्योंकि ये दोनों कवि के जीवन सुखद क्षण देने वाले हैं। कवि के लिए शिशु की दंतुरित मुसकान एक नया जीवन प्रदान करने वाली है। शिशु उनके जीवन में नए स्रोत का संसार करता है इसलिए वह धन्य है। और धन्य उसकी माँ भी है, क्योंकि यदि बच्चे की माँ नहीं होती तो कवि बच्चे की मंद मंद मुसकाती छवि को देख नहीं पाते।

(घ) देखते तुम इधर ………………..  ही छविमान।

उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत काव्यांश हमारे पाठ्यपुस्तक अंबर का नागार्जुन द्वारा रचित दंतुरित मुसकान से लिया गया है और उक्त कठन कवि द्वारा बच्चे की माँ को धन्यवाद कहने की प्रसंग में कहा गया है।

व्याख्या: कवि कहते हैं कि तुम मुझे देखते हुए थक गए होंगे इसलिए मैं अपनी आँखें फेर लेता हूं। क्या हुआ यदि तुम मुझे पहली बार पहचान नहीं पाए। यदि आज तुम्हारी माँ न होतीं तो मैं यह आज तुम्हारी यह मुस्कान भी नहीं देख पाता। यह कह वे अपनी पत्नी का आभार जताते हैं और कहते हैं तुम्हारा और मेरा क्या संबंध है तुम इसलिए नहीं जानते क्योंकि मैं इधर-उधर भटकता रहा, तुम्हारी ओर ध्यान न दिया। तुम्हारी माँ ने ही सदा तुम्हें स्नेह-प्रेम दिया और तुम्हारी देखभाल की। पर जब भी हम दोनों की निगाहें मिलती हैं तब तुम्हारी यह मुस्कान मुझे आकर्षित कर लेती है।

S.L No.CONTENTS
(GROUP – A) काव्य खंड
Chapter – 1पद-युग्म
Chapter – 2वन – मार्ग में
Chapter – 3किरणों का खेल
Chapter – 4तोड़ती पत्थर
Chapter – 5यह दंतुरित मुसकान
Chapter – 6ऐ मेरे वतन के लोगो
Chapter – 7लोहे का स्वाद
गद्य खंड
Chapter – 8आत्म निर्भरता
Chapter – 9नमक का दारोगा
Chapter – 10अफसर
Chapter – 11न्याय
Chapter – 12वन-भ्रमण
Chapter – 13तीर्थ-यात्रा
Chapter – 14इंटरनेट की खट्टे-मीठे अनुभव
(GROUP – B) काव्य खंड
Chapter – 15बरगीत
Chapter – 16कदम मिलाकर चलना होगा
गद्य खंड
Chapter – 17अमीर खुसरु की भारत भक्ति
Chapter – 18अरुणिमा सिन्हा: साहस की मिसाल

भाषा एवं व्याकरण

1. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए:

गात, जलजात, तालाब, जल, फूल, अतिथि, मधु, माँ, आँक, पाषाण

उत्तरः गात: शरीर, देह।

जलजात: कमल, पंकज।

तालाब: ताल, पोखर।

जल: पानी, नीर।

फूल: पुष्प, कुसुम।

अतिथि: मेहमान, आगंतुक।

मधु: शहद, कुसुमासमव रसा।

माँ: माता, जननी।

आँस: नेत्र, नयन।

पाषाण: पत्थर, शिला।

2. ‘दंतुरित मुस्कान’ में ‘दंतुरित’ विशेषण शब्द है और ‘मुस्कान’ भाववाचक संज्ञा है। इन दोनों शब्दों की जोड़ी अच्छी लगती है।

पठित कविता से आप भी कम से कम तीन इस प्रकार के शब्द-युग्म (विशेषण और संज्ञा) छाँटकर लिखिए।

उत्तरः (क) चिर- प्रवासी।

(ख) कठिन पाषाण।

(ग) धूलि-धूसर।

3. ‘मुहावरे’ ऐसे वाक्यांस होते हैं, जिनके प्रयोग से वाक्य प्रभावशाली हो जाता है तथा बातचीत करने की शैली रोचक हो उठती है।

जैसे- देखते ही देखते राम का मोबाइल छू मंतर हो गया। यहाँ ‘छू मंतर होना’ मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है – गायब होना।

इसी प्रकार उक्त कविता में आए निम्नोक्त मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए: आँख फेर लेना, कनखी मारना, आँखें चार होना।

उत्तर: आँस फेर लेना – (प्रतिकूल होना): जब मैंने राम से मदद माँगी तो उसने आँस फेर ली।

कनखी मारना -(आँख से इशारा करना): अपने पिता को देख कर बच्चा कनखी मारने लगा।

आँखें चार होना – ( आमना सामना होना): एक बार आँखें चार होने पर कोई भी सहज में आँखें फेर नहीं सकता।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

1. लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

(क) दंतुरित मुसकान से बच्चे की उम्र कितनी हो सकती है?

उत्तरः बच्चे की उम्र ८ या ९ महने की होगी इसी समय बच्चे के दाँत निकलने शुरू होते हैं।

(ख) बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तरः बच्चे की दंतुरित मुसकान देखकर कवि का मन प्रसन्नता से भर उठता है। उन्हें लगता है कि ऐसी हंसी पर मृत व्यक्ति पर भी जान आ जाए।

(ग) ‘छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजान’ का आशय स्पष्ट करो।

उत्तरः धूल से सना शिशु का शरीर और उसकी निच्छल मुसकान कवि को इतना प्रभावित करती है कि उसे लगता है जैसे कोई कमल का फूल तालाब में न खिलकर उनकी झोपड़ी के अंदर खिल गया हो।

(घ) बच्चे के मुसकान और व्यक्ति की मुसकान का एक अंतर स्पष्ट दो।

उत्तरः बच्चे के मुस्कान अबोध हो सकते है परंतु व्यक्ति के मुसकान कृत्रिम भी होती है।

2. दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तरः

(क) कवि ने बच्चे की मुसकान के सौन्दर्य को किन-किन बिम्बों के माध्यम से व्यक्त किया है?

उत्तरः कवि नागार्जुन ने बच्चे की मुसकान के सौन्दर्य को निम्नलिखित बिम्बों के माध्यम से व्यक्त किया है – 

(क) मृतक में भी जान डाल देना।

(ख) कमल का तालाब छोड़कर झोपड़ी में खिलना। 

(ग) बाँस या बबूल से शेफालिका के फूलों का झड़ना।

(घ) स्पर्श पाकर पत्थर का पिघलना। 

(ङ) तिरछी नजरों से देख कर मुसकाना।

(ख) बच्चे से कवि की मुलाकात का जो शब्द-चित्र उपस्थित हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तरः कवि और बच्चा दोनों एक-दूसरे से पहली बार मिले है इसलिए बच्चा उन्हें एकटक देखता रहता है। बच्चे की मुस्कान कवि के हृदय को प्रसन्नता से भर देती है। उन्हें ऐसा लगता है जैसे कमल के फूल तालाब को छोड़कर इसके झोपड़े में खिल उठे हैं। उन्हें लगता है कि बच्चा कहीं उन्हें देखते देखते थक ना जाए इसीलिए वह आँख फेर लेते हैं।

(ग) बच्चे की हँसी से कवि के हृदय में कौन सा परिवर्तन आता है?

उत्तरः दंतुरित का अर्थ है बच्चे में पहली बार दाँत निकलना। बच्चों की दंतुरित मुसकान बड़ी मोहक होती है। बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर अत्यंत गहरा प्रभाव पड़ता है। बाँस और बबूल जैसी कठोर प्रकृति वाले कवि को लगा कि उसके आस-पास शेफलिका के फूल झड़ने लगे हो। कवि को बच्चे की मुसकान बहुत मनोहक लगती है जो मृत शरीर में भी प्राण डाल देती है। उस मुसकान से प्रभावित सन्यास धारण कर चुका कवि पुनः गृहस्थ-आश्रम में लौट आया।

(घ) बच्चे की मुसकान मृतक में भी कैसे जान डाल देती है?

उत्तरः बच्चे की मुसकान में इतनी प्रफुल्लता, इतनी जीवतंता होती है कि वह उदासीन एवं गंभीर चेहरे में भी प्रसन्नता भर देती है। उस मुसकान में ऐसा अपार सुख है कि मरे हुए व्यक्ति में भी प्राणों का संसार कर देती है। अर्थात ऐसा कौन सा व्यक्ति होगा, जो बालक की मुसकान को प्राप्त कर प्रसन्नता से न भर उठे।

(ङ) भाव स्पष्ट करो।

छू गया …………………. बबूल?

उत्तरः प्रस्तुत काव्यांश का भाव है कि बच्चों के स्पर्श में ऐसा जादू होता है कि कोई भी कटोर हृदय जल के समान पिघल जाए। बच्चे के स्पर्श से बाँस तथा बबूल जैसे कांटेदार वृक्ष से भी पूल झरने लगते हैं। भावहीन और संवेदनाशून्य व्यक्तियों में भी सुख, आनंद और वात्यल्य रस का संसार हो जाता है। उसी प्रकार बच्चे का स्पर्श पाकर कवि का भी नीरस मन प्रफूल्लित हो जाता है।

3. सप्रसंग व्याख्या करो:

(क) छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात।

उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत काव्यांश हमारे पाठ्यपुस्तक अंबर का नागार्जुन द्वारा रचित दंतुरित मुसकान से लिया गया है और उक्त कठन कवि द्वारा बच्चे की माँ को धन्यवाद कहने की प्रसंग में कहा गया है।

व्याख्या: प्रस्तुत काव्यांश का भाव है कि कोमल शरीर वाले बच्चे खेलते हुए बहुत आकर्षक लगते है। कवि ने यहाँ बच्चे की सुंदर मुसकान की तुलना कमल के फूल से की है। बच्चे की हंसी को देखकर ऐसा लगता है मानों कमल के पूल अपना स्थान पविर्तित कर तालाब के स्थान पर इस झोपड़ी में खिलने लगे हैं। बच्चे की हंसी को देखकर मन में बहुत उल्लास होता है।

4. कवि ने शिशु और उसकी माँ को धन्य क्यों कहा है? ‘यह दंतुरित मुसकान’ कविता के आधार पर बताइए।

उत्तरः कवि ने शिशु और उसकी माँ को धन्य इसलिए कहा है, क्योंकि ये दोनों कवि के जीवन में सुखद क्षण देने वाले है। कवि के लिए शिशु की दंतुरित मुसकान एक नया जीवन प्रदान करने वाली है। कवि के जीवन में शिशु की नए-नए दाँतों वाली घोली, सरल एवं निश्चल मुसकान एक नई उर्जा एवं प्राणों का संचार करने वाली है। इसलिए वह धन्य है और धन्य उसकी माँ भी है, क्योंकि यदि बच्चे की माँ नहीं होती, तो कवि बच्चे की मंद-मंद मुसकाती घोटे-घोटे दाँतों से युक्त छबि नहीं देख पाता एवं न उसे जान पाता।

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