Class 12 Hindi MIL Chapter 21 डायरी के पन्ने

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Class 12 Hindi MIL Chapter 21 डायरी के पन्ने

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डायरी के पन्ने

वितान

प्रश्नोत्तर:

1. यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलनेवाली एक आवाज है। एक ऐसी आवाज, जो किसी संत या कवि की नहीं, बल्कि एक साधारण लड़की है। इल्या इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के संदर्भ में ऐन फ्रैंक की डायरी के पठित अंशों पर विचार करें।

उत्तर: इल्या इहरनबुर्ग ने टिप्पणी की है कि यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलनेवाली एक साधारण लड़की की आवाज हैं। एन फ्रैंक की यह डायरी इतिहास के एक सबसे आतंकप्रद और दर्दनाक अध्याय के साक्षात अनुभव का बयान करती है। यहां हम उस भयावह दौर को किसी इतिहासकार की निगाह से नहीं बल्कि सीधे भोक्ता की निगाह से देखते है। इस डायरी में लेखिका के माध्यम से उन साठ हजार लोगों का भय, आतंक, भूख, प्यार, मानवीय संवेदनाएँ, हवाई हमले का डर, पकड़े जाने का लगातार डर को व्यक्त किया गया है। यह डायरी यहूदियों पर ढाए गए जुल्मों का एक जीवंत दस्तावेज हैं।

2. काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला…। क्या आपको लगता है कि ऐन के इस कथन में उसके डायरी लेखन का कारण छिपा हैं?

उत्तर: ऐन अकेलापन महसूस करती थी। उसके व्यक्तित्व के साथ सबसे मुश्किल बात यह है कि वह किसी भी ओर की तुलना में अपने आप को धिक्काती है। ऊपर से माँ के उपदेशों की पोटली भी बड़ी भारी हो जाती। तब ऐन उससे ऊबकर मुक्ति की चाह कर बैठती। कई बार तो ऐन अपने आपको प्रताड़ित करने लगती। और सान्तवना के दो बोल सुनने को तरस जातो। ऐन अपनी भावनाओं को, अपनी संवेदनाओं को किट्टी नामक गुड़ियाँ को संबोधित करती हुई डायरी लिखती है।

3. प्रकृति-प्रदत्त प्रजनन शक्ति के उपयोग का अधिकार बच्चे पैदा करें या न करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें – इस की स्वतंत्रता स्त्री से छीन कर हमारी विश्व व्यवस्था ने न सिर्फ स्त्री को व्यक्तित्व विकास के अनेक अवसरों से वंचित किया है, बल्कि जनाधिक्य की समस्या भी पैदा की है।

ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अंश में व्यक्त विचारों के संदर्भों में इस कथन का औचित्य ढूंढें।

उत्तर: स्त्री ही मानव जाति की निरंतरता को बनाये रखने के लिए कई तकलीफों से गुजरती है संघर्ष करती है। “मौत के खिलाफ मनुष्य” नामक किताब में कहा गया है कि युद्ध में लड़ने वाले वीर को जितनी तकलीफ पीड़ा, बीमारी और यंत्रणा से गुजराना पड़ता हैं, उससे कहीं ज्यादा तकलीफ स्त्री को बच्चे जन्म देते समय होता है। वह अधिक मजबूत और बहादूर सिपाहियों से भी ज्यादा मेहनत करके खटती हैं। अतः प्रकृति प्रदत्त प्रजनन शक्ति के उपयोग का अधिकार स्त्री को ही होना चाहिए। इससे स्त्री के व्यक्तित्व का विकास तो होगा ही साथ ही जनाधिक्य की समस्या भी नहीं होगी।

5. ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज है, तो साथ ही उसके निजी सुख दुख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फर्क मिट गया है। इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमति तर्कपूर्वक व्यक्त करें।

उत्तर: जहां एक ओर देन उस समय का जीवंत दस्तावेज़ अपनी डायरी में लिखा वहीं उसने अपने निजी सुख-दुख और भावनाओं का भा वर्णन किया हैं। इस डायरी में ऐन ने अपने भय, आतंक, भूख, प्यार, मानवीय संवेदनाएँ, प्रेम, घृणा, बढ़ती उम्र की तकलीफें, हवाई हमले के डर, पकड़े जाने का लगातार डर, तेरह साल की उम्र के सपने, मानसिक और शारीरिक जरुरतें, हँसी-मज़ाक, युद्ध की पीड़ा, अपना अकेलापन सभी को एक लिखीत रूप दिया है।

6. ऐन ने अपनी डायरी ‘किट्टी’ (एक निर्जीव गुड़िया) को संबोधित चिट्टी की शुक्ल में लिखने की जरुरत क्यों महसूस की होगी?

उत्तर: ऐन को हमेशा एक शिकायत थी, कि उसे समझने वाला कोई नहीं था। वह एक ऐसे व्यक्ति की तलाश में थी, जो उसकी संवेदनाओं, भावनाओं को समझ सके। शायद ऐन ने किट्टी को अपनी बातें व्यक्त करने का जरिया बना लिया था। यही कारण हैं, कि वह अपनी डायरी में किट्टी को सम्बोधित कर अपनी बातें कही हैं।

S.L No.CONTENTS
आरोह: काव्य खंड
Chapter – 1दिन जल्दी-जल्दी ढलता है
Chapter – 2कविता के बहाने
Chapter – 3कैमरे में बंद अपाहिज
Chapter – 4सहर्ष स्वीकारा है
Chapter – 5उषा
Chapter – 6कवितावली (उत्तर कांड से)
Chapter – 7रुबाईयाँ
Chapter – 8छोटा मेरा खेत
Chapter – 9बादल – राग
Chapter – 10पतंग
आरोह: गद्य खंड
Chapter – 11बाजार दर्शन
Chapter – 12काले मेघा पानी दे
Chapter – 13चार्ली चैप्लिन यानी हम सब
Chapter – 14नमक
Chapter – 15शिरीष के फूल
Chapter – 16भक्तिन
Chapter – 17पहलवान की ढोलक
Chapter – 18श्रम विभाजन और जाति प्रथा
वितान
Chapter – 19सिल्वर वैडिंग
Chapter – 20अतीत में दबे पांव
Chapter – 21डायरी के पन्ने
Chapter – 22जूझ

7. ऐन फ्रैंक का डायरी पहली बार कब प्रकाशित हुई?

उत्तर: ऐन फ्रैंक की डायरी पहली बार सन् 1947 में प्रकाशित हुई। यह मूलता डच भाषा में थी।

8. ऐन फ्रैंक का जन्म कब और कहाँ हुआ था? 

उत्तर: ऐन फ्रैंक का जन्म १२ जून सन् १९२९ ई० में जर्मनी के फ्रैंक फंर्ट शहर में हुआ। 

9. ऐन फ्रैंक और उसके परिवार को अज्ञात स्थान में क्यों छिपना पड़ा?

उत्तर: सन् 1933 के मार्च महिने में फ्रैंकफर्ट के नगर निगम चुनावों में हिटलर की नाजी पार्टी की जीत के तुरंत बाद जब वहाँ यहूदी-विरोधी प्रर्दशनों ने जोर पकड़ा, तब फ्रैंक परिवार ने अपने को असुरक्षित महसुस किया और अज्ञात स्थान पर छिपने चले गये।

10. ‘सेट्रल ऑफ़िस फॉर ज्यूइश इम्मीग्रेशन’ से किसके लिए बुलावा आया था? 

उत्तर: सेट्रल ऑफ़िस फॉर ज्यूइश इम्मीग्रेशन की तरफ से मार्गोट को बुलावा आया था।

11. मार्गोट कौन थी?

उत्तर: मार्गोट ऐन की बड़ी बहन थी।

12. मिस्टर वान दान कौन थे?

उत्तर: मिस्टर वान दान ऐन के पिता के विजनेस पार्टनर थे।

13. मिएप कौन थी?

उत्तर: मिएप ऐन के पिता की कम्पनी में काम रही थी, और वह उनके करीबी दोस्तों में से थी।

14. ऐन और उनके परिवार वाले को क्यों पैदल सफर करना पड़ रहा था? 

उत्तर: उन दिनों यहूदियों को किसी सवारी पर चलने की मनाही थी। ऐन और उसका परिवार यूहदि होने के कारण सवारी नहीं पा रहे थे।

15. यतनागृहों में कैद यहूदियों को कब यातना गृह से छुड़ाया गया?

उत्तर: महायुद्ध में जब मित्र राष्ट्रो के हाथ जर्मनी की पराजय हुई तब अप्रेल 1945 में यहूदियों की यातना गृह से आजाद कराया गया।

16. एन फ्रैंक ने किसे सम्बोधित करते हुए डायरी लिखा है?

उत्तर: ऐन फ्रैंक ने किट्टी नामक निर्जीव गुड़िया को सम्बोधित करते हुए डायरी लिखा है।

17. ऐन की डायरी एक ऐतिहासिक दौर का जीवतं दस्तावेज हैं- ऐसा क्यों कहा यया है?

उत्तर: ऐसा इसलिए कहा गया है, क्योंकि यह डायरी इतिहास के एक सबसे आतंकप्रद और दर्दनाक अध्याय के साक्षातअ अनुभव का बयान करती है। उन दिनों किस प्रकार यहूदियों पर अत्याचार किये जाते हैं, ऐन की डायरी में उसका पूरा ब्यौरा मिलता है।

18. यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलनेवाली एक आवाज़ है — ऐसा क्यों कहा गया है?

उत्तर: ऐन ने अपनी डायरी में उन दिनों के दर्दनाक परिस्थितीयों को अपनी डायरी लिखा हैं। उन तमाम लोगों पर कि जाने वाले यातनाओं का वर्णन ऐन ने अपनी डायरी में किया है। ऐन की आवाज़ उन साठ लाख लोगों की तरफ से बोलनेवाली एक आवाज़ है।

19. ऐन स्त्री को सम्मान और सराहना का हकदार क्यों मानती है?

उत्तर: ऐन स्त्री को इसलिए सम्मान का हकदार मानती हैं, क्योंकि स्त्रोयाँ मानव जाति की निरंतरता बनाये रखने के लिए बहुत संघर्ष और तकलीफों से गुजरती हैं।

20. ऐन ने स्त्री को सिपाहियों से श्रेष्ठ बताया है, क्यों?

उत्तर: ऐन ने कहाँ है, कि युद्ध में लड़ने वाले सैनिको को जितनी तकलीफ, पीड़ा, बीमारी और यंत्रणा से गुजरना पड़ता हैं, उससे कहीं अधिक तकलीफ एक स्त्री को बच्चे जन्म देते समय होती है। अतः ऐन ने स्त्री को श्रेष्ठ कहा है।

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